शहडोल। सिद्धि विनायक गणपति बप्पा आज शहर के पंडालों में विराजेंगे. जगह-जगह गणेश भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इस बार लोगों को मिट्टी के गणेश जी की स्थापना करने की अपील की जा रही है और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं से बचने की सलाह दी जा रही है क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण को नुकसान होता है.ये कहना है आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह का.
जानिए कितना खतरनाक है प्लास्टर ऑफ पेरिस
आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह बताते हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने गणेश की मूर्तियों को पानी में किसी जलाशय में या फिर किसी नेचुरल रिसोर्सेज में प्रवाहित करते हैं तो प्लास्टर ऑफ पेरिस की स्पेसिफिक डेंसिटी बहुत कम होती है स्पेसिफिक डेंसिटी कम होने से वो पानी में बहता है और जो भी जीव जंतु उस जलाशय में आश्रित होते हैं, वो भी उसे खाते हैं और वो भी उसे पचा नहीं पाते.
इसके अलावा जो लोग उन जलीय जीव जंतुओं में आश्रित हैं वो भी उनके जरिये बीमार पड़ते हैं. इसके अलावा जो लोग पानी पीने का इस्तेमाल करते हैं वो लोग उसे पचा नहीं सकते है.प्लास्टर ऑफ पेरिस पेट की छोटी आंत में जाकर जमा हो जाता है.डॉक्टर तरुण ने बताया कि कई बार देखने को मिलता है कि जो गॉल ब्लैडर की पथरी होती है. वो केमिकल खाद से होती है या फिर ये प्लास्टर ऑफ पेरिस के तत्वों से होती है. प्लास्टर ऑफ पेरिस से टॉक्सिसिटी, एन्टराइटिस, गाल ब्लेडर का स्टोन, एसिडिटी, मस्कुलर क्रैम्पिंग, कॉन्स्टिपेशन ये खरतनाक बीमारियां हो सकती हैं.