सिवनी। जहां आज के समय में मौसम विभाग द्वारा अपना गणित लगाकर बारिश की स्थिति बताई जाती है, तो वहीं आज भी कई जगहों पर बारिश ना होने पर इंद्र देव को मनाने के लिए टोने-टोटके किए जाते हैं. ऐसा ही मामला मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से सामने आया है, जहां लखनादौन तहसील के गणेशगंज ग्राम के युवाओं ने मूसलाधार बारिश होने के लिए मेंढक और मेंढकी को बांधकर उनकी बारात निकाली.
सिवनी जिले के लखनादौन तहसील क्षेत्र में लगभग 15 दिनों से बारिश नहीं होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखने लगी हैं. किसानों की फसल अब सूखने की कगार पर पहुंच गई है. जिससे परेशान किसान अब रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए टोना टोटके का सहारा ले रहे हैं.
गणेशगंज गांव के युवाओं और किसानों द्वारा धान के मूसर में मेंढक और मेंढकी को रस्सी से बांधकर 'मेंढक रानी पानी दे, धान को तो पकन दे' की कहावत कहकर बारात निकाली. बच्चों और युवाओं की टोली द्वारा मूसर व मेंढक-मेंढकी को प्रत्येक ग्रामीणों के घर ले जाया जाता है, तो घर के सदस्य अपने घर का पानी मेंढ़क को पिलाते हैं और पानी बच्चों के ऊपर भी डाला जाता है. टोली के द्वारा भीख भी मांगी जाती है, जहां ग्रामीणों द्वारा उनको चावल, आटा, दाल सहित दान में कुछ रुपये दिये जाते हैं.
मान्यता है कि मूसर में मेंढक-मेंढकी को बांधकर उनकी शादी कराने से मूसलाधार बारिश होती है. मेंढक-मेंढकी को मूसर में बांधने से जहां वह अधिक तड़पता है, वहीं उसे देखकर भगवान इंद्रदेव मूसलाधार बारिश करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम में यह परपंरा सदियों से चली आ रही है, जब भी बारिश नहीं होती है, उस वर्ष इस तरह का आयोजन किया जाता है जिससे मूसलाधार बारिश होना शुरू हो जाती है.