ETV Bharat / state

जून के महीने में आएगा मानसून, इस तरह से करें खेती, होगी बंपर पैदावार - बम्पर पैदावार सही ढंग से होगी

कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को कम बारिश होने पर अलग तरिके से खेती करने के टिप्स बताए है. जिसे कम बारिश में भी किसान बंपर पैदावार कर सकते है.

इस तरह से करें खेती, होगी बंपर पैदावार
author img

By

Published : May 18, 2019, 12:07 AM IST

शहडोल। जिला आदिवासी अचंल होने के कारण यहां खेती भी भारी तादाद में की खेती की जाती है. अगले महीने जून में यहां मानसून अक्सर दस्तक दे देती है. लेकिन इस बार मौसम वैज्ञनिकों का कहना है कि केरल में मानसून लगभग 5 दिन देरी से आएगी. वहीं वैज्ञनिकों का ये भी कहना है कि इस बार बरसात में कम बारिश की संभावना है. किसान खेती की तैयारी में जुट चुके हैं. ऐसे में कैसे सही तरीके से खेती के पूर्व तैयरी करें. जिससे बंपर पैदावार हो सकती है.

इस तरह से करें खेती, होगी बंपर पैदावार

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह का कहना है कि मई का महीना आधा निकल चुका है. अगर किसानों ने अभी तक गहरी जुताई नहीं कि है तो अभी भी समय है गहरी जुताई कर लें. गहरी जुताई से कीड़े, मकोड़े फफूंद बनकार हाइबर नेशन में दरारों में पड़े रहते हैं, वो ऊपर आ जाएंगे और सूरज की किरणों की गर्मी से मर जाते हैं. बता दें कि तीन साल में एक बार गहरी जुताई करनी चाहिए.

वहीं उनका कहना है कि किसान खेतों में गर्मियों में ही खाद डालता है जो बहुत गलत है. गर्मी में खेत में खाद डालने से उसका पोषक तत्व उड़ जाता है. इसके अलावा एक चीज का और ध्यान रखें की जहां हमको नर्सरी डालना है चाहे धान की डालना है या सब्जियों की. ये सबसे उपयुक्त समय है अभी उसकी खुदाई कर के हल्की सिचाई करें और काली पॉलीथीन से ढंक दें. उसको हम लोग वैज्ञानिक भाषा में सोलोराईजेसन कहते है.

शहडोल। जिला आदिवासी अचंल होने के कारण यहां खेती भी भारी तादाद में की खेती की जाती है. अगले महीने जून में यहां मानसून अक्सर दस्तक दे देती है. लेकिन इस बार मौसम वैज्ञनिकों का कहना है कि केरल में मानसून लगभग 5 दिन देरी से आएगी. वहीं वैज्ञनिकों का ये भी कहना है कि इस बार बरसात में कम बारिश की संभावना है. किसान खेती की तैयारी में जुट चुके हैं. ऐसे में कैसे सही तरीके से खेती के पूर्व तैयरी करें. जिससे बंपर पैदावार हो सकती है.

इस तरह से करें खेती, होगी बंपर पैदावार

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह का कहना है कि मई का महीना आधा निकल चुका है. अगर किसानों ने अभी तक गहरी जुताई नहीं कि है तो अभी भी समय है गहरी जुताई कर लें. गहरी जुताई से कीड़े, मकोड़े फफूंद बनकार हाइबर नेशन में दरारों में पड़े रहते हैं, वो ऊपर आ जाएंगे और सूरज की किरणों की गर्मी से मर जाते हैं. बता दें कि तीन साल में एक बार गहरी जुताई करनी चाहिए.

वहीं उनका कहना है कि किसान खेतों में गर्मियों में ही खाद डालता है जो बहुत गलत है. गर्मी में खेत में खाद डालने से उसका पोषक तत्व उड़ जाता है. इसके अलावा एक चीज का और ध्यान रखें की जहां हमको नर्सरी डालना है चाहे धान की डालना है या सब्जियों की. ये सबसे उपयुक्त समय है अभी उसकी खुदाई कर के हल्की सिचाई करें और काली पॉलीथीन से ढंक दें. उसको हम लोग वैज्ञानिक भाषा में सोलोराईजेसन कहते है.

Intro:नोट- एक बाईट है कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह की।

जून के महीने में आएगा मानसून, इस तरह से करें खेती की तैयारी, होगी बम्पर पैदावार

शहडोल- शहडोल जिला आदिवासी जिले के अंतर्गत आता है, और यहां खेती भी भारी तादाद में की जाती है, अगले महीने मतलब जून में यहां मानसून अक्सर दस्तक दे देती है और यहां इस बरसात के सीजन में भारी तादाद में खेती की जाती है। इस बार मौसम वैज्ञनिकों का कहना है कि केरल में मानसून लगभग 5 दिन देरी से आएगी, तो वहीं वैज्ञनिकों का ये भी कहना है कि इस बार बरसात में कम बारिश की संभावना है। आज 17 मई हो चुके हैं किसान भी खेती की तैयरी में जुट चुके हैं ऐसे में कैसे सही तरीके से खेती के पूर्व तैयरी करें, कैसे कम बारिश में भी अच्छी फसल हासिल की जा सकती है। जानिए कृषि वैज्ञानिक की सलाह।


