सीहोर। भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit pradeep mishra) के ग्राम चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वरधाम में गुरुवार सुबह से लेकर देर रात तक भगवान भोलेनाथ के भक्तों का आना लगातार जारी रहा. लोग रुद्राक्ष लेने के लिए घंटों कतार में खड़े रहे, वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने शिवमहापुराण कथा भी सुनीं. देखा गया कि बच्चे, बुजुर्ग और युवा अपने-अपने साधनों और ट्रेनों के माध्यम से सीहोर आए और सबकी मंजिल कुबेरेश्वरधाम रही और देखते ही देखते चौपाल सागर से कुबेरेश्वरधाम तक जाम की स्थिति निर्मित हो गई. इस दौरान ट्रैफिक को कंट्रोल करने में लगी पुलिस और प्रशासन का अमला पूरी तरह असहाय नजर आ रहा था. सडक़ों पर वाहनों से ज्यादा पदयात्रा करते हुए लोग कुबेरेश्वरधाम पहुंच रहे थे.
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हाइवे पर बने जाम के हालात: सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलु यह है कि पिछले साल रुद्राक्ष महोत्सव में भारी भीड़ आने के बाद हाइवे जाम हुआ था और रुद्राक्ष महोत्सव स्थिगित हो गया था. पिछली बार की अव्यवस्थाएं प्रशासन को भलीभांती ज्ञात रहीं, लेकिन उससे भी प्रशासन ने किसी भी प्रकार का सबक लेना और सावधानी बरतना उचित नहीं समझा और इस साल भी हाइवे पर भारी जाम के हालात घंटों तक बने रहे. देखा गया कि हाइवे पर लोग परेशान होते रहे, घंटों तक वाहन जाम में फंसे रहे. हाइवे पर आयोजन स्थल के बाद पार्किंग की व्यवस्थाएं भी अव्यवस्था में बदल गईं. हाइवे किनारे ही वाहनों की कतारें घंटों लगी रहीं और हाइवे पर लोग पैदल आते-जाते रहे. जाम से लोगों की परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मार्ग से आ जा रहीं कई एम्बूलेंस भी जाम में फंस गईं.
![puran katha in kubereshwar dham sehore](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/sehore-17-sd_17022023004430_1702f_1676574870_1013.jpeg)
पीने के पानी के परेशान होते रहे लोग: अब एक बार फिर रुद्राक्ष महोत्सव के पहले ही दिन हाइवे का जाम होना प्रशासन की कार्ययोजना और पूर्व में लिए गए तैयारियों के जायजे पर प्रश्नचिंह खड़ा करता है कि जब प्रशासन को पहले से ही भलीभांती ज्ञात था कि रुद्राक्ष महोत्सव में लाखों लोग आते हैं और हाइवे जाम हो जाता है तो प्रशासन ने व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए सावधानी क्यों नहीं बरती. ऐसी कार्ययोजना बनाना उचित क्यों नहीं समझा, जिससे न तो हाइवे जाम हो और न भक्तों और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़े. देखा गया कि कुबेरेश्वर धाम के आसपास लोग पीने के पानी के लिए भी लगातार परेशान होते रहे.
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रुद्राक्ष के लिए लाइन में लगे रहे लोग: जिन लोगों को रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष मिल गया वह खुशी-खुशी घर लौटे, जबकि जिन लोगों को रुद्राक्ष नहीं मिला, वह रुद्राक्ष मिलने की आस में अभी भी रुके हुए हैं. रुद्राक्ष वितरण स्थल पर सबसे ज्यादा अव्यवस्थाएं देखी गईं, जहां भारी भीड़ के कारण अनेक बेरीकेट्स टूट गए और यहां तैनात पुलिस का अमला भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सका. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का भी गुरुवार को कुबेश्वरधाम का दौरा प्रस्तावित था, लेकिन जाम जैसे हालातों की सूचना निश्चित तौर पर सीएम हाउस तक पहुंची होगी और दोपहर में मुख्यमंत्री का दौरा कार्यक्रम निरस्त हो गया.
जनता में भारी रोष: रुद्राक्ष महोत्सव का पहला दिन अव्यवस्थाओं के नाम रहा. हाइवे पर भारी जाम के कारण रात तक यातायात सुचारू नहीं हो सका. देर रात लोग भटकने खेतों में और सड़कों पर सोते नजर आए. महाराज जी को लेकर लोगों में गुस्सा भी नजर आया. उनका कहना था कि जब व्यवस्था नहीं थी तो महाराज जी ने बुलाया क्यों, यह सब चीजों को लेकर आम जनता में भारी रोष दिखाई दे रहा है.
कब तय होगी जिम्मेदारी: सीहोर जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम चितावलिया हेमा में इतने बड़े धार्मिक आयोजन के लिए अनेक संगठनों के लोग स्वेच्छा से सेवाएं देर रहे थे, लेकिन यातायात व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की ही थी, जिसमें प्रशासन पूरी तरह फैल हो गया और जाम में फंसे हुए लोग प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन इतनी बड़ी अव्यवस्था होने के बाद भी प्रशासन ने अब तक जिम्मेदार अफसरों पर न तो जिम्मेदारी तय की है न ही कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की गई है.