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सीहोर में हुआ बारहखंभा मेले का आयोजन, जायजा लेने पहुंचे मंत्री आरिफ अकील

सीहोर के देवपुरा गांव में बारहखंभा मेले का आयोजन हुआ. जिसमें श्रद्धालुओं ने पशु पतिनाथ को हजारों लीटर दूध चढ़ाया. वहीं मंत्री आरिफ अकील भी मेले का जायजा लेने पहुंचे.

बारहखंभा मेला
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Published : Oct 29, 2019, 10:07 PM IST

सीहोर। इछावर क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले गांव देवपुरा में दिवाली के बाद एक दिवसीय मेला लगा. मवेशियों की सलामती और मन्नतें पूरी होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्घालु बारहखंभा मेले में पहुंचे. इस दौरान पशुपालकों ने भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया. वहीं मंत्री आरिफ अकील भी मेले का जायजा लेने पहुंचे.

सीहोर का बारहखंभा मेला


हर साल दीपावली के बाद बारहखंभा मेला लगता है. सालों से मेला लगने की परंपरा चली आ रही है. मेला आज भी लोगों के लिए आस्था और श्रद्घा का केंद्र बना हुआ है. इस एक दिवसीय मेले में दूर दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु दूध और गन्ना चढ़ाने यहां पहुंचते हैं.


श्रद्घालु और पशुपालकों की आस्था है कि भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर दूध चढ़ाने से मवेशियों में किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग नहीं होता. साथ ही मवेशी अधिक दूध देते हैं. इसीलिए मेले में क्षेत्र सहित दूर दराज गांव और शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने और दूध चढ़ाने पहुंचते हैं.

सीहोर। इछावर क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले गांव देवपुरा में दिवाली के बाद एक दिवसीय मेला लगा. मवेशियों की सलामती और मन्नतें पूरी होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्घालु बारहखंभा मेले में पहुंचे. इस दौरान पशुपालकों ने भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया. वहीं मंत्री आरिफ अकील भी मेले का जायजा लेने पहुंचे.

सीहोर का बारहखंभा मेला


हर साल दीपावली के बाद बारहखंभा मेला लगता है. सालों से मेला लगने की परंपरा चली आ रही है. मेला आज भी लोगों के लिए आस्था और श्रद्घा का केंद्र बना हुआ है. इस एक दिवसीय मेले में दूर दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु दूध और गन्ना चढ़ाने यहां पहुंचते हैं.


श्रद्घालु और पशुपालकों की आस्था है कि भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर दूध चढ़ाने से मवेशियों में किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग नहीं होता. साथ ही मवेशी अधिक दूध देते हैं. इसीलिए मेले में क्षेत्र सहित दूर दराज गांव और शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने और दूध चढ़ाने पहुंचते हैं.

Intro:सीहोर- मंदिर में बही दूध की धारा, हजारों लीटर दूध श्रद्धालुओं ने चढ़ाया,

-मवेशियों की सलामती के लिए पशु पतिनाथ को चढ़ाते है दूध, लगता है बारह खंभा मेला,

- श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

- पशुपति नाथ को श्रद्धालुओ ने चढ़ाया दूध,

- मंत्री आरिफ अकील भी जायजा लेने पंहुचे,
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एंकर-सीहोर- मवेशियों की सलामती और मन्नतें पूरी होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्घालु बारहखंभा मेले में पहुंचे। इस दौरान पशुपालकों ने भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन कर उनकी प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया। बड़ी संख्या में श्रद्घालुओं के दूध चढ़ाने से मंदिर से दूध की धारा निकल गई।

Body:जानकरी के अनुसार जिले के इछावर क्षेत्र के अंर्तगत आने वाले गांव देवपुरा में दिवाली के बाद एक दिवसीय मेला लगा। इसमें क्षेत्र सहित दूर दराज गांव और शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करने और दूध चढ़ाने पहुंचे।

ज्ञात हो कि हर साल दीपावली के बाद बारह खंभा मेला लगता है।सालों से मेला लगने की परंपरा चली आरही है। मेला आज भी लोगों के लिए आस्था और श्रद्घा का केंद्र बना हुआ है। इस एक दिवसीय मेले में दूर दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु दूध और गन्ना चढ़ाने यहां पहुंचते हैं। दरअसल श्रद्घालु और पशुपालकों की आस्था है कि भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा पर दूध चढ़ाने से मवेशियों में किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग नहीं होता। साथ ही मवेशी अधिक दूध देते हैं।Conclusion:
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