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शहडोल:ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा स्थापित करने प्रशासन कर रहा लोगों को जागरुक - Pollution Control Board Shahdol,

शहडोल में गणेश उत्सव के त्यौहार की तैयारियां शुरु हो गई है.जिसको लेकर प्रशासन लोगों का लगातार ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा स्थापित करने के लिए जागरुक कर रहा है.

गणेश उत्सव की रौनक शुरु
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Published : Aug 31, 2019, 5:11 PM IST

शहडोल। शहर में गणेश चतुर्थी के त्योहार के लिए बाजारों में रौनक दिखने लगी है. गली गली चौक चौराहों में गणेश भगवान की मूर्तियों की दुकानें भी सज गई हैं. जिसको लेकर प्रशासन लगातार लोगों ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा स्थापित करने के लिए जागरुक कर रहा है.

गणेश उत्सव की रौनक शुरु


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी ईको फ्रेंडली मूर्ति स्थापित करने को लेकर गणेश चतुर्थी से पहले पूरी तरह से एक्टिव है, क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ स्कूलों में ईको फ्रेंडली गणपति बनाने की ट्रेनिंग दी है, जहां बच्चों में खासा उत्साह भी देखने को मिला, संजीव मेहरा कहते हैं कि कच्ची मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए वो लगातार लोगों को अवेयर कर रहे हैं


क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि वो ईको फ्रेंडली गणपति बनाने को ट्रेनिंग के साथ प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने वाली मूर्तियों के साइड इफेक्ट के बारे में भी लोगों को जागरुक कर रहे है.

शहडोल। शहर में गणेश चतुर्थी के त्योहार के लिए बाजारों में रौनक दिखने लगी है. गली गली चौक चौराहों में गणेश भगवान की मूर्तियों की दुकानें भी सज गई हैं. जिसको लेकर प्रशासन लगातार लोगों ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा स्थापित करने के लिए जागरुक कर रहा है.

गणेश उत्सव की रौनक शुरु


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी ईको फ्रेंडली मूर्ति स्थापित करने को लेकर गणेश चतुर्थी से पहले पूरी तरह से एक्टिव है, क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ स्कूलों में ईको फ्रेंडली गणपति बनाने की ट्रेनिंग दी है, जहां बच्चों में खासा उत्साह भी देखने को मिला, संजीव मेहरा कहते हैं कि कच्ची मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए वो लगातार लोगों को अवेयर कर रहे हैं


क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि वो ईको फ्रेंडली गणपति बनाने को ट्रेनिंग के साथ प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने वाली मूर्तियों के साइड इफेक्ट के बारे में भी लोगों को जागरुक कर रहे है.

Intro:note_ शहडोल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा का वर्जन है।

बाजारों में दिखने लगी गणपती की मूर्तियां, ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा को ही स्थापित करें

शहडोल- गणेश चतुर्थी के लिए अब ज्यादा वक़्त नहीं बचा है, और इसकी धूम तो शहरों में अभी से दिखने लगी है, गली गली चौक चौराहों में गणेश भगवान की मूर्तियों के दुकान सज गए हैं।
गणेश चतुर्थी को लेकर शहडोल में धूम रहती है घर घर गणपति विराजमान किये जाते हैं।

और हर बार की तरह इस बार भी गणेश चतुर्थी में ईको फ्रेंडली गणेश स्थापित करने को लेकर अपने अपने तरीके से लोग अवेयर कर रहे हैं।
इसके लिए शहडोल का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपने तरीके से लोगों को अवेयर करने में जुटा हुआ है।


Body:ईको फ्रेंडली मूर्ति ही स्थापित करें

ईको फ्रेंडली मूर्ति स्थापित करने को लेकर शहडोल का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी गणेश चतुर्थी से पहले पूरी तरह से एक्टिव है, क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा बताते हैं कि उनकी टीम ने अभी कुछ स्कूलों में ईको फ्रेंडली गणपति बनाने की ट्रेनिंग दी है, जहां बच्चों में खासा उत्साह भी देखने को मिला, संजीव मेहरा कहते हैं कि कच्ची मिट्टी से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए वो लगातार लोगों को अवेयर कर रहे हैं।

क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि वो ईको फ्रेंडली गणपति बनाने को ट्रेनिंग तो दे ही रहे हैं साथ ही प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने वाली मूर्तियों के साइड इफेक्ट के बारे में भी बता रहे हैं।

प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनने वाली मूर्तियां दिखने में खूबसूरत और हल्की जरूर होती हैं लेकिन ये पर्यावरण को प्रदूषित करने और लोगों के सेहत के लिए उतना ही खतरनाक भी होती हैं।

प्लास्टर ऑफ पेरिस पानी में घुलनशील नहीं है, मूर्ति के निर्माण में जो रासायनिक रंगों का इस्तेमाल होता है उसमें काफी भारी धातु, और विषैले रसायनों का समावेश होता है। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है, साथ ही इससे कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

इसके अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस पानी को बहुत ज्यादा प्रदूषित भी करता है।




Conclusion:वहीं कच्ची मिट्टी से जो गणेश बनाये जाते हैं, वो सरलता से घुलनशील तो होते ही हैं साथ ही साथ इनमें रासायनिक रंगों का भी इस्तेमाल नहीं होता है।
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