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फिल्मी अंदाज में ठगी, गुमशुदा बेटा बनकर पांच साल तक परिवार को लूटा, ऐसे खुली पोल - Seoni News

सिवनी जिले के लखनादौन थाना क्षेत्र के भसेनवाली गांव में एक ठगी का मामला सामने आया है. एक शातिर ठग एक आदिवासी परिवार को पांच साल तक उसका गुमशुदा बेटा बताता रहा और उनसे पैसे ऐंठता रहा. सच्चाई पता चलने पर ग्रामीणों ने ठग को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.

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Published : Dec 8, 2020, 2:02 AM IST

सिवनी। लखनादौन थाना अंतर्गत भसेनवाली गांव में एक आदिवासी परिवार का गुमशुदा बेटा बनकर फिल्मी अंदाज में ठगने का मामला सामने आया है. एक बहरूपिया पांच साल तक खुद को रामकुमार उइके का लापता बेटा बताकर उनके परिवार से लाखों की ठगी कर चुका है. इसी बीच बहरूपिया का भेद खुल गया. इस पर ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है.

15 साल पहले भागा था बेटा

बता दें आदिवासी परिवार का बेटा निरोत्तम उइके करीब 15 साल पहले घर से भाग गया था. उसकी कोई खोज-खबर नहीं थी. परिजनों ने बेटे के लौटने की आस भी खो दी थी. लेकिन पांच साल पहले एक बहरूपिया साधु-संत के वेश में गांव पहुंचा और खुद को परिवार का गुमशुदा बेटा होने का दावा किया. बहरूपिया ने आदिवासी परिवार को बताया कि उसने उत्तरप्रदेश में जाकर चेहरे की सर्जरी कराई है, ताकि साधु बन सके. अब उसे परिजनों की याद आने लगी थी, इसलिए कुछ समय के लिए उनके पास लौट आया है. परिजन व ग्रामीण उसकी बातों में आ गए और शातिर उन्हें लूटता रहा.

घर के हर सदस्य से लिए पैसे

परिवार के सभी सदस्य इस बहरूपिया के जाल में फंस गए. बिना कोई सवाल किए बहरूपिए को अपना बेटा समझकर उसकी तमाम मांगे पूरी करते रहे. यह बहरूपिया पांच साल के अंतराल से कई बार इस गांव में आया. पूजा-पाठ के नाम पर लाखों की ठगी कर वापस लौट गया. आरोपी ने घर के हर सदस्य से पैसे लिए हैं. यहां तक कि बहरूपिया के झांसे में आकर कुछ ग्रामीण ने भी पैसे दे दिए.

ऐसे हुआ खुलासा

करीब पांच महीने पहले परिवार में छोटी बेटी की शादी का समय था, तब अचानक परिवार का असली लड़का निरोत्तम ने परिजनों को फोन करके खुद के जिंदा होने व पंजाब में काम करने की बात बताई. सबूत के लिए अपने बचपन के किस्से भी सुनाए. तब जाकर परिजनों को बहरूपिए की असलियत के बारे में पता चला.

ग्रामीणों ने आरोपी को पुलिस के हवाले किया

ऐसे में अब तक खुद को परिवार का बेटा होने का दावा कर रहा ये बहरूपिया साधु रविवार को फिर परिवार के पास पहुंचा था. तभी गांव वालों ने इस बहरूपिये की कहानी का दी एंड कर दिया. साथ ही उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.

सिवनी। लखनादौन थाना अंतर्गत भसेनवाली गांव में एक आदिवासी परिवार का गुमशुदा बेटा बनकर फिल्मी अंदाज में ठगने का मामला सामने आया है. एक बहरूपिया पांच साल तक खुद को रामकुमार उइके का लापता बेटा बताकर उनके परिवार से लाखों की ठगी कर चुका है. इसी बीच बहरूपिया का भेद खुल गया. इस पर ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है.

15 साल पहले भागा था बेटा

बता दें आदिवासी परिवार का बेटा निरोत्तम उइके करीब 15 साल पहले घर से भाग गया था. उसकी कोई खोज-खबर नहीं थी. परिजनों ने बेटे के लौटने की आस भी खो दी थी. लेकिन पांच साल पहले एक बहरूपिया साधु-संत के वेश में गांव पहुंचा और खुद को परिवार का गुमशुदा बेटा होने का दावा किया. बहरूपिया ने आदिवासी परिवार को बताया कि उसने उत्तरप्रदेश में जाकर चेहरे की सर्जरी कराई है, ताकि साधु बन सके. अब उसे परिजनों की याद आने लगी थी, इसलिए कुछ समय के लिए उनके पास लौट आया है. परिजन व ग्रामीण उसकी बातों में आ गए और शातिर उन्हें लूटता रहा.

घर के हर सदस्य से लिए पैसे

परिवार के सभी सदस्य इस बहरूपिया के जाल में फंस गए. बिना कोई सवाल किए बहरूपिए को अपना बेटा समझकर उसकी तमाम मांगे पूरी करते रहे. यह बहरूपिया पांच साल के अंतराल से कई बार इस गांव में आया. पूजा-पाठ के नाम पर लाखों की ठगी कर वापस लौट गया. आरोपी ने घर के हर सदस्य से पैसे लिए हैं. यहां तक कि बहरूपिया के झांसे में आकर कुछ ग्रामीण ने भी पैसे दे दिए.

ऐसे हुआ खुलासा

करीब पांच महीने पहले परिवार में छोटी बेटी की शादी का समय था, तब अचानक परिवार का असली लड़का निरोत्तम ने परिजनों को फोन करके खुद के जिंदा होने व पंजाब में काम करने की बात बताई. सबूत के लिए अपने बचपन के किस्से भी सुनाए. तब जाकर परिजनों को बहरूपिए की असलियत के बारे में पता चला.

ग्रामीणों ने आरोपी को पुलिस के हवाले किया

ऐसे में अब तक खुद को परिवार का बेटा होने का दावा कर रहा ये बहरूपिया साधु रविवार को फिर परिवार के पास पहुंचा था. तभी गांव वालों ने इस बहरूपिये की कहानी का दी एंड कर दिया. साथ ही उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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