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करोड़ों के धान पर ये कैसी आफत! 73 हजार क्विंटल धान सड़ने की कगार पर, किसकी लापरवाही

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Published : Jun 16, 2021, 8:38 AM IST

Updated : Jul 2, 2021, 5:10 PM IST

करीब 73 हजार क्विंटल धान को रखने के लिए अस्थाई कैप बनाया गया हैं, लेकिन आलम यह है कि धान सड़ने की कगार पर आ गया हैं. जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने के बजाय लापरवाही बरत रहे है.

73 thousand quintals of paddy are on the verge of rotting
धान सड़ने की कगार पर

शहडोल। लालपुर हवाई पट्टी पर अस्थाई कैप बनाकर कई हजार क्विंंटल धान रखा गया है, जहां 2020-21 में रखे इस धान को सहेज पाने में प्रशासन अब नाकाम नजर आ रहा है. यहां रखा करीब 73 हजार क्विंटल धान सड़ने के कगार पर हैं.

धान सड़ने की कगार पर

धान के खराब होने का कारण खाद्य विभाग और वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन की लापरवाही माना जा रहा हैं. कहा जा रहा है कि खरीदी के समय ही अनेक स्थानों की धान भीग चुकी थी, जिसे नमी के हालत में ही रखवा दिया गया. जिम्मेदारों ने भी इसकी कोई पड़ताल नहीं की. इतना ही नहीं अस्थाई कैंप के लिए बनाए गए चबूतरे में भी नियमानुसार काम नहीं होने की बात कही जा रही है.


तीन महीने में उठ जाना चाहिए था

गोदाम प्रबंधक सुधा रघु ने बताया कि धान में जो अंकुरण हुआ है वह नमी के कारण हुआ है. ईंट के अंदर से हल्का मॉइस्चर बोरियों में जाता हैं, तो अंकुरण होता है. उसी की मरम्मत अभी कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम को तीन से चार बार लेटर लिखा जा चुका हैं, लेकिन निगम धान क्यों नहीं उठा रहा हैं?. उसका कारण उन्हें अब तक नहीं पता है. साथ ही इस अस्थाई कैंप के बारे में उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ तीन माह के लिए ही अनाज रखा जा सकता हैं. इस सीमित समय में हर हाल में उठाव कर लेना चाहिए था, लेकिन यहां 5 से 6 महीने हो चुके हैं, पर नागरिक आपूर्ति निगम ने अभी तक धान का उठाव नहीं किया हैं.

73 thousand quintals of paddy are on the verge of rotting
धान सड़ने की कगार पर


वेयर हाउस मैनेजर कहती हैं कि सिर्फ 10 से 20 बोरियों ही खराब हुई हैं. अगर अभी भी समय पर धान को नहीं उठाया गया, तो करोड़ों के धान पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.

खुले में रखा धान खराब, प्रशासन नहीं ले रहा सुध



कितना धान बर्बाद हुआ, रिपोर्ट आने पर बता पाएंगे

लालपुर हवाई पट्टी पर बनी ओपन कैंप में कितनी धान बर्बाद हुई है, इसे जानने के लिए जब हम नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक राकेश चौधरी के पास पहुंचे, तो उन्होंने बताया कि वहां कितना धान खराब हुआ, इसकी जानकारी अभी उनके पास नहीं है. इसके लिए कलेक्टर ने एक टीम बनाई है, जो रिपोर्ट देगी. उसके बाद ही बता पाएंगे कि कितनी धान खराब हुई हैं.

73 thousand quintals of paddy are on the verge of rotting
धान सड़ने की कगार पर

नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक राकेश चौधरी बताते हैं कि लालपुर हवाई पट्टी में बने ओपन कैप में जनवरी-फरवरी का धान भंडारण हैं. इसमें करीब 73,332 क्विंटल धान हैं. वहीं उन्होंने कहा कि मिलर्स को जो रेट मिल रहा है, उसमें वह काम नहीं करना चाह रहे हैं. अभी एक हफ्ते पहले मीटिंग हुई है. उसमें अपनी मांग रखी गई है. अगर वह मांग मान ली जाती है, तो तीव्र गति से धान का उठाव हो जाएगा.


गौरतलब है कि, एक ओर जिम्मेदार अधिकारी करोड़ों रुपये के बर्बाद हो रहे इस धान पर अलग-अलग दलील दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस बरसात के मौसम में करोड़ों रुपये के सरकारी धान के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ हैं. पहले ही इस अस्थाई कैप में रखे धान की कई बोरियों में अंकुरण शुरू हो चुका है. कहीं-कहीं धान सड़ भी रहा है. ऐसे में अगर जल्द ही पारदर्शिता के साथ इसके लिए कुछ नहीं किया गया, तो करोड़ों रुपये का अनाज पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा.

