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द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया का क्या है ये मिशन, कश्मीर से कन्याकुमारी साइकिल से सफर

Bicycle Man Of India Neeraj Prajapati: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया नीरज प्रजापति अपनी यात्रा के दौरान गुरुवार को शहडोल पहुंचे. जहां कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया. नीरज मिलेट्स के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. वह साइकिल से कश्मीर टू कन्याकुमारी के सफर पर निकले हैं.

Bicycle Man Of India Neeraj Prajapati
द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया का मिशन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 4, 2024, 7:44 PM IST

द बाइसिकल मैन ने की ईटीवी भारत से बात

शहडोल। कभी-कभी कोई ऐसा काम कर जाता है, जिसकी तारीफ किए बगैर कोई रुक नहीं पाता है. हरियाणा का एक युवा जिसे द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है. वो इन दिनों एक विशेष मिशन पर निकला है. अपने इसी मिशन के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से सफर कर रहे हैं. जिसके तहत आज शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे. जहां उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बात की. उन्होंने बताया कि आखिर उनका ये पूरा मिशन है क्या? वो क्यों कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से चल रहे हैं.

शहडोल पहुंचे द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया: शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में आज द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया अपने नए मिशन के साथ पहुंचे. जो इन दिनों कश्मीर टू कन्याकुमारी का सफर साइकिल से कर रहे हैं. इसी के तहत आज वह शहडोल जिले तक पहुंचे. जहां वो शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. उनके स्वागत के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक कर्मचारी और किसान मौजूद रहे. जहां उनका स्वागत किया गया.

Bicycle Man of India Neeraj Prajapati
शहडोल पहुंचे बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया

कौन है द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया जिनका नाम नीरज कुमार प्रजापति है. ये हरियाणा के रहने वाले हैं. यह इन दिनों 4200 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हुए हैं. मिशन मिलेट फ्रॉम कश्मीर टू कन्याकुमारी के तहत यह कश्मीर के लाल चौक से 1 दिसंबर को सुबह 10:00 बजे वहां साइकिल से चले थे. 31 जनवरी 2024 को शाम 5:00 बजे तक उन्हें कन्याकुमारी पहुंचना है. यह 4200 किलोमीटर का सफर वह साइकिल से ही तय करेंगे.

क्यों कर रहे सफर ?: नीरज कुमार प्रजापति बताते हैं कि वो ये सफर मोटे अनाज के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए कर रहे हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है कि जो 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ द मिलेट्स के नाम से घोषित किया गया है. यूनाइटेड नेशंस की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इसको लेकर वह किसान भाइयों को मिलेट्स की जानकारी दे रहे हैं. जगह-जगह साइकिल से जा रहे हैं और जागरूक कर रहे हैं. इसी के तहत वो कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से सफर कर रहे हैं.

Bicycle Man of India Neeraj Prajapati
कृषि विज्ञान केंद्र ने किया स्वागत

वहीं आज वे शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे. यहां वह किसानों से बात करेंगे, मोटे अनाज के प्रति किसानों को अवेयर करेंगे और मोटे अनाज की खेती करने में किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं. क्या समस्याएं आ रही है कैसे इसमें और वैल्यू एडिशन किया जा सकता है. मोटे अनाज को बढ़ावा कैसे दिया जा सकता है इस बात को लेकर भी वो उन्हें प्रेरित करेंगे.

मोटे अनाज को लेकर कर रहे जागरूक: नीरज कुमार प्रजापति कहते हैं कि वह मोटे अनाज के प्रति लोगों को जागरूक तो कर ही रहे हैं, लेकिन जो एक बड़ी समस्या ज्यादातर किसान बता रहे हैं कि उन्हें प्रोसेसिंग मशीन की दिक्कत आती है. अगर प्रोसेसिंग मशीन की व्यवस्था हो जाए तो इससे अपने समूह में ही अपने गांव में ही इसकी व्यवस्था करके वो इससे पैसे कमा सकते हैं. इसके मार्केटिंग की और प्रोसेसिंग की अगर व्यवस्था हो जाए तो इसे और बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा अगर इस सफर के दौरान जहां भी उन्हें मोटे अनाज के बारे में कोई जानकारी मिलती है, या नया बीज मिलता है तो उसे रख लेते हैं.

अब तक कितना कर चुके सफर: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया कहते हैं कि अब तक वो लगभग 2600 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. अभी कन्याकुमारी पहुंचने तक वह लगभग 16 सौ से 1700 किलोमीटर की यात्रा और करेंगे. हालांकि इसमें कई आदिवासी इलाके भी होते हैं.

Bicycle Man Of India Neeraj Prajapati
मिलेट्स को लेकर कर रहे जागरुक

आदिवासी भाई ज्यादा जागरूक: नीरज ने बताया कि आदिवासी अंचलों में जब हम पहुंचे तो वहां हमें मोटे अनाज के प्रति लोग ज्यादा जागरूक मिले. वही लोग इन्हें बचाकर रखे हुए हैं. बाकी लोग तो छोड़ चुके हैं, लेकिन आज भी वह लोग मोटे अनाज की खेती करते हैं. उस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं.

यहां पढ़ें...

कुछ अलग करने की है ललक: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया नीरज ने कहा कि उन्हें शुरुआत से ही कुछ अलग करने का जुनून था और इसीलिए वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान वह जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को प्रमोट करने के लिए साइकिल चलाना शुरु कर दिए. जगह-जगह अलग-अलग जिलों में पहुंचना शुरू किया और लोगों को अवेयर किया. लगभग 5 साल उन्होंने जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों को अवेयर किया. इस मिशन के तहत वे लोगों को मोटे अनाज के प्रति अवेयर कर रहे हैं.

