शहडोल। देश के पीएम भले ही कितना भी स्वच्छता के लिए जागरूक हो या फिर लगातार स्वच्छता के लिए अपील करते हुए नजर आते हो, लेकिन राज्य के ओडीएफ जिले शहडोल का हाल कुछ और ही है,यहां शौचालय का निर्माण तो किया गया लेकिन आधी अधूरा.
मामला शहडोल जिले के देवगवां गांव में आने वाली कटहरी, जरवाही, सेमरिया और देवगवां गांव का है, दरअसल यहां पर पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण होना था, टेंडर भी डाले गए ठेकेदारों को टेंडर भी मिल गए,उसके बाद वहां शौचालय का निर्माण तो हुआ लेकिन सिर्फ कागजों में,सभी शौचालयों के निर्माण की राशि भी स्वीकृत कर दी गई.
इस जिले को केंद्र सरकार की तरफ से ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित भी कर दिया गया, हालांकि यहां की सच्चाई पूरी तरह से उलट है यहां शौचालय के नाम पर सिर्फ दीवार हैं या फिर दो शौचालय को मिला कर एक बनाया गया उसमें भी पाइपलाइन नहीं है,यहां के रहवासियों का कहना है कि उनको खुले में शौच जाना अच्छा नहीं लगता लेकिन जब शौचालय पूरी तरह से बना ही नहीं है तो हम क्या करें.
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को स्वच्छ बनाने का सपना देख रहे हैं और दूसरी ओर इस तरह से उनके सपनों पर पलीता लगाया जा रहा. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि कहीं पूरे आदिवासी जिले के गांवों का भी तो कुछ ऐसा ही हाल नहीं है. जिला कागजों में तो ओडीएफ हो गया है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है.