सीहोर। अजब एमपी का गजब मामला सामने आया है, जहां स्वास्थ्य विभाग के अफसर टारगेट पूरा करने के चक्कर में गरीबों की जिंदगी से कैसे खिलवाड़ कर रहे है. इसका उदाहरण सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले नसरुल्लागंज सिविल अस्पताल से सामने आया है. यहां एक ऐसी महिला की नसबंदी कर दी गई, जो गर्भवती थी.
पेट में होने लगा था दर्द
मामला नसरुल्लागंज तहसील के इमलाडा गांव का है. महिला के पति शैतान सिंह ने बताया कि 20 दिसंबर 2020 को सिविल अस्पताल में मेरी पत्नी की नसबंदी कर दी गई. नसबंदी के पहले गर्भधारण की जांच नहीं की गई. इसके चलते कुछ दिनों बाद से ही मेरी पत्नी के पेट में दर्द होना शुरू हो गया.
नसबंदी की 'मौतबंदी'! संयुक्त निदेशक ने 12 दिन पहले किया था ऑपरेशन
जब महिला के पेट में दर्द ज्यादा होने लगा, तब वह अपने पति के साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में सोनोग्राफी कराने गई. यहां उसे पता चला कि वह गर्भ से है. नसबंदी ऑपरेशन के समय भी एक माह का गर्भ था. इसके बाद इस पूरे मामले की शिकायत ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर से की गई. वही सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की इतनी बड़ी लापरवाही पर कई सवालिए निशान खड़े हो रहे है.