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ढाई लाख के इनामी फरार गैंगस्टर विकास दुबे के तार आखिर शहडोल से कैसे जुड़े ? पढ़ें पूरी खबर - फरार गैंगस्टर विकास दुबे

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे फरार है, जिसकी तलाश लगातार जारी है. इस मामले में अब फरार विकास दुबे के तार शहडोल से जुड़े होने की खबर आ रही है.

absconding gangster vikas dubey
फरार गैंगस्टर विकास दुबे
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Published : Jul 8, 2020, 8:45 AM IST

शहडोल। उत्तरप्रदेश का कानपुर इन दिनों सुर्खियों में है, जिसकी वजह है 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे, जो अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, जिसकी लगातार तलाश की जा रही है. फरार गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस पहले ही कई टीमें गठित कर चुकी है. साथ ही STF की टीम भी अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही है. इसी कड़ी में अब विकास दुबे के तार प्रदेश के शहडोल जिले के बुढ़ार से भी जुड़ गए हैं.

विकास दुबे के तार आखिर शहडोल से जुड़े

15 सालों से नहीं है संपर्क
शहडोल ASP प्रतिमा एस मैथ्यू ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, कानपुर के एक वांछित अपराधी विकास दुबे के रिश्तेदार जो कि, रिश्ते से उनके साले लगते हैं, वो बुढ़ार क्षेत्र में रहते हैं. ज्ञानेंद्र प्रकाश निगम उर्फ राजू निगम को तलाशने के लिए UP STF की टीम शहडोल पहुंची थी. राजू निगम और उनकी पत्नी ने शहडोल पुलिस से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने कहा कि, UP STF या UP पुलिस को उनसे जो भी मदद की उम्मीद है, वो उनकी पूरी मदद करने को तैयार हैं. हालांकि, पिछले 15 सालों से उनका फरार विकास दुबे से कोई संपर्क नहीं है.

ये भी पढ़ें- कानपुर मुठभेड़: फरार गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर भोपाल पुलिस अलर्ट

शहडोल पुलिस ने किया कम्यूनिकेट

राजू निगम द्वारा दी गई जानकारी को शहडोल पुलिस ने UP STF से कम्यूनिकेट कर दिया है. साथ ही राजू निगम और उनके परिवार को सहयोगात्मक रवैया बनाकर और खुद को सुरक्षित रखने के लिए कहा है. ASP प्रतिमा एस मैथ्यू से जब राजू निगम की जान को खतरा के लिए बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, इस तरह से जान के खतरे की कोई भी बात नहीं है. वैधानिक तरीके से पूरे मामले की जांच की जा रही हैं और UP STF ने हमारे जिले में कल ऑरपरेट किया है. उसके संबंध में सूचना उन्होंने स्थानीय थाने को दी है, असुरक्षा जैसा कोई मामला नहीं है.

ये भी पढ़ें- हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ग्वालियर-चंबल अंचल में नजर आया तो बच नहीं पाएगा- ADG राजाबाबू सिंह

फर्जी केस में फंसाया, तोड़ दिया नाता

इस पूरे मामले को लेकर ज्ञानेंद्र प्रकाश निगम उर्फ राजू ने बताया कि, STF की टीम हमारे घर इसलिए आई थी क्योंकि हमारे बहनोई विकास दुबे ने 02 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. मेरा 15 सालों से कानपुर से कोई रिश्ता नहीं है, न ही कोई लेना-देना. मैं 15 साल पहले वहां से सब छोड़कर चला आया था. उसका कारण ये है कि, दो मुकदमों में मैं फर्जी फंस चुका था, विकास दुबे के कारण. मैं वहां से सबकुछ छोड़कर बुढ़ार चला आया और यहां काम करने लगा. कल मैं अपनी गाड़ी लोड कराने बरही गया हुआ था. इसी दौरान इत्तेफाक से मेरा मोबाइल दुकान में छूट गया था. मेरा लड़का दुकान में बैठा हुआ था. UP STF की टीम आई और उसे पकड़कर ले गई. मैं रात में साढ़े 12 बजे जब घर लौटा, तो मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि मेरे बेटे को पुलिस ले गई है.

