शहडोल। देश में नवरात्र का समय चल रहा है, इस नवरात्र में हर कोई भक्ति में लीन है. लोग जगह जगह माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. लेकिन हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पहुंचने भर से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ये मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर स्थित है.
मान्यता है कि सिंहपुर गांव स्थित मंदिर में विराजीं काली माता के दर्शन मात्र से ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, ये मंदिर काली माता मंदिर नाम से प्रसिद्ध है. यहां काली माता अपने पुत्र गणेश के साथ विराजीं हुई हैं, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है, जहां माता अष्टविनायक के साथ विराजमान हैं और एक साथ दर्शन लाभ का मौके मिलता है.
चमत्कार के किस्से
सिंहपुर वाली काली माता के चमत्कार के कई किस्से हैं, जिसे खुद करीब 6 पीढ़ी से माता रानी की पूजा अर्चना कर रहे पुजारी जगदीश प्रसाद बताते हैं. पुजारी जगदीश प्रसाद कहते हैं करीब 3 से 4 साल पहले जैतहरी के एक व्यापारी को इच्छा हुई कि सिंहपुर वाली माता के दर्शन करें, पति पत्नी अपनी गाड़ी में माता के दर्शन को निकल पड़े, लेकिन रास्ता पता नहीं था, किसी ने गलत रास्ता बता दिया और वो रास्ता भटक गए, जब 15 से 20 किलोमीटर गलत रास्ते में चले गए तो एक 10 से 12 साल की कन्या उन्हें रास्ते में खड़ी हुई मिली, और उन्हें सही रास्ता बताया, जिसके बाद वो माता के दरबार में सीधे पहुंच गए.
भक्तों का माता पर भरोसा
काली माता के दर्शन को आए भक्तों का भी सिंहपुर वाली काली माता पर बहुत भरोसा है. इसलिए नवरात्र में हर हाल में माता के दर्शन को पहुंचते हैं, यहां पहुंचे भक्तों का भी यही कहना है की काली माता के दर्शन से उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सिंहपुर वाली काली माता के दर्शन के लिये दूर दूर से भक्त पहुंचते हैं, पुजारी बताते हैं कि मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक के भक्त माता के दर्शन मात्र के लिए यहां पहुंचते हैं.