सिवनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के सिवनी पहुंचे और सभा को संबोधित किया. उन्होंने आदिवासियों के योगदान को बताते हुए कहा कि ''महाकौशल में रानी दुर्गावती, शहीद बिंदु कुमरे, राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह जैसे आदिवासियों की अहम भूमिका है. भाजपा सरकार ने उनके नाम पर भोपाल में रानी कमलापति आधुनिक रेलवे स्टेशन, छिंदवाड़ा में राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय बनाया. जबलपुर में राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह और रानी दुर्गावती को पहचान दिलाई है. क्योंकि भाजपा उनके योगदान को समझती है, लेकिन कांग्रेस चाहे सरकारी दफ्तर हो या फिर किसी योजना का नाम सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित रही है. हद तो तब हो गई जब मध्य प्रदेश के कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी इस परिवार के नाम जिक्र किया गया है.''
कांग्रेस को पता भी नहीं था कि आदिवासी क्या होता है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ''जो आज आदिवासियों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर गांव गांव जाकर आदिवासियों को गुमराह कर रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए की पांच दशक तक उनकी सरकार केंद्र में रही लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि आदिवासी क्या है, जनजाति कहां रहती है. भारत में जब अटल बिहारी की सरकार बनी तो भाजपा की सरकार ने आदिवासियों के हित के बारे में सोचा और अलग आदिवासी मंत्रालय बनाकर बजट की व्यवस्था की, ताकि आदिवासियों का कल्याण हो सके. हर आदिवासी जनजाति भाजपा का पारिवारिक सदस्य हैं. पहले कांग्रेस ने आदिवासियों को अंधेरे में रखा और अब उन्हें गुमराह किया जा रहा है.''
जिन्होंने राम को बनाया पुरुषोत्तम उनकी पुजारी है बीजेपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ''पांच दशक तक भारत में राज करने वाली कांग्रेस को कभी भी आदिवासियों की याद नहीं आई. जबकि आदिवासी और जनजाति समाज अनंतकाल से भारत में निवास कर रही है. यह वह समाज है जिसे भगवान राम को भी संभाला और उन्हें राम से पुरुषोत्तम बना दिया. भगवान राम को पुरुषोत्तम बनाने वाली ऐसी आदिवासी समाज की पुजारी बीजेपी है और भाजपा का हर नेता उन आदिवासियों का भक्त है.''
बनाई जा रही 15 हजार करोड़ रुपए की योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ''देश की भारियां, सहरिया और बैगा जनजातियों के उत्थान के लिए भाजपा सरकार लगातार काम कर रही है. आने वाले समय में करीब 15 हजार करोड रुपए की विशेष योजना बनाकर इन जनजातियों को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा.'' साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना का जिक्र करते हुए कहा कि ''इस योजना से उन छोटे कारीगर और हुनरमंद लोगों का विकास होगा जो पैसों के अभाव में अपनी कला का गला घोंट देते थे.''