सीहोर। शहर के युवा लेखक और साहित्यकार आकाश माथुर ने मी टू के बाद अपनी दूसरी किताब कोविड-19 महामारी पर लिखी है. इस किताब का नाम 'कोरोना काल' है, जो इन दिनों लोगों के बीच खासा पसंद की जा रही है. इस किताब को लेकर आकश माथुर ने ETV भारत से खास बातचीत की.
लेखक आकाश ने बताया कि इस किताब के जरिए उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोरोना महामारी से अभी भी रोजाना सैकड़ों लोग जूझ रहे हैं. इस कोरोना काल मे आमजन से लेकर सज्जन को क्या-क्या परेशानियों का सामना करना पड़ा है, आम लोगों की धारणा में क्या बदलाव आए हैं, कैसे प्रदेश में सियासत बदली, इसके अलावा कई पहलुओं का किताब में वर्णन किया गया है. ये भी कहा जा सकता है कि कोरोना काल की घटनाओं की परत दर परत खोलती हुई कोरोना पर पहली किताब है 'कोरोना काल'. लेखक आकाश ने किताब के बारे में बताया कि इस किताब में सत्ता, हत्या ,ताली ,थाली और और धर्म की राजनीति, पलायन और अग्निपथ, भूख, पढ़े-लिखे नासमझ, छपास का वायरस, प्रकृति, वेश्या, अमीरी ,गरीबी, मृत्यु दर, जीना सीखना होगा, पहली मौत ,छुअन का एहसास, रिवर्स माइग्रेशन, रेल का अहसास इन शीषर्कों को किताब में शामिल किया गया है. आकाश ने बताया कि यह किताब लॉकडाउन के ठीक बाद के समय की कहानी कहती है. वह समय जब पहली बार एक अलग तरह से जीवन जीने का अनुभव दुनिया भर के लोगों ने लिया. यह किताब लॉकडाउन की घोषणा होते ही घटनाओं को उठाना प्रारंभ कर देती है.
ये भी पढ़ें- 'रामलला' के नाम पर वोट मांगने वाले 'रामराजा' को भूल गए, ओरछा की सुध लेने वाला कोई नहीं: बृजेन्द्र राठौरबता दें, आकाश माथुर जिन्होंने कोरोना पर किताब लिखी है वह स्वयं एक सक्रिय पत्रकार हैं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पूरे समय फील्ड में रहकर जो कुछ देखा उसके पीछे के सच को जानने की कोशिश की और इस दौरान उन्होंने जो जाना-समझा वे उसे इस किताब में बता रहे हैं.