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नगर परिषद की जगह पंचायत चुनाव प्रक्रिया को लेकर जनता ने किया विरोध

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Published : Jun 16, 2020, 3:56 PM IST

सीवनी जिले के छपारा में ग्राम पंचायत चुनाव का जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा बहिष्कार किया जा रहा है. इसी के लिए छपारा को नगर परिषद बनाए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

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सिवनी। पिछले 4 सालों से ज्यादा समय से मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र में प्रकाशन और हाईकोर्ट के 2 आदेशों के बाद छपारा नगर परिषद के वार्डों का सीमांकन और नामकरण के बाद अब फिर से छपारा में ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया को लेकर जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. इसी के चलते मंगलवार को स्थानीय रेस्ट हाउस परिसर में नगर परिषद संघर्ष समिति ने एक विचार गोष्ठी आयोजित की थी, जिसमें राजनीतिक दलों के अलावा जनप्रतिनिधि और अन्य लोग मौजूद रहे.

Meeting of people and public representatives
जनता और जनप्रतिनिधियों की बैठक

गौरतलब है कि 15 साल से ज्यादा समय से छपारा ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और जल सत्याग्रह किए जा रहे हैं. स्थानीय निवासी मदन श्रीवास्तव ने साल 2009 में छपारा को नगर परिषद बनाए जाने को लेकर एक जनहित याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई थी.

हाईकोर्ट ने सारे तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन को 6 माह के अंदर छपारा को नगर परिषद बनाए जाने के आदेश भी साल 2011 में जारी किए थे, लेकिन मध्यप्रदेश शासन के द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बाद ये बताया गया था कि छपारा को नगर परिषद का दर्जा दे दिया गया है.

2016 में राजपत्र में हो चुका है प्रकाशन

बता दें, कि भाजपा शासन के दौरान 4 जनवरी 2016 को मध्यप्रदेश शासन के द्वारा छपारा को नगर परिषद बनाए जाने के लिए राजपत्र में भी प्रकाशन किया जा चुका है. राजपत्र में प्रकाशन होने के बाद वर्ष 2019 में नगर परिषद बनाए जाने की प्रक्रिया को लेकर आसपास की 2 ग्राम पंचायतों को छपारा पंचायत के साथ जोड़कर 15 वार्ड भी बनाएं गए और उनका सीमांकन करते हुए, बकायदा सभी 15 वार्डों का नामकरण भी किया गया, इनके दस्तावेजों पर तत्कालीन कलेक्टर के हस्ताक्षर भी हैं.

Meeting of people and public representatives
जनता और जनप्रतिनिधियों की बैठक

हाई कोर्ट के आदेश और राजपत्र में प्रकाशन के बाद पंचायत के चुनाव क्यों

इस मामले को लेकर अब नगर परिषद संघर्ष समिति ने अपना मोर्चा खोल दिया है और मंगलवार को छपारा के स्थानीय रेस्ट हाउस परिसर में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय निवासियों की एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई. इस संगोष्ठी के दौरान सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि छपारा को नगर परिषद का दर्जा ही मिलना चाहिए और ग्राम पंचायत के चुनाव का बहिष्कार होना चाहिए. साथ ही विभिन्न माध्यमों से शासन प्रशासन और सरकार तक इस बात की आवाज पहुंचाया जाना चाहिए. इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद छपारा को नगर परिषद बनाए जाने को लेकर 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसीलदार को दिया है.

सिवनी। पिछले 4 सालों से ज्यादा समय से मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र में प्रकाशन और हाईकोर्ट के 2 आदेशों के बाद छपारा नगर परिषद के वार्डों का सीमांकन और नामकरण के बाद अब फिर से छपारा में ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया को लेकर जनता में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. इसी के चलते मंगलवार को स्थानीय रेस्ट हाउस परिसर में नगर परिषद संघर्ष समिति ने एक विचार गोष्ठी आयोजित की थी, जिसमें राजनीतिक दलों के अलावा जनप्रतिनिधि और अन्य लोग मौजूद रहे.

Meeting of people and public representatives
जनता और जनप्रतिनिधियों की बैठक

गौरतलब है कि 15 साल से ज्यादा समय से छपारा ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और जल सत्याग्रह किए जा रहे हैं. स्थानीय निवासी मदन श्रीवास्तव ने साल 2009 में छपारा को नगर परिषद बनाए जाने को लेकर एक जनहित याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई थी.

हाईकोर्ट ने सारे तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश शासन को 6 माह के अंदर छपारा को नगर परिषद बनाए जाने के आदेश भी साल 2011 में जारी किए थे, लेकिन मध्यप्रदेश शासन के द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बाद ये बताया गया था कि छपारा को नगर परिषद का दर्जा दे दिया गया है.

2016 में राजपत्र में हो चुका है प्रकाशन

बता दें, कि भाजपा शासन के दौरान 4 जनवरी 2016 को मध्यप्रदेश शासन के द्वारा छपारा को नगर परिषद बनाए जाने के लिए राजपत्र में भी प्रकाशन किया जा चुका है. राजपत्र में प्रकाशन होने के बाद वर्ष 2019 में नगर परिषद बनाए जाने की प्रक्रिया को लेकर आसपास की 2 ग्राम पंचायतों को छपारा पंचायत के साथ जोड़कर 15 वार्ड भी बनाएं गए और उनका सीमांकन करते हुए, बकायदा सभी 15 वार्डों का नामकरण भी किया गया, इनके दस्तावेजों पर तत्कालीन कलेक्टर के हस्ताक्षर भी हैं.

Meeting of people and public representatives
जनता और जनप्रतिनिधियों की बैठक

हाई कोर्ट के आदेश और राजपत्र में प्रकाशन के बाद पंचायत के चुनाव क्यों

इस मामले को लेकर अब नगर परिषद संघर्ष समिति ने अपना मोर्चा खोल दिया है और मंगलवार को छपारा के स्थानीय रेस्ट हाउस परिसर में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय निवासियों की एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई. इस संगोष्ठी के दौरान सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि छपारा को नगर परिषद का दर्जा ही मिलना चाहिए और ग्राम पंचायत के चुनाव का बहिष्कार होना चाहिए. साथ ही विभिन्न माध्यमों से शासन प्रशासन और सरकार तक इस बात की आवाज पहुंचाया जाना चाहिए. इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद छपारा को नगर परिषद बनाए जाने को लेकर 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम तहसीलदार को दिया है.

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