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Sehore News: जलवायु परिवर्तन के चलते शरबती गेहूं की फीकी हो रही चमक, सिकुड़ रहा रकबा

जलवायु परिवर्तन के चलते शरबती गेहूं की चमक फीकी होने लगी हुई है. वहीं शरबती गेहूं का रकबा भी सिकुड़ता जा रहा है.

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Published : Feb 27, 2023, 7:26 PM IST

Sehore News
जलवायु परिवर्तन के चलते शरबती गेहूं की फीकी हो रही चमक
जलवायु परिवर्तन के चलते शरबती गेहूं की फीकी हो रही चमक

सीहोर। सीहोर की पहचान कहे जाने वाला शरबती गेहूं की चमक जलवायु परिवर्तन के चलते फीकी पड़ने के साथ दाना छोटा होने के आसार बनने लगे हैं. फरवरी में तापमान के बढ़ने के साथ शरबती गेहूं की फसल पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की सम्भवना बढ़ गई है. दुनिया भर में प्रसिद्ध सीहोर के शरबती गेहूं पर अब मौसम का असर साफ-साफ देखा जा सकता है. गेहूं की बाली छोटी और पतली रहने की सम्भवना के साथ चमक भी खो सकती है.

सिकुड़ता जा रहा शरबती गेहूं का रकबाः शरबती गेहूं का रकबा भी धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है. कृषि उपज मंडी में टोटल आवक का सिर्फ 1 प्रतिशत ही शरबती गेहूं की रह गई है. किसानों ने शरबती गेहूं की जगह गेहूं की अन्य किस्म को बोना शुरू कर दिया है. इसके पीछे बार-बार होने वाले जलवायु परिवर्तन को मुख्य वजह मानी जा रही है.

सही भाव न मिलने से किसानों को हो रहा नुकसानः इसको लेकर मंडी सचिव नरेंद्र मेश्राम ने कहा कि शरबती गेहूं को जो भाव मिलने चाहिए वो किसानों को मिल नहीं रहे हैं. इसके कारण किसानों को नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि मौसम का प्रतिकुल प्रभाव पड़ने के बाद भी गेहूं की चमक फीकी पड़ रही है. सचिव ने कहा कि शरबती गेहूं को लेकर कृषि संबंधी इंस्टीट्यूट किसानों को मोटिवेट करे, जिससे इस गेहूं की खेती बढ़ सकती है.

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शरबती गेहूं की कम होती है पैदावारः गल्ला मंडी ग्रेन एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश राठौर ने कहा कि अब किसान शरबती गेहूं को छोड़ अन्य किस्म की गेहूं की खेती कर रहे हैं. अध्यक्ष ने कहा कि शरबती गेहूं की कम पैदावार होने के कारण किसान इसकी खेती करने से परहेज कर रहे हैं. वहीं, किसान ने कहा कि शरबती गेहूं की पैदावार भी कम होती है और मौसम बदलाव के कारण शरबती गेहूं की वैरायटी में भी फर्क आने लगा है. जिसके कारण सही दाम नहीं मिलते हैं. इसके कारण शरबती गेहूं को बोना छोड़ दिया है.

जलवायु परिवर्तन के चलते शरबती गेहूं की फीकी हो रही चमक

सीहोर। सीहोर की पहचान कहे जाने वाला शरबती गेहूं की चमक जलवायु परिवर्तन के चलते फीकी पड़ने के साथ दाना छोटा होने के आसार बनने लगे हैं. फरवरी में तापमान के बढ़ने के साथ शरबती गेहूं की फसल पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की सम्भवना बढ़ गई है. दुनिया भर में प्रसिद्ध सीहोर के शरबती गेहूं पर अब मौसम का असर साफ-साफ देखा जा सकता है. गेहूं की बाली छोटी और पतली रहने की सम्भवना के साथ चमक भी खो सकती है.

सिकुड़ता जा रहा शरबती गेहूं का रकबाः शरबती गेहूं का रकबा भी धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है. कृषि उपज मंडी में टोटल आवक का सिर्फ 1 प्रतिशत ही शरबती गेहूं की रह गई है. किसानों ने शरबती गेहूं की जगह गेहूं की अन्य किस्म को बोना शुरू कर दिया है. इसके पीछे बार-बार होने वाले जलवायु परिवर्तन को मुख्य वजह मानी जा रही है.

सही भाव न मिलने से किसानों को हो रहा नुकसानः इसको लेकर मंडी सचिव नरेंद्र मेश्राम ने कहा कि शरबती गेहूं को जो भाव मिलने चाहिए वो किसानों को मिल नहीं रहे हैं. इसके कारण किसानों को नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि मौसम का प्रतिकुल प्रभाव पड़ने के बाद भी गेहूं की चमक फीकी पड़ रही है. सचिव ने कहा कि शरबती गेहूं को लेकर कृषि संबंधी इंस्टीट्यूट किसानों को मोटिवेट करे, जिससे इस गेहूं की खेती बढ़ सकती है.

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शरबती गेहूं की कम होती है पैदावारः गल्ला मंडी ग्रेन एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश राठौर ने कहा कि अब किसान शरबती गेहूं को छोड़ अन्य किस्म की गेहूं की खेती कर रहे हैं. अध्यक्ष ने कहा कि शरबती गेहूं की कम पैदावार होने के कारण किसान इसकी खेती करने से परहेज कर रहे हैं. वहीं, किसान ने कहा कि शरबती गेहूं की पैदावार भी कम होती है और मौसम बदलाव के कारण शरबती गेहूं की वैरायटी में भी फर्क आने लगा है. जिसके कारण सही दाम नहीं मिलते हैं. इसके कारण शरबती गेहूं को बोना छोड़ दिया है.

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