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किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर कर रही हैं सहकारी समितियां - Farmers upset for urea in seoni

सिवनी जिले के लखनादौन विकासखण्ड के उपनगरीय क्षेत्र धूमा के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति द्वारा किसानों को यूरिया मुहैया नहीं कराया जा रहा है. किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है.

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Published : Aug 25, 2020, 4:46 PM IST

सिवनी। शिवराज सरकार भले ही किसानों को लेकर बड़े बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहनी बयां कर रही है. ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले के लखनादौन विकासखण्ड के उपनगरीय क्षेत्र धूमा के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धूमा का आया है, जहां किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर किया जा रहा है.

किसानों ने बताया कि, 15 दिन पहले आधार कार्ड पर दो-दो बोरी यूरिया लेकर गए, लेकिन अब हम जब दोबारा यूरिया लेने के लिए आए हैं, तो सुबह से खड़े हैं और पूछ रहे हैं, फोन लगाने पर भी यूरिया वितरण की कोई जानकारी नहीं मिल रही. जब शाम हुई तो प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा कहा गया की, आधार कार्ड से हम यूरिया नहीं देंगे, जमीन की बही लेकर आओ तब यूरिया मिलेगा, इसकी जानकारी भी नोटिस बोर्ड पर नहीं है. अब अचानक से किए गए बदलाव को लेकर किसान परेशान हैं.

उनका कहना है कि, हम 30 से 40 किलोमीटर दूर से आए हैं और दोबारा बही लेने के लिए घर वापस जाएंगे, जबकि आज सुबह जब यूरिया का ट्रक धूमा सोसाइटी पर आया, उस ट्रक से 10 बोरी यूरिया वापस भिजवा दिया गया. अब सवाल यह उठता है कि, आखिर क्यों अफसर शाही शासन की योजनाओं को पलीता लगाने पर आमादा है.

सिवनी। शिवराज सरकार भले ही किसानों को लेकर बड़े बड़े दावे करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहनी बयां कर रही है. ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले के लखनादौन विकासखण्ड के उपनगरीय क्षेत्र धूमा के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धूमा का आया है, जहां किसानों को यूरिया के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर किया जा रहा है.

किसानों ने बताया कि, 15 दिन पहले आधार कार्ड पर दो-दो बोरी यूरिया लेकर गए, लेकिन अब हम जब दोबारा यूरिया लेने के लिए आए हैं, तो सुबह से खड़े हैं और पूछ रहे हैं, फोन लगाने पर भी यूरिया वितरण की कोई जानकारी नहीं मिल रही. जब शाम हुई तो प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा कहा गया की, आधार कार्ड से हम यूरिया नहीं देंगे, जमीन की बही लेकर आओ तब यूरिया मिलेगा, इसकी जानकारी भी नोटिस बोर्ड पर नहीं है. अब अचानक से किए गए बदलाव को लेकर किसान परेशान हैं.

उनका कहना है कि, हम 30 से 40 किलोमीटर दूर से आए हैं और दोबारा बही लेने के लिए घर वापस जाएंगे, जबकि आज सुबह जब यूरिया का ट्रक धूमा सोसाइटी पर आया, उस ट्रक से 10 बोरी यूरिया वापस भिजवा दिया गया. अब सवाल यह उठता है कि, आखिर क्यों अफसर शाही शासन की योजनाओं को पलीता लगाने पर आमादा है.

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