शहडोल। क्या आपने कभी ये सोचा है कि आप अपने पोषण वाटिका या अपने खेतों में ऐसी फूलगोभी की भी खेती आसानी से कर सकते हैं, जो न केवल कुपोषण से जंग लड़ने में आपके लिए सहायक होगी, बल्कि आपके इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मददगार होगी. दिखने में रंग बिरंगी होगी तो वहीं कई पोषक तत्वों से भरपूर होगी. इतना ही नहीं किसान इससे मालामाल भी हो सकते हैं. आज कल अमेरिका जैसे कई और देशों में गोभी 2200 रुपये किलो की दर से बिक रही है. गोभी की यह किस्म देखने में विचित्र है. इस गोभी में पिरामिड जैसी आकृति वाले टूटे हुए फूल हैं. वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि यह गोभी का फूल ऐसा दिखता क्यों है.
इस गोभी को रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) कहते हैं. इसका दूसरा नाम रोमनेस्को ब्रोकोली भी है. वनस्पति विज्ञान की भाषा में इसे यह ब्रैसिका ओलेरासिया कहा जाता है. इस प्रजाति के तहत सामान्य गोभी के फूल, पत्ता गोभी, ब्रोकोली और केल जैसी सब्जियां उगती हैं. अमेरिका और यूरोपीय देशों में इसकी खेती भी की जाती है. इसकी खेती से किसानों को काफी फायदा होता है. ईटीवी भारत हर समय अपके लिए अलग अलग तरह कि चीजे लेकर आता रहता है. आज आपकों बायोफोर्टीफाइड गोभी के बारे में बताएंगे.
ये कोई साधारण गोभी नहीं, पोषक तत्वों की भरमार है
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा बताती हैं की कुपोषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए ये नया प्रयोग किया गया है. जिससे खेतों में, पोषण वाटिका में इस स्पेशल गोभी को लगाया जा सके, क्योंकि ये रंग बिरंगी दिखने वाली गोभियां सेहत के लिए काफी गुणकारी हैं. ये बायोफोर्टीफाइड गोभियां हैं. बायोफोर्टीफाइड से आप समझ सकते हैं कि उसमें कुछ तत्व ऐसे हैं, जो साधारण गोभियों की तुलना में कई गुना ज्यादा हैं. जैसे हम लोगों ने इस बार यहां ट्रायल के तौर पर पीली कलर की गोभी, पर्पल कलर, ब्रोकली हरे कलर की गोभी लगाई हुई है, तो आपको इनके रंग से ही इसकी जानकारी हासिल हो जाएगी. वैसे भी ब्रोकली एंटीऑक्सिडेंट रिच होता है, हमारे शरीर में जो भी खराब तत्व होते हैं. उसे बाहर निकालने का काम ये करता है. एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. ये गोभियां लोगों की सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद हैं.
पीले और रंग पर्पल कलर की गोभी पोषक तत्वों से है भरपूर
पीले रंग की गोभी में कैरोटीन रिच होता है, हर कोई जानता है कि कैरोटीन हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है. पर्पल कलर की गोभी में जैन्थोसायनिन रिच होता है, तो ये भी हमारे सेहत लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. सभी के लिए चाहे वो फिर किसी भी एज ग्रुप की हों, चाहे बच्चे हो, बुजुर्ग हों, या फिर चाहे कोई भी हो, या फिर कोई किसी भी बीमारी से लड़ रहा हो तो उसके लिए भी ये बहुत फायदेमंद होता है. यह सभी तरह की गोभियां बायोफोर्टिफाइड हैं और यह हमारे सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक हैं.
कुपोषण को दूर भगाने में होगा सहायक
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा बताती हैं कि ये बायोफोर्टिफाइड गोभियां पोषक तत्वों से परिपूर्ण हैं, तो हमारे जिले में कुपोषण की समस्या चल रही है. जिसमें देखा जा रहा है कि बच्चों में खास करके विटामिन ए की कमी है. आयरन की कमी है तो इन सभी चीजों के लिए बायोफोर्टीफाइड क्रॉप का प्रचलन लाना होगा. हमारी खेती किसानी में और इनको ज्यादा से ज्यादा बढ़ाना होगा. घर घर की पोषण वाटिका तक ले जाना होगा और अगर इसका इस्तेमाल आम लोगों में बढ़ता है, तो कुपोषण से लड़ाई में भी ये कारगर साबित होगा.
इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर
खाद्य वैज्ञानिक डॉक्टर अल्पना शर्मा का कहना है कि ये विशेष प्रकार की गोभियां इम्यूनिटी बढ़ाने में कारगर हैं. यह हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत देती हैं. तो एक तरह से ये हमारे शरीर के इम्यूनिटी को बढ़ाता है. जो कोरोना के समय में बोला जा रहा है कि इम्यूनिटी आपको हाई रखनी है, तो इम्यूनिटी हाई रखने के तरीके में आप बायोफोर्टीफाइड क्रॉप पर जा सकते हैं. जानिए क्या होती हैं बायोफोर्टिफाइड गोभियां ?
बायोफोर्टीफाइड गोभियां आप इसे साधारण भाषा में समझें तो उसमें किसी एक तत्व को बढ़ाकर डाला गया है. जेनेटिक उसमें किया गया है और किसी एक तत्व को उसमें बढ़ाया गया है, जिसके चलते ये आपको रंग बिरंगी दिख रही हैं, इसीलिए साधारण गोभियों की तुलना में इसमें ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं.
इसकी खेती के लिए जिले की मिट्टी और जलवायु अच्छी
कृषि वैज्ञानिक डॉ मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि बायोफोर्टीफाइड गोभियां होती हैं, इसका मतलब ही है कि इसमें न्यूट्रिशन ज्यादा होता है. ज्यादा पौष्टिक होती हैं और इन किस्मों की उपलब्धता हमारे बाजार में है. आसानी से इसके बीज विक्रेताओं के यहां इसके बीज भी उपलब्ध हैं और इनकी खेती में ऐसे कोई विशेष अलग करने की आवश्यकता नहीं है. जैसे आप लोग आम गोभी की खेती करते हैं. उसी ढंग से इसकी भी खेती की जाती है. इसे जैविक रूप में किया जाए तो इसका और अच्छा टेस्ट रहता है. पोस्टिक रहती है और हम लोगों ने अभी कृषि विज्ञान केंद्र में भी जो प्रयोग किया है. उसमें खुले में किया है और उस तरह से किया है कि किसान अपने खेतों में भी इसे अगर लगाता है, तो किस तरह का एटमॉस्फेयर रहता है तो यह प्रयोग सफल रहा है. हम चाहते हैं कि लोग, किसान इसे आकर देखें कि किस तरह से जैविक तरीके से इस बायोफोर्टिफाइड खेती को किया गया है और ये पूरी तरह से सफल रहा है, खेती अच्छी हुई है.
किसान हो सकते हैं मालामाल
इन बायोफोर्टीफाइड किस्म की गोभियों को लगाकर किसान अच्छे खासे पैसे भी कमा सकता है. क्योंकि इन गोभियों के दाम भी बाजार में अच्छे ज्यादा मिलते हैं. रंग बिरंगे गोभियां होने की वजह और अलग तरह की दिखने की वजह से इन फूलगोभीयों की डिमांड भी मार्केट में अच्छी रहती है. वहीं पोषक तत्वों से भरपूर इन स्पेशल गोभियों को लोग पसंद भी बहुत करते हैं. ऐसे में किसान इन गोभियों की खेती करके मालामाल हो सकते हैं.