शहडोल। इस साल देश के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते खेती ज्यादा प्रभावित हुई है. साथ ही खरीफ की फसल काटने में भी देरी हुई है, जिसके चलते किसानों को इस साल रबी सीजन की खेती करने में देरी हुई. हालांकि कृषि वैज्ञानिक की माने तो किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. विशेष किस्मों को लगाकर अच्छी पैदावार की जा सकती है.
शहडोल जिले में भी रबी सीजन की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है, यहां धान की फसलों की पैदावार भी ज्यादा होती है. इस बार देरी से मानसून आने की वजह से धान की खेती देरी से शुरु हुई है, जिसके कारण फसल देरी से काटी जा रही है. ऐसे में किसानों को रबी सीजन की फसल में भी देरी हुई है.
कृषि वैज्ञानिक ने दिए सुझाव
कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी कहते हैं कि शहडोल जिले में रबी सीजन की खेती अधिक की जाती है, लेकिन कई किसानों के खेत अभी खाली हो रहे हैं. धान की फसल इस बार मानसून देरी से आने के चलते लेट हो गया है. वहीं खेत खाली हो रहे हैं, ऐसे में किसान रबी सीजन की खेती को लेकर परेशान हैं. जिसके लिए पीएन त्रिपाठी ने कहा कि विशेष किस्मों को लगाकर बम्पर उत्पादन किया जा सकता है.
लगाए विशेष किस्म की फसल
दलहनी में विशेष रुप से चना, मसूर, अलसी, सरसों की बोनी का सही समय 15 नवंबर तक होता है. दलहनी फसलों के लिए इसे सही समय माना जाता है. वहीं अगर सिंचाई का साधन है तो नवम्बर महीने में गेहूं की किस्म में पूसा 111, जेडब्ल्यू 1202, जेडब्ल्यू 1203, एचआई 1544 इन किस्मों को अभी भी लगा सकते हैं, लेकिन इन सबके लिए सिंचाई का साधन होना चाहिए.