सिवनी। कोतवाली पुलिस की सह्रदयता के चलते करीब एक साल से अधिक वक्त के बाद एक मजबूर मां की मुलाकात अपनी 6 वर्षीय मासूम बेटी से हुई. दरअसल कानूनी दांव पेच के चलते बच्ची के माता-पिता अलग-अलग रहते थे. अदालत का आदेश था कि मां अपनी बेटी से हर 2 माह में जब भी जी चाहे मिल सकती है, लेकिन सिवनी में ससुराल पक्ष वाले कभी कोरोना का, तो कभी कोई और बहाना बनाकर मां बेटी को नहीं मिलने दे रहे थे, जिसकी शिकायत महिला ने थाने में की थी.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल सिवनी बारापत्थर में रहने वाले विश्वास का विवाह वर्ष 2014 में धारना ग्राम में हुआ था. विवाह के 1 वर्ष बाद उनकी पत्नी ने एक पुत्री को जन्म दिया, बाद में पारिवारिक विवाद के चलते दोनों की पटरी मेल नहीं खाई और मामला कोर्ट कचहरी के चक्कर में उलझ कर रह गया. बाद में कुटुंब न्यायालय में दोनों पक्षों ने सहमति से अलग-अलग रहने का फैसला कर लिया, इसके बाद तलाक का मामला दर्ज करने की सहमति भी हुई. कुटुंब न्यायालय ने पुत्री को पिता की कस्टडी में देते हुए 2 माह में एक बार मां से उसकी इच्छा अनुसार स्थान और समय में मिलने को आदेशित किया, लेकिन फैसले के बाद से मां से उसकी बेटी को मिलने नहीं दिया जा रहा था. जिसके बाद से पीड़ित मां बेटी से मिलने को तरस रही थी, लेकिन ससुराल पक्ष कभी कोरोना का, तो कभी कोई और बहाना बनाकर मां से मिलने नहीं दे रहा था. पीड़ित महिला की ममता अपनी पुत्री से मिलने के लिए तड़प रही थी, महिला ने कई जतन किए लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई.
इसके बाद महिला ने कोतवाली थाना प्रभारी महादेव नागोतिया से बात की, कोतवाली थाना प्रभारी ने सहृदयता दिखाते हुए महिला पुलिस के साथ मजबूर मां को उसके ससुराल पक्ष में भेजा. जहां पर महिला को महज चंद मिनट के लिए उसकी बेटी से मिलवाया गया, जिसके बाद थाना प्रभारी ने बेटी को उसके अभिभावकों के साथ कोतवाली बुलाया, जहां बिना किसी दबाव के दोनों मां बेटी की मुलाकात हुई. इस दौरान मां बेटी दोनों भावुक नजर आई. कई बार दोनों भावुक नजर आए, मुलाकात के बाद मां ने सिवनी पुलिस स्टाफ और कोतवाली थाना प्रभारी का ह्रदय से आभार माना.