शहडोल। जिला मुख्यालय में हर वर्ष की तरह इस बार भी बाणगंगा मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसकी शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होगी. इसका आयोजन नगर पालिका द्वारा किया जायेगा. वहीं प्रशासन की ओर से इसकी परमिशन भी मिल चुकी है.
5 दिन लगेगा मेला, कितना सुरक्षित
जिला प्रशासन ने बाणगंगा मेले की परमिशन दे दी है. इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष उर्मिला कटारे का कहना है कि सबसे पहली बात तो शासन की कोई भी गाइडलाइन ऐसी नहीं आई है, जिसमें मेला नहीं लग सकता है. हमारी कलेक्टर सहित लोगों के साथ मेले के आयोजन को लेकर मीटिंग हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि मेले का आयोजन किया जाना चाहिए.
नगर पालिका अध्यक्ष ने कहा कि हमारे माध्यम से किसी भी तरह का प्रचार-प्रसार इस मेले का नहीं किया जा रहा है, क्योंकि बाणगंगा कुंड एक धार्मिक स्थल है, जहां पर लोग मकर संक्रांति के दिन स्नान करने यहां आते हैं. तो नगर पालिका परिषद अध्यक्ष होते हुए समस्त नगर परिषद का ये कर्तव्य बनता है कि नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाए. इसके लिए मास्क वितरण सहित मेडिकल चेकअप के लिए व्यवस्था की जाएगी.
नगर पालिका अध्यक्ष से कहा कि दूसरे राज्यों से तो कम ही लोग यहां आते है, लेकिन जिले और संभाग के 80 प्रतिशत लोग यहां आते है.
होती हैं काफी भीड़
इस मेले के आयोजन को लेकर इसलिए सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इस मेले में लाखों की तादाद में पब्लिक आती है. शहडोल संभाग ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी लोग इस मेले में हिस्सा लेने आते हैं. वजह मकर संक्रांति के दिन से शुरू होने वाले इस मेले का धार्मिक महत्व भी है.
कोरोना काल में मेले का आयोजन उचित नहीं
कोरोना काल में बाणगंगा मेले के आयोजन को लेकर लोग भी बेबाकी से अपनी राय दे रहे हैं. कांग्रेस नेता और प्रदेश प्रवक्ता अजय अवस्थी बताते हैं कि कोरोना के इस बढ़ते प्रभाव के समय मेले का लगना बिल्कुल अनुचित है. वैसे भी बहुत सारे त्योहार इस कोरोना संकट काल में नहीं मनाए गए. उन्योंहे कहा कि अगर आप किसी चीज को खुली छूट दोगे, तो वहां पर जनसमूह इकट्ठा होगा. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ेगा.