भोपाल। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हुई मॉब लिंचिंग और खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रशासनिक मशीनरी पर गाज गिरी है. सिवनी के पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया है और जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया गया है तो वहीं खरगोन के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक पर गाज गिरी. राज्य सरकार द्वारा शनिवार को लिए गए फैसलों में सिवनी के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक को हटा दिया गया है. कुरई थाने में सभी को पूरे स्टॉफ को हटा दिया गया है. कुरई थाना क्षेत्र के सिमरिया में गौमांस के शक में दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले ने तूल पकड़ा तो पहले कांग्रेस और फिर भाजपा ने अपने अपने दल मौके पर भेजे। इसके बाद सरकार ने एसआईटी गठित की है.
वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों खरगोन में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कलेक्टर अनुग्रह पी और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को हटा दिया गया है.
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10 अप्रैल को हुई थी हिंसाः बता दें कि शहर में 10 अप्रैल को हुई हिंसा के करीब एक पखवाड़ा बीत चुका है. तेजी से सामान्य हो रहे हालातों को देखते हुए प्रशासन भी मूलभूत ओर बुनियादी सुविधाओं पर लगी पाबंदियां भी हटा रहा है. मंगलवार से यात्री बसों को भी बस स्टैंड से सवारियां बैठाने की अनुमति दे दी गई है. कलेक्टर अनुग्रहा पी ने बताया कि मंगलवार से सुबह 8 से शाम 5 बजे याने कर्फ्यू ढील अवधि में बस स्टैंड पर आवाजाही कर सवारियां बैठा सकते हैं. फिलहाल पेट्रोल बिक्री पर लगा प्रतिबन्ध हटाने का निर्णय नहीं लिया है.
--आईएएनएस