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आदिवासी किसानों ने मुआवजे को लेकर दिया ज्ञापन, अतिवृष्टि में खराब हुई फसल - compensation

खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा नहीं मिलने से आदिवासी किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

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आदिवासी किसानों ने मुआवजे को लेकर दिया ज्ञापन
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Published : Dec 8, 2019, 12:16 PM IST

Updated : Dec 8, 2019, 2:41 PM IST

सीहोर। नसरुल्लागंज तहसील के आदिवासी क्षेत्र लाडकुई अंतर्गत आने वाले गांव के किसानों की अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा नहीं आने से नाराज आदिवासी पट्टाधारी किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी किसानों ने मुआवजे को लेकर दिया ज्ञापन


अतिवृष्टि होने के कारण इस साल सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है, क्षेत्र में अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा शासन दे रहा है, लेकिन शासन द्वारा किए गए सर्वे में वन भूमि काबिज पट्टाधारी किसान को छोड़ दिया है. इसी के चलते किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर मुआवजे की मांग की है.

सीहोर। नसरुल्लागंज तहसील के आदिवासी क्षेत्र लाडकुई अंतर्गत आने वाले गांव के किसानों की अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा नहीं आने से नाराज आदिवासी पट्टाधारी किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी किसानों ने मुआवजे को लेकर दिया ज्ञापन


अतिवृष्टि होने के कारण इस साल सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है, क्षेत्र में अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा शासन दे रहा है, लेकिन शासन द्वारा किए गए सर्वे में वन भूमि काबिज पट्टाधारी किसान को छोड़ दिया है. इसी के चलते किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर मुआवजे की मांग की है.

Intro:बुधनी विधनसभा के नसरुल्लागंज ब्लाक के आदिवासी किसानों का मामलाBody:बुधनी
मुकेश मेहता
खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा नहीं आने पर आदिवासी किसानों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन....
Anchor/v/b- नसरुल्लागंज तहसील के आदिवासी क्षेत्र लाडकुई अंतर्गत आने वाले गांव के किसानों की  अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा नहीं आने से नाराज आदिवासी पट्टाधारी किसानों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन....
        मामला नसरुल्लागंज क्षेत्र के ग्राम इटावा खुर्द, डोंगलापानी व किशनपुर के किसानों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंंपा जिसमें उल्लेख करते हुए कहा कि अतिवृष्टि होने से खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा इटावाखुर्द, डोंगला पानी, किशनपुर के पट्टाधारी किसानों को छोड़ दिया। 
        यह वन भूमि पर 40 से 50 वर्षों से काबिज है व कृषि कार्य कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। अतिवृष्टि होने के कारण इस वर्ष सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई जिससे कि परिवार के जीवन यापन पर संकट आ गया है। 
        क्षेत्र में अतिवृष्टि से खराब हुई फसल का मुआवजा शासन के द्वारा दिया जा रहा है किंतु शासन द्वारा किए गए सर्वे में वन भूमि काबिज पट्टाधारी किसान को छोड़ दिया है। 
         वही उन्होंने मांग की है कि सर्वे कराकर हमारा नाम जोड़ा जाए और हमें शीघ्र मुआवजा दिलाया जाए जिससे कि हमारे परिवार का भरण पोषण कर सकें एवं शासन की योजना का लाभ मिल सके।
बाईट - श्याम बारेला, इटावा खुर्दConclusion:
Last Updated : Dec 8, 2019, 2:41 PM IST
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