Body:इस तरह करें खेती की तैयारी, होगी बम्पर पैदावार

कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह के मुताबिक हमारे यहां जो बारिश होती है वो दक्षिण मंसून से होती है, और अपने यहां जो मानसून का सही समय माना जाता है वो 15 जून है,मौसम वैज्ञनिकों की माने तो मानसून अभी केरल में 5 दिन लेट है मतलब यहां आने में मानकर चलें तो एक हफ्ते की देरी होगी इतना हम मानकर चलें।

मई का महीना आधा निकल चुका है यहां खेती किसानी का समय है अगर आपने गहरी जुताई नहीं कि है तो अभी घबराने की जरूरत नहीं है गहरी जुताई कर लें, अभी समय है, गहरी जुताई तीन साल में एक बार की जाती है फिर भी अगर गहरी जुताई आपने तीन साल के अंदर की है तो भी एक बार कर लें, उससे क्या होता है कि जो कीड़े, मकोड़े फफूंद बनकार हाईबर नेशन में दरारों में पड़े रहते हैं वो ऊपर आ जाएंगे, और सूरज की किरणों की गर्मी से मर जाते हैं।

दूसरा जो अपने यहां अधिकतर इस सीजन में धान की खेती होती है, इससे पहले गेंहू या जो भी रबी की फसलें ली हैं इस दौरान अपने यहां क्या है कि मेढ़ तोड़ देते हैं , तो उन मेढ़ों की बँधारी मतलब पानी रोकने का इंतज़ाम आवश्यक रूप से कर लें।

इस साल कम बारिश होने की संभावना है इसलिए हमें वर्षा सरंक्षण के बारे में भी सोचना होगा, जो सबसे जरूरी काम है।

अपने यहां जो परंपरा है खेत में खाद गर्मियों में ही डाल दिया जाता है, लेकिन ये बहुत गलत है, हमारे यहाँ क्या है की हम खाद को गर्मियों में ही खेतों में डाल आते हैं उससे ये होता है कि उसमें जो पोषक तत्व होते हैं गर्मी की वजह से गैसीयस फॉर्म उड़ जाते हैं, आप इस चीज की विशेष तौर पर ध्यान रखें कि जुताई करके बुवाई से ठीक पहले ही आखिरी जुताई के समय ही खाद डालें। और खेत में बराबर मात्रा में ही खाद डालें।




Conclusion:इसके अलावा एक चीज का और ध्यान रखें की जहां हमको नर्सरी डालना है चाहे धान की डालना है या सब्जियों की , ये सबसे उपयुक्त समय है अभी उसकी खुदाई कर दें, हल्की सिचाई अगर आप के पास है तो उसके ऊपर काली पॉलीथीन से ढंक दें, उसको हम लोग वैज्ञानिक भाषा में सोलोराईजेसन में सौर्यीकरण सूरज की गर्मी का उपयोग करते हुए जो फफूंद हैं बैक्टीरिअल इंफेक्सशन हैं या नेमाटोड्स हैं जहां पर भी हम नर्सरी डालते हैं वहां मौजूद हानिकारक सूक्षम जीव इस पद्धति से मर जाते हैं। और आपको नर्सरी स्वस्थ मिलेगी।

सबसे अधिक ध्यान देने की बात ये भी है कि इस बार कम बारिश की संभावना मौसम वैज्ञनिक बता रहे हैं इसलिए कम अवधि वाली फसलें ही लेनी है।

धान में भी जैसे ज्यादा से ज्यादा 100 दिन की किस्में ही लें, फिर चाहे वो हाईब्रिड हो या फिर उन्नत किस्में हों इसके अलावा हमें मूंग, उड़द, या आपके मक्का जो भी फसल लें कम दिन वाली ही चूज करें कम दिन में पकने वाली ही फ़सल लें।

इसके अलावा सबसे अहम बात है जो क्रॉप रोटेसन का ध्यान रखें, हलांकि धान के खेत में जरुर क्रॉप रोटेसन नहीं किया जा सकता है लेकिन जो दूसरे खेत हैं वहां अगर आपने गहरी जड़ वाली फसल ली है तो इस बार उथली जड़ वाली फसल ले अगर उथली जड़ वाली फसल ली है तो गहरी जड़ वाली फ़सल लें और क्रॉप रोटेसन जरूर करें।

अगर संभव हो तो हरि खाद अभी से सनई या ढेंचा के बीज का इंतज़ाम कर लें, और पहली जुताई के समय नर्सरी डालने के पहले उसकी बुवाई कर दें। और एक महीने का होने के बाद उसको खेत में मिला दें।

कृषि वैज्ञनिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह कहते हैं कि किसान बीज और खाद का इंतज़ाम अभी से कर लें जिससे उसका बीजो उपचार किया जा सके और समय पर बुवाई की जा सके।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.