फोन नहीं उठा रही थी पुलिस
राजू ने बताया कि, 'इस जानकारी के बाद पत्नी फोन लगाती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसी बीच खाना खाने के दौरान मैंने न्यूज चैनल में देखा कि, विकास दुबे को छिपाने में राजू का हाथ है. तो मैं दहशत में आ गया कि, ऐसा न हो कि पुलिस मुझको भी फंसा दे. इसके बाद तुरंत SP ऑफिस भाग कर आया और मैंने ये बयान दिया कि, हमसे जिसको जो पूछना है, जो भी मदद हो सकती है हम करेंगे'.

शहडोल। उत्तरप्रदेश का कानपुर इन दिनों सुर्खियों में है, जिसकी वजह है 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे, जो अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, जिसकी लगातार तलाश की जा रही है. फरार गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस पहले ही कई टीमें गठित कर चुकी है. साथ ही STF की टीम भी अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही है. इसी कड़ी में अब विकास दुबे के तार प्रदेश के शहडोल जिले के बुढ़ार से भी जुड़ गए हैं.

विकास दुबे के तार आखिर शहडोल से जुड़े

15 सालों से नहीं है संपर्क
शहडोल ASP प्रतिमा एस मैथ्यू ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, कानपुर के एक वांछित अपराधी विकास दुबे के रिश्तेदार जो कि, रिश्ते से उनके साले लगते हैं, वो बुढ़ार क्षेत्र में रहते हैं. ज्ञानेंद्र प्रकाश निगम उर्फ राजू निगम को तलाशने के लिए UP STF की टीम शहडोल पहुंची थी. राजू निगम और उनकी पत्नी ने शहडोल पुलिस से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने कहा कि, UP STF या UP पुलिस को उनसे जो भी मदद की उम्मीद है, वो उनकी पूरी मदद करने को तैयार हैं. हालांकि, पिछले 15 सालों से उनका फरार विकास दुबे से कोई संपर्क नहीं है.

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शहडोल पुलिस ने किया कम्यूनिकेट

राजू निगम द्वारा दी गई जानकारी को शहडोल पुलिस ने UP STF से कम्यूनिकेट कर दिया है. साथ ही राजू निगम और उनके परिवार को सहयोगात्मक रवैया बनाकर और खुद को सुरक्षित रखने के लिए कहा है. ASP प्रतिमा एस मैथ्यू से जब राजू निगम की जान को खतरा के लिए बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, इस तरह से जान के खतरे की कोई भी बात नहीं है. वैधानिक तरीके से पूरे मामले की जांच की जा रही हैं और UP STF ने हमारे जिले में कल ऑरपरेट किया है. उसके संबंध में सूचना उन्होंने स्थानीय थाने को दी है, असुरक्षा जैसा कोई मामला नहीं है.

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फर्जी केस में फंसाया, तोड़ दिया नाता

इस पूरे मामले को लेकर ज्ञानेंद्र प्रकाश निगम उर्फ राजू ने बताया कि, STF की टीम हमारे घर इसलिए आई थी क्योंकि हमारे बहनोई विकास दुबे ने 02 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. मेरा 15 सालों से कानपुर से कोई रिश्ता नहीं है, न ही कोई लेना-देना. मैं 15 साल पहले वहां से सब छोड़कर चला आया था. उसका कारण ये है कि, दो मुकदमों में मैं फर्जी फंस चुका था, विकास दुबे के कारण. मैं वहां से सबकुछ छोड़कर बुढ़ार चला आया और यहां काम करने लगा. कल मैं अपनी गाड़ी लोड कराने बरही गया हुआ था. इसी दौरान इत्तेफाक से मेरा मोबाइल दुकान में छूट गया था. मेरा लड़का दुकान में बैठा हुआ था. UP STF की टीम आई और उसे पकड़कर ले गई. मैं रात में साढ़े 12 बजे जब घर लौटा, तो मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि मेरे बेटे को पुलिस ले गई है.

फोन नहीं उठा रही थी पुलिस
राजू ने बताया कि, 'इस जानकारी के बाद पत्नी फोन लगाती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसी बीच खाना खाने के दौरान मैंने न्यूज चैनल में देखा कि, विकास दुबे को छिपाने में राजू का हाथ है. तो मैं दहशत में आ गया कि, ऐसा न हो कि पुलिस मुझको भी फंसा दे. इसके बाद तुरंत SP ऑफिस भाग कर आया और मैंने ये बयान दिया कि, हमसे जिसको जो पूछना है, जो भी मदद हो सकती है हम करेंगे'.

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