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पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने दी मिट्टी के गणेश स्थापित करने की सलाह

गणेश जन्मोत्सव पर आयुर्वेदिक डॉक्टर तरुण सिंह ने लोगों को अपने घरों में मिट्टी के गणेश स्थापित करने की सलाह दी है. इसके साथ ही प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने गणेश प्रतिमाओं से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी है.

घर में स्थापित करें मिघर में स्थापित करें मिट्टी के गजानन ट्टी के गणेश
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Published : Sep 2, 2019, 12:25 PM IST


शहडोल। सिद्धि विनायक गणपति बप्पा आज शहर के पंडालों में विराजेंगे. जगह-जगह गणेश भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इस बार लोगों को मिट्टी के गणेश जी की स्थापना करने की अपील की जा रही है और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं से बचने की सलाह दी जा रही है क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण को नुकसान होता है.ये कहना है आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह का.

घर में स्थापित करें मिट्टी के गजानन

जानिए कितना खतरनाक है प्लास्टर ऑफ पेरिस
आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह बताते हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने गणेश की मूर्तियों को पानी में किसी जलाशय में या फिर किसी नेचुरल रिसोर्सेज में प्रवाहित करते हैं तो प्लास्टर ऑफ पेरिस की स्पेसिफिक डेंसिटी बहुत कम होती है स्पेसिफिक डेंसिटी कम होने से वो पानी में बहता है और जो भी जीव जंतु उस जलाशय में आश्रित होते हैं, वो भी उसे खाते हैं और वो भी उसे पचा नहीं पाते.

इसके अलावा जो लोग उन जलीय जीव जंतुओं में आश्रित हैं वो भी उनके जरिये बीमार पड़ते हैं. इसके अलावा जो लोग पानी पीने का इस्तेमाल करते हैं वो लोग उसे पचा नहीं सकते है.प्लास्टर ऑफ पेरिस पेट की छोटी आंत में जाकर जमा हो जाता है.डॉक्टर तरुण ने बताया कि कई बार देखने को मिलता है कि जो गॉल ब्लैडर की पथरी होती है. वो केमिकल खाद से होती है या फिर ये प्लास्टर ऑफ पेरिस के तत्वों से होती है. प्लास्टर ऑफ पेरिस से टॉक्सिसिटी, एन्टराइटिस, गाल ब्लेडर का स्टोन, एसिडिटी, मस्कुलर क्रैम्पिंग, कॉन्स्टिपेशन ये खरतनाक बीमारियां हो सकती हैं.


शहडोल। सिद्धि विनायक गणपति बप्पा आज शहर के पंडालों में विराजेंगे. जगह-जगह गणेश भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इस बार लोगों को मिट्टी के गणेश जी की स्थापना करने की अपील की जा रही है और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं से बचने की सलाह दी जा रही है क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण को नुकसान होता है.ये कहना है आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह का.

घर में स्थापित करें मिट्टी के गजानन

जानिए कितना खतरनाक है प्लास्टर ऑफ पेरिस
आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह बताते हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने गणेश की मूर्तियों को पानी में किसी जलाशय में या फिर किसी नेचुरल रिसोर्सेज में प्रवाहित करते हैं तो प्लास्टर ऑफ पेरिस की स्पेसिफिक डेंसिटी बहुत कम होती है स्पेसिफिक डेंसिटी कम होने से वो पानी में बहता है और जो भी जीव जंतु उस जलाशय में आश्रित होते हैं, वो भी उसे खाते हैं और वो भी उसे पचा नहीं पाते.

इसके अलावा जो लोग उन जलीय जीव जंतुओं में आश्रित हैं वो भी उनके जरिये बीमार पड़ते हैं. इसके अलावा जो लोग पानी पीने का इस्तेमाल करते हैं वो लोग उसे पचा नहीं सकते है.प्लास्टर ऑफ पेरिस पेट की छोटी आंत में जाकर जमा हो जाता है.डॉक्टर तरुण ने बताया कि कई बार देखने को मिलता है कि जो गॉल ब्लैडर की पथरी होती है. वो केमिकल खाद से होती है या फिर ये प्लास्टर ऑफ पेरिस के तत्वों से होती है. प्लास्टर ऑफ पेरिस से टॉक्सिसिटी, एन्टराइटिस, गाल ब्लेडर का स्टोन, एसिडिटी, मस्कुलर क्रैम्पिंग, कॉन्स्टिपेशन ये खरतनाक बीमारियां हो सकती हैं.

Intro:Note_ वर्जन आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह के हैं।

मिट्टी के गणेश ही घर लाएं, आयुर्वेद डॉक्टर से जानें, प्लास्टर ऑफ पेरिस से कितनी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं

शहडोल- आज है गणेश चतुर्थी, जगह जगह गणेश भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। बाजार भरा हुआ है जगह जगह गणेश मूर्तियों की दुकानें सजी हुई हैं क्योंकि शहडोल जिले में भी घर घर गणेश भगवान की स्थापना की जाती है।

लेकिन इस बार आप मिट्टी के गणेश की ही स्थापना करें, प्लास्टर ऑफ पेरिस से बचें, क्योंकि प्लास्टर पेरिस आपको कई गंभीर बीमारियों में तो फंसा ही सकता है, साथ ही दूसरे जीव जंतुओं को भी अपने चपेट में ले सकता है, आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह के मुताबिक प्लास्टर ऑफ पेरिस आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।


Body:जानिए कितना खतरनाक है प्लास्टर ऑफ पेरिस

आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह बताते हैं कि प्लास्टर ऑफ पेरिस स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, क्योंकि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने गणेश की मूर्तियों को पानी में किसी जलाशय में या फिर किसी नेचुरल रिसोर्सेज में प्रवाहित करते हैं तो प्लास्टर ऑफ पेरिस की स्पेसिफिक डेंसिटी बहुत कम होती है स्पेसिफिक डेंसिटी कम होने से वो पानी में बहता है, और हर जगह बह बह के जाता है। जो भी जीव जंतु उस जलाशय में आश्रित होते हैं, वो भी उसे खाते हैं और वो भी उसे पचा नहीं पाते।
इसके अलावा जो लोग उन जलीय जीव जंतुओं में आश्रित हैं वो भी उनके जरिये बीमार पड़ते हैं। इसके अलावा जो लोग पानी पीने का इस्तेमाल करते हैं वो लोग उसे पचा नहीं सकते।

प्लास्टर ऑफ पेरिस पेट के पिछले हिस्से में जो पाईलोरिक हिस्सा होता है उसमें जाकर जमा हो जाता है छोटी आंत में जाकर जमा हो जाता है।

कई बार देखने को मिलता है कि जो गॉल ब्लैडर की पथरी होती है गॉल ब्लैडर लीवर की ओपनिंग छोटी आंत में ही होती है वो भी फास्फेट के साथ में रहती है। या तो वो केमिकल खाद से होती है या फिर ये प्लास्टर ऑफ पेरिस के तत्वों से होता है।

प्लास्टर ऑफ पेरिस से टॉक्सिसिटी, टाकजीनिया की कंडीशन, पैरी टू नाइटिस, ऐंटराइटिस, गाल ब्लेडर का स्टोन, एसिडिटी, मस्कुलर क्रैम्पिंग, कॉन्स्टिपेशन ये सभी बीमारियां हो सकती हैं।




Conclusion:डॉक्टर तरुण सिंह कहते हैं कि मिट्टी की गणेश मूर्ति हर लिहाज से बेहतर होता है, और कोशिश करें कि मिट्टी के गणेश ही स्थपित करें।
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