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2 साल से न्याय के लिये भटक रही है आदिवासी महिला, राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु की इजाजत

सिवनी जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ एक आदिवासी महिला कर्मचारी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है.

सतेंद्र मरकामः सहायक आयुक्त
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Published : Sep 6, 2019, 9:22 PM IST

सिवनी। जिले की एक आदिवासी महिला कर्मचारी ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करते हुये पत्र लिखा है. महिला ने साथी कर्मचारी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन दो साल बीत गए अब तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ है.

आदिवासी महिला कर्मचारी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग

मामला 2 साल पहले का है. महिला ने बताया कि 9 सितम्बर 2017 को साथी कर्मचारी ने उसके शासकीय आवास में घुसकर अभद्रता की थी. जिसके बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस में की और मामला कोर्ट तक पहुंच गया.

पीड़िता ने आरोप लगाया है, कि आरोपी द्वारा लगातार उसे परेशान किया जा रहा है. महिला ने सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम पर भी आरोपी का साथ देने और केस वापिस लेने का दबाब बनाने का आरोप लगाया है. जिसके चलते महिला कर्मचारी का ट्रांसफर भी करा दिया गया. महिला ने कहा वह न्याय के लिये 2 सालों से परेशान है. जिसके चलते अब उसने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है.

हालांकि मामले में आदिवासी कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम ने बताया कि महिला ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. फिलहाल मामला न्यायालय में है.

सिवनी। जिले की एक आदिवासी महिला कर्मचारी ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग करते हुये पत्र लिखा है. महिला ने साथी कर्मचारी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन दो साल बीत गए अब तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता जिले के आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ है.

आदिवासी महिला कर्मचारी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग

मामला 2 साल पहले का है. महिला ने बताया कि 9 सितम्बर 2017 को साथी कर्मचारी ने उसके शासकीय आवास में घुसकर अभद्रता की थी. जिसके बाद पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस में की और मामला कोर्ट तक पहुंच गया.

पीड़िता ने आरोप लगाया है, कि आरोपी द्वारा लगातार उसे परेशान किया जा रहा है. महिला ने सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम पर भी आरोपी का साथ देने और केस वापिस लेने का दबाब बनाने का आरोप लगाया है. जिसके चलते महिला कर्मचारी का ट्रांसफर भी करा दिया गया. महिला ने कहा वह न्याय के लिये 2 सालों से परेशान है. जिसके चलते अब उसने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है.

हालांकि मामले में आदिवासी कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम ने बताया कि महिला ने थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. फिलहाल मामला न्यायालय में है.

Intro:सिवनी जिले का सनसनीखेज़ मामला

महिला ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांगी अनुमति

अपने ही विभाग के कर्मचारी और अधिकारीयो से है प्रताड़ित

Body:सिवनी:-
शक्ति समर्पण और ममता का प्रतीक नारी होती है, हमारे समाज मे कही काली की पूजा होती है तो कही सरस्वती की तो कही दुर्गा की तो कही लक्ष्मी पूजी जाती है इन सबके बाद भी नारी अबला बनी हुई है।
एक तरफ तो प्रदेश सरकार महिलाओ को सुरक्षा के लिए कई महत्पूर्ण कदम उठा रही है तो वही दूसरी तरफ महिला अपराध रुकने का नाम ही नही ले रहे है।
ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के सिवनी जिले का है जहाँ एक महिला पिछले 2 वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रही अपने हक की लड़ाई लड़ते लड़ते वे अब थक चुकी है लगातार हर स्तर पर मिल रही असफलता के बाद उसने अब अपने प्राण त्यागने के लिए देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।।

क्या है पूरा मामला आइए जानने की कोशिश करते है-
मप्र के सिवनी जिले में पदस्थ एक आदिवासी शासकीय महिला कर्मचारी के साथ प्रताड़ना का बेहद ही संगीन और सनसनीखेज मामला सामने आया है। जी हां बीते दो साल से प्रताड़ित हो रही महिला को जब न्याय नहीं मिल पाया तो उसने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। कामकाजी महिला कर्मचारियों के साथ हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न को उजागर करने वाला यह शर्मनाक मामला आदिम जाति कल्याण विभाग सिवनी का है।
राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु के लिए पत्र लिखने का मामला सामने आने के बाद आदिम जाति कल्याण विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और मामले को दबने के प्रयास किए जा रहे हैं। पीड़ित महिला कर्मचारी ने ट्वीटर में भी इस मामले को सार्वजनिक किया है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। मामला सामने आने के बाद सहायक आयुक्त पर सवाल उठ रहे हैं।
राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र के मुताबिक पीड़ित महिला कर्मचारी की अनुकंपा नियुक्ति सहायक ग्रेड तीन के पद पर हुई थी। 9 सितम्बर 2017 को विभाग में ही पदस्थ सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी सुधीर राजनेगी ने महिला कर्मचारी के शासकीय आवास में घुसकर महिला के साथ छेड़खानी, अभद्रता की और जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद पीड़ित महिला कर्मचारी ने कोतवाली में मामला दर्ज करवाया और सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम से शिकायत कर कर्मचारी सुधीर राजनेगी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की, लेकिन आज तक उक्त कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि, उल्टे उसकी पोस्टिंग भी महिला कर्मचारी के नजदीकी कार्यस्थल पर कर दी गई।
पीड़ित महिला की माने तो सहायक आयुक्त दबा रहे मामला
पीड़िता ने चर्चा में बताया कि सहायक आयुक्त अपनी पहुंच का उपयोग करते हुए इस मामले को दबा रहे हैं। उन्होंने मामले को दबाने और साक्ष्य खत्म करने के लिए मेरा तबादला जानबूझकर घंसौर कर दिया है, जो गलत है। मैंने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों, कलेक्टर सहित जिले के प्रभारी मंत्री से भी की, लेकिन आज तक मुझे न्याय नहीं मिला, लिहाजा मुझे राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगनी पड़ रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी पीड़िता ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, प्रदेश के सिवनी जिले में निवासरत मैं भी आपकी आदिवासी बेटी हूं और दो सालों से न्याय के लिए तरस रही हूं।

बाइट 1 :-पीड़ित महिला
बाइट 2 :-सतेंद्र मरकाम सहायक आयुक्त आदिवासी कल्याण विभाग सिवनीConclusion:नोट:- आदरणीय सर खबर बड़ी हैं कृपया स्पेशल स्टोरी में लगावे एवं खबर को पूरी चलाने की कृपा करें।


वॉइस ओवर स्क्रिप्ट:--

सिवनी – जिले की एक महिला पिछले 2 वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रही है लेकिन न्याय नहीं मिलने के कारण अब महिला ने इच्छामृत्यु की अनुमति मांगते हुए भारतीय राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। दरअसल सिवनी जिले में पदस्थ एक आदिवासीशासकीय महिला कर्मचारी के साथ प्रताड़ना का बेहद ही संगीन और सनसनीखेज मामला सामने आया है। कामकाजी महिला कर्मचारियों के साथ हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न को उजागर करने वाला यह शर्मनाक मामला आदिम जाति कल्याण विभाग सिवनी का है।

राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र के मुताबिक पीड़ित महिला कर्मचारी की अनुकंपा नियुक्ति सहायक ग्रेड तीन के पद पर हुई थी और 9 सितम्बर 2017 को विभाग में ही पदस्थ सहायक ग्रेड तीन कर्मचारी सुधीर राजनेगी ने महिला कर्मचारी के शासकीय आवास में घुसकर महिला के साथ छोड़छाड़ कर अभद्रता करने तथा जान से मारने की धमकी दी थी जिसके बाद पीड़ित महिला कर्मचारी ने कोतवाली में मामला दर्ज कराया और सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम से शिकायत भी की लेकिन आज तक उक्त कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम पर भी महिला ने सुधीर राजनेगी का सहयोग करने तथा अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

हालांकि इस मामले में आदिवासी कल्याण विभाग सिवनी के सहायक आयुक्त सतेंद्र मरकाम ने बताया कि शिकायत के बाद महिला ने थाना में एफआईआर कराई थी लेकिन दूसरों पर आरोप लगाना सरासर गलत है, वहीं अधिकारी ने मामलान्याया लय में होने पर कुछ भी कहने उचित नहीं होने की बात कही।
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