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शौचालय बने स्टोर रुम, स्वच्छ भारत अभियान में लगे 'जाले'!

सिवनी जिले की लखनादौन तहसील के टिंगीटोला गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौंचालयों की हालत खस्ता हो गई है. जिसके चलते शौचालय स्टोर रुम में तबदील हो गए हैं.

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Published : Sep 24, 2019, 3:53 PM IST

शौचालय बने स्टोर रुम

सिवनी। एक तरफ सरकार जल्द देश को खुले में शौच मुक्त बनाने का दावा करती है, तो वहीं लखनादौन तहसील के टिंगीटोला जैसे गांव की स्थिति इन दावों पर सवाल खड़ा कर देती है. गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाए गए थे, लेकिन कुछ ही समय में इनकी हालत खस्ता हो गई है. आलम ये है कि ग्रामीण इन शौचालयों का उपयोग स्टोर रूम की तरह कर रहे हैं.

शौचालय, स्टोर रुम में हुए तब्दील

गांव में बने इन जर्जर शौचालयों की हालत खराब है. इनमें कहीं पानी के पाइप नहीं हैं, तो कहीं टॉयलेट सीट ही नहीं है. स्थानीय प्रशासन ने टारगेट पूरा करने की होड़ में सिर्फ चारदीवारी खड़ी कर दी है.

झनक लाल यादव ने बताया कि उन्हें इस योजना के तहत कोई राशि नहीं दी गई है. उनसे कहा गया था कि सरकार घर-घर शौचालय बना रही है, तो उन्होंने बनवा लिए. उसमें किस गुणवत्ता का मटेरियल लगाया गया, उसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. शौचालय कुछ समय बाद जर्जर हो गया, जिसके चलते उसका उपयोग करना बंद कर दिया है.

वहीं श्यामा बाई ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत है. शौचालयों तक पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही शौचालय मिट्टी वाली जमीन में बनाए गए, जो धसान की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए. जिसके चलते शौचालयों में जाने से डर लगता है कि कोई दुर्घटना नहीं हो जाए.

मामले में सरपंच और सचिव कैमरे से बचते नजर आए, जबकि सिवनी जिला पंचायत सीईओ सुनील दुबे ने बताया कि जल्द ही शौचालयों का सर्वे कराकर उनकी मरम्मत करवाई जाएगी.

सिवनी। एक तरफ सरकार जल्द देश को खुले में शौच मुक्त बनाने का दावा करती है, तो वहीं लखनादौन तहसील के टिंगीटोला जैसे गांव की स्थिति इन दावों पर सवाल खड़ा कर देती है. गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर शौचालय बनाए गए थे, लेकिन कुछ ही समय में इनकी हालत खस्ता हो गई है. आलम ये है कि ग्रामीण इन शौचालयों का उपयोग स्टोर रूम की तरह कर रहे हैं.

शौचालय, स्टोर रुम में हुए तब्दील

गांव में बने इन जर्जर शौचालयों की हालत खराब है. इनमें कहीं पानी के पाइप नहीं हैं, तो कहीं टॉयलेट सीट ही नहीं है. स्थानीय प्रशासन ने टारगेट पूरा करने की होड़ में सिर्फ चारदीवारी खड़ी कर दी है.

झनक लाल यादव ने बताया कि उन्हें इस योजना के तहत कोई राशि नहीं दी गई है. उनसे कहा गया था कि सरकार घर-घर शौचालय बना रही है, तो उन्होंने बनवा लिए. उसमें किस गुणवत्ता का मटेरियल लगाया गया, उसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. शौचालय कुछ समय बाद जर्जर हो गया, जिसके चलते उसका उपयोग करना बंद कर दिया है.

वहीं श्यामा बाई ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत है. शौचालयों तक पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही शौचालय मिट्टी वाली जमीन में बनाए गए, जो धसान की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए. जिसके चलते शौचालयों में जाने से डर लगता है कि कोई दुर्घटना नहीं हो जाए.

मामले में सरपंच और सचिव कैमरे से बचते नजर आए, जबकि सिवनी जिला पंचायत सीईओ सुनील दुबे ने बताया कि जल्द ही शौचालयों का सर्वे कराकर उनकी मरम्मत करवाई जाएगी.

