सिवनी। कोरोना महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश में गए कई मजदूर दो महीने पहले ही वापस आ चुके हैं. जिन्हें सरकार राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के दावे कर रही है. लेकिन जिले के सिल्पनी जुगरई क्षेत्रों में हकीकत कुछ और बयां हो रही है.
कोरोना महामारी संकट को लेकर गांव से लेकर शहर तक हाहाकार मचा हुआ है, शासन-प्रशासन प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने की बात कर रहे हैं, सरकार का दावा है कि राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के तहत मजदूरों को ग्राम पंचायत के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन हकीकत ये है कि यहां लोग कोरोना जैसी महामारी से इतना भयभीत नहीं हैं, जितना कि रोजगार के आभाव में हैं. बेरोजगारी के चलते वे अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं. जिससे वे वापस पलायन करने को मजबूर हैं.
प्रशासन फिलहाल पलायन की बात को नकार रहा है. कोरोना के चलते सरकार प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार दिलाने की बात कर रही है और गांव के वह प्रवासी मजदूर जो कोरोना के चक्कर में घर लौट चुके थे. अब उन्हें कोरोना से ज्यादा अपने परिवार और स्वयं के पेट की ज्यादा चिंता है. शायद यही कारण है कि वो रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं