सिवनी। एक तरफ सरकार जल्द देश को खुले में शौच मुक्त बनाने का दावा करती है, तो वहीं लखनादौन तहसील के टिंगीटोला जैसे गांव की स्थिति इन दावों पर सवाल खड़ा कर देती है. गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाए गए थे, लेकिन कुछ ही समय में इनकी हालत खस्ता हो गई है. आलम ये है कि ग्रामीण इन शौचालयों का उपयोग स्टोर रूम की तरह कर रहे हैं.
गांव में बने इन जर्जर शौचालयों की हालत खराब है. इनमें कहीं पानी के पाइप नहीं हैं, तो कहीं टॉयलेट सीट ही नहीं है. स्थानीय प्रशासन ने टारगेट पूरा करने की होड़ में सिर्फ चारदीवारी खड़ी कर दी है.
झनक लाल यादव ने बताया कि उन्हें इस योजना के तहत कोई राशि नहीं दी गई है. उनसे कहा गया था कि सरकार घर-घर शौचालय बना रही है, तो उन्होंने बनवा लिए. उसमें किस गुणवत्ता का मटेरियल लगाया गया, उसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. शौचालय कुछ समय बाद जर्जर हो गया, जिसके चलते उसका उपयोग करना बंद कर दिया है.
वहीं श्यामा बाई ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत है. शौचालयों तक पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही शौचालय मिट्टी वाली जमीन में बनाए गए, जो धसान की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए. जिसके चलते शौचालयों में जाने से डर लगता है कि कोई दुर्घटना नहीं हो जाए.
मामले में सरपंच और सचिव कैमरे से बचते नजर आए, जबकि सिवनी जिला पंचायत सीईओ सुनील दुबे ने बताया कि जल्द ही शौचालयों का सर्वे कराकर उनकी मरम्मत करवाई जाएगी.