सीहोर। आष्टा अस्पताल से डॉक्टर की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां के वार्ड नंबर 1 पीली खदान निवासी याकूब खां अपनी पुत्र वधू को लेकर सिविल अस्पताल आष्टा पहुंचे थे. यहां समय पर उपचार नहीं मिला. याकूब खान ने आरोप लगाया कि, अस्पताल में डॉक्टर शुभम दलोदिया की ड्यूटी थी, लेकिन वह अस्पताल में नहीं थे. लगभग 2 घंटे बाद बