सिवनी। देशभर में कहर बरपा रहे कोरोना संक्रमण के बीच चिलचिलाती गर्मी में लोगों के सामने जल संकट बड़ी चुनौती बना हुआ है. भीषण गर्मी में कई किलोमीटर दूर से लोग पानी भरकर लाते हैं, तब जाकर उनकी जरूरतें पूरी होती हैं. ऐसा ही हाल सिवनी के आदिवासी इलाके घंसौर का है, जहां कई गांवों में जल संकट गहराया हुआ है. सरकार ने नल- जल योजना तो लागू की, लेकिन इन दिनों वो भी फेल हो गई है.
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सिवनी के घंसौर में भीषण गर्मी के कारण कई ग्राम पंचायतों में लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. एक ओर जहां कोरोना वायरस का खतरा है, तो वहीं दूसरी ओर इलाके में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. न तो मवेशियों को पानी मिल रहा है और न ही पेड़ों को. लोग कई किलोमीटर का सफर तय कर, कहीं हैंडपंप तो कहीं कुएं की तलाश करते हैं और फिर अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
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ग्रामीणों ने बताया कि, नल-जल योजना शुरु तो हुई, लेकिन सिर्फ फरवरी- मार्च तक ही रही. कई ग्राम पंचायतों में गर्मी आने के पहले ही नल-जल योजना फेल हो जाती है.
ग्रामीणों का कहना है कि, कोरोना संक्रमण काल में वो पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर का सफर इस चिलचिलाती धूप में तय करते हैं. अपनी-अपनी साइकिलों से दूसरे गांव जाकर पानी लाते हैं. इलाके में ये हालत सिर्फ इस साल की नहीं है, कई सालों से लगातार यहां जल संकट मंडरा रहा है, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है.
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वहीं इस बारे में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, अब तक गांव वालों की इस समस्या के बारे में मालूम नहीं नहीं था. जल्द ही, वहां जाकर काम शुरू किया जाएगा.