Intro:ढोल की पोल.......
शौचालयों में भ्रष्टाचार निकाल रहा गांवों में स्वच्छ भारत अभियान की हवा

अनुपयोगी हुए शौचालयों को ग्रामीणों ने बनाया बहु उपयोगी किसी ने बनाया स्नानागार ,कोई भर रहा लकड़ी कंडा तो कहीं शौचालय में धोये जा रहे बर्तन


Body:सिवनी:-
सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों को ओडीएफ घोषित कराने पहले तो अधिकारियों व ग्रामीणों ने कोई कसर नहीं छोड़ी गांव-गांव स्वच्छता जागरूकता के ढोल पीटे घर-घर शौचालय तैयार कराए गांवों में जश्न मनाया गया और अधिकारियों सहित ग्रामीणों ने सरकारी तमगा हासिल कर खूब वाहवाही लूटी लेकिन निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े यह शौचालय महज कुछ ही महीनों में ही ढोल की पोल बनकर स्वच्छता अभियान को मुंह चलाते नजर आ रहे हैं अब ग्रामीणों ने शौचालय में शौच जाना तो बंद कर ही दिया है साथ ही उन्हें बहु उपयोगी बनाकर घरेलू सामग्री इन में रखी जा रही है।

ऐसा ही एक उदाहरण सिवनी जिले की जनपद पंचायत लखनादौन अंतर्गत ग्राम पंचायत सहजपुरी के गांव टिंगीटोला में देखने को मिल रहा है जहां ग्रामीणों के घरों में बने शौचालय कुछ ही महीनों के उपयोग के बाद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए, ग्रामीण शौचालय में शौच करने नहीं जा रहे बल्कि शौचालय में लगी सीट के ऊपर फर्शी जमा कर स्नानागार के तौर पर उपयोग करने के साथ-साथ कपड़ों की धुलाई एवं बर्तन की सफाई करने का भी काम किया जा रहा है वहीं कई ग्रामीणों ने तो एकदम आगे बढ़ते हुए शौचालय में ही लकड़ी कंडा रखने सहित भूसा घर बना दिया है।

शौचालयों की अनुउपयोगिता के चलते ग्राम टिंगीटोला में अभी भी ग्रामीण खुले में शौच जा रहे हैं ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण में इतना घटिया कार्य किया गया है कि हम चाह कर भी सुधार नहीं कर पा रहे कहीं शौचालय में पाइप नहीं है तो कहीं दरवाजे हवा में टूट गए हैं कहीं-कहीं तो शौचालय की सीट ही जमीन में धंसते जा रही है।

खुले में शौच मुक्त कर अवार्ड लेने की दौड़ में सरपंच सचिव से लेकर जांच अधिकारी तक ने अपनी आंखें बंद कर शौचालय के निर्माण तो करा दिए लेकिन इनकी गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया ग्रामीणों का मानना है कि शौचालय निर्माण एजेंसी में लगे सरपंच सचिव ठेकेदार सहित कार्य अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही होना चाहिए अन्यथा स्वच्छ भारत का सपना अधूरा ही रह जाएगा।

वहीं इस पूरे मामले में सरपंच सचिव मीडिया से बचते नजर आए तो जनपद पंचायत सीईओ से बात की गई जिस पर उन्होंने बगैर बाइट दिए जांच कराने का आश्वासन दे दिया लेकिन जब इसी मामले को जिला पंचायत सचिव के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने सर्वे कराकर जांच उपरांत सुधारात्मक कार्यवाही की बात कही है।

बाइट-1-झनक लाल यादव ग्रामीण हितग्राही
बाइट-2-श्यामा बाई ग्रामीण हितग्राही
बाइट-3- सरोज भाई हितग्राही की पत्नी ग्रामीण
बाइट-4-रामकुमार ग्रामीण हितग्राही
बाइट-5-ग्रामीण महिला

बाइट-6- सुनील दुबे
जिला पंचायत सीईओ सिवनी


Conclusion:स्पेशल स्टोरी
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