शहडोल। लालपुर हवाई पट्टी पर अस्थाई कैप बनाकर कई हजार क्विंंटल धान रखा गया है, जहां 2020-21 में रखे इस धान को सहेज पाने में प्रशासन अब नाकाम नजर आ रहा है. यहां रखा करीब 73 हजार क्विंटल धान सड़ने के कगार पर हैं.

धान सड़ने की कगार पर

धान के खराब होने का कारण खाद्य विभाग और वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन की लापरवाही माना जा रहा हैं. कहा जा रहा है कि खरीदी के समय ही अनेक स्थानों की धान भीग चुकी थी, जिसे नमी के हालत में ही रखवा दिया गया. जिम्मेदारों ने भी इसकी कोई पड़ताल नहीं की. इतना ही नहीं अस्थाई कैंप के लिए बनाए गए चबूतरे में भी नियमानुसार काम नहीं होने की बात कही जा रही है.


तीन महीने में उठ जाना चाहिए था

गोदाम प्रबंधक सुधा रघु ने बताया कि धान में जो अंकुरण हुआ है वह नमी के कारण हुआ है. ईंट के अंदर से हल्का मॉइस्चर बोरियों में जाता हैं, तो अंकुरण होता है. उसी की मरम्मत अभी कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम को तीन से चार बार लेटर लिखा जा चुका हैं, लेकिन निगम धान क्यों नहीं उठा रहा हैं?. उसका कारण उन्हें अब तक नहीं पता है. साथ ही इस अस्थाई कैंप के बारे में उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ तीन माह के लिए ही अनाज रखा जा सकता हैं. इस सीमित समय में हर हाल में उठाव कर लेना चाहिए था, लेकिन यहां 5 से 6 महीने हो चुके हैं, पर नागरिक आपूर्ति निगम ने अभी तक धान का उठाव नहीं किया हैं.

73 thousand quintals of paddy are on the verge of rotting
धान सड़ने की कगार पर


वेयर हाउस मैनेजर कहती हैं कि सिर्फ 10 से 20 बोरियों ही खराब हुई हैं. अगर अभी भी समय पर धान को नहीं उठाया गया, तो करोड़ों के धान पूरी तरह बर्बाद हो जायेंगे.

खुले में रखा धान खराब, प्रशासन नहीं ले रहा सुध



कितना धान बर्बाद हुआ, रिपोर्ट आने पर बता पाएंगे

लालपुर हवाई पट्टी पर बनी ओपन कैंप में कितनी धान बर्बाद हुई है, इसे जानने के लिए जब हम नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक राकेश चौधरी के पास पहुंचे, तो उन्होंने बताया कि वहां कितना धान खराब हुआ, इसकी जानकारी अभी उनके पास नहीं है. इसके लिए कलेक्टर ने एक टीम बनाई है, जो रिपोर्ट देगी. उसके बाद ही बता पाएंगे कि कितनी धान खराब हुई हैं.

73 thousand quintals of paddy are on the verge of rotting
धान सड़ने की कगार पर

नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक राकेश चौधरी बताते हैं कि लालपुर हवाई पट्टी में बने ओपन कैप में जनवरी-फरवरी का धान भंडारण हैं. इसमें करीब 73,332 क्विंटल धान हैं. वहीं उन्होंने कहा कि मिलर्स को जो रेट मिल रहा है, उसमें वह काम नहीं करना चाह रहे हैं. अभी एक हफ्ते पहले मीटिंग हुई है. उसमें अपनी मांग रखी गई है. अगर वह मांग मान ली जाती है, तो तीव्र गति से धान का उठाव हो जाएगा.


गौरतलब है कि, एक ओर जिम्मेदार अधिकारी करोड़ों रुपये के बर्बाद हो रहे इस धान पर अलग-अलग दलील दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर इस बरसात के मौसम में करोड़ों रुपये के सरकारी धान के बर्बाद होने का खतरा बना हुआ हैं. पहले ही इस अस्थाई कैप में रखे धान की कई बोरियों में अंकुरण शुरू हो चुका है. कहीं-कहीं धान सड़ भी रहा है. ऐसे में अगर जल्द ही पारदर्शिता के साथ इसके लिए कुछ नहीं किया गया, तो करोड़ों रुपये का अनाज पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा.

Last Updated : Jul 2, 2021, 5:10 PM IST
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