द बाइसिकल मैन ने की ईटीवी भारत से बात

शहडोल। कभी-कभी कोई ऐसा काम कर जाता है, जिसकी तारीफ किए बगैर कोई रुक नहीं पाता है. हरियाणा का एक युवा जिसे द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है. वो इन दिनों एक विशेष मिशन पर निकला है. अपने इसी मिशन के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से सफर कर रहे हैं. जिसके तहत आज शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे. जहां उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बात की. उन्होंने बताया कि आखिर उनका ये पूरा मिशन है क्या? वो क्यों कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से चल रहे हैं.

शहडोल पहुंचे द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया: शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में आज द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया अपने नए मिशन के साथ पहुंचे. जो इन दिनों कश्मीर टू कन्याकुमारी का सफर साइकिल से कर रहे हैं. इसी के तहत आज वह शहडोल जिले तक पहुंचे. जहां वो शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. उनके स्वागत के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक कर्मचारी और किसान मौजूद रहे. जहां उनका स्वागत किया गया.

Bicycle Man of India Neeraj Prajapati
शहडोल पहुंचे बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया

कौन है द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया जिनका नाम नीरज कुमार प्रजापति है. ये हरियाणा के रहने वाले हैं. यह इन दिनों 4200 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हुए हैं. मिशन मिलेट फ्रॉम कश्मीर टू कन्याकुमारी के तहत यह कश्मीर के लाल चौक से 1 दिसंबर को सुबह 10:00 बजे वहां साइकिल से चले थे. 31 जनवरी 2024 को शाम 5:00 बजे तक उन्हें कन्याकुमारी पहुंचना है. यह 4200 किलोमीटर का सफर वह साइकिल से ही तय करेंगे.

क्यों कर रहे सफर ?: नीरज कुमार प्रजापति बताते हैं कि वो ये सफर मोटे अनाज के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए कर रहे हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है कि जो 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ द मिलेट्स के नाम से घोषित किया गया है. यूनाइटेड नेशंस की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इसको लेकर वह किसान भाइयों को मिलेट्स की जानकारी दे रहे हैं. जगह-जगह साइकिल से जा रहे हैं और जागरूक कर रहे हैं. इसी के तहत वो कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल से सफर कर रहे हैं.

Bicycle Man of India Neeraj Prajapati
कृषि विज्ञान केंद्र ने किया स्वागत

वहीं आज वे शहडोल जिले के कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे. यहां वह किसानों से बात करेंगे, मोटे अनाज के प्रति किसानों को अवेयर करेंगे और मोटे अनाज की खेती करने में किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं. क्या समस्याएं आ रही है कैसे इसमें और वैल्यू एडिशन किया जा सकता है. मोटे अनाज को बढ़ावा कैसे दिया जा सकता है इस बात को लेकर भी वो उन्हें प्रेरित करेंगे.

मोटे अनाज को लेकर कर रहे जागरूक: नीरज कुमार प्रजापति कहते हैं कि वह मोटे अनाज के प्रति लोगों को जागरूक तो कर ही रहे हैं, लेकिन जो एक बड़ी समस्या ज्यादातर किसान बता रहे हैं कि उन्हें प्रोसेसिंग मशीन की दिक्कत आती है. अगर प्रोसेसिंग मशीन की व्यवस्था हो जाए तो इससे अपने समूह में ही अपने गांव में ही इसकी व्यवस्था करके वो इससे पैसे कमा सकते हैं. इसके मार्केटिंग की और प्रोसेसिंग की अगर व्यवस्था हो जाए तो इसे और बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा अगर इस सफर के दौरान जहां भी उन्हें मोटे अनाज के बारे में कोई जानकारी मिलती है, या नया बीज मिलता है तो उसे रख लेते हैं.

अब तक कितना कर चुके सफर: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया कहते हैं कि अब तक वो लगभग 2600 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. अभी कन्याकुमारी पहुंचने तक वह लगभग 16 सौ से 1700 किलोमीटर की यात्रा और करेंगे. हालांकि इसमें कई आदिवासी इलाके भी होते हैं.

Bicycle Man Of India Neeraj Prajapati
मिलेट्स को लेकर कर रहे जागरुक

आदिवासी भाई ज्यादा जागरूक: नीरज ने बताया कि आदिवासी अंचलों में जब हम पहुंचे तो वहां हमें मोटे अनाज के प्रति लोग ज्यादा जागरूक मिले. वही लोग इन्हें बचाकर रखे हुए हैं. बाकी लोग तो छोड़ चुके हैं, लेकिन आज भी वह लोग मोटे अनाज की खेती करते हैं. उस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं.

यहां पढ़ें...

कुछ अलग करने की है ललक: द बाइसिकल मैन ऑफ इंडिया नीरज ने कहा कि उन्हें शुरुआत से ही कुछ अलग करने का जुनून था और इसीलिए वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान वह जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को प्रमोट करने के लिए साइकिल चलाना शुरु कर दिए. जगह-जगह अलग-अलग जिलों में पहुंचना शुरू किया और लोगों को अवेयर किया. लगभग 5 साल उन्होंने जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के प्रति लोगों को अवेयर किया. इस मिशन के तहत वे लोगों को मोटे अनाज के प्रति अवेयर कर रहे हैं.

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