शहडोल। जिला आदिवासी अचंल होने के कारण यहां खेती भी भारी तादाद में की खेती की जाती है. अगले महीने जून में यहां मानसून अक्सर दस्तक दे देती है. लेकिन इस बार मौसम वैज्ञनिकों का कहना है कि केरल में मानसून लगभग 5 दिन देरी से आएगी. वहीं वैज्ञनिकों का ये भी कहना है कि इस बार बरसात में कम बारिश की संभावना है. किसान खेती की तैयारी में जुट चुके हैं. ऐसे में कैसे सही तरीके से खेती के पूर्व तैयरी करें. जिससे बंपर पैदावार हो सकती है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह का कहना है कि मई का महीना आधा निकल चुका है. अगर किसानों ने अभी तक गहरी जुताई नहीं कि है तो अभी भी समय है गहरी जुताई कर लें. गहरी जुताई से कीड़े, मकोड़े फफूंद बनकार हाइबर नेशन में दरारों में पड़े रहते हैं, वो ऊपर आ जाएंगे और सूरज की किरणों की गर्मी से मर जाते हैं. बता दें कि तीन साल में एक बार गहरी जुताई करनी चाहिए.
वहीं उनका कहना है कि किसान खेतों में गर्मियों में ही खाद डालता है जो बहुत गलत है. गर्मी में खेत में खाद डालने से उसका पोषक तत्व उड़ जाता है. इसके अलावा एक चीज का और ध्यान रखें की जहां हमको नर्सरी डालना है चाहे धान की डालना है या सब्जियों की. ये सबसे उपयुक्त समय है अभी उसकी खुदाई कर के हल्की सिचाई करें और काली पॉलीथीन से ढंक दें. उसको हम लोग वैज्ञानिक भाषा में सोलोराईजेसन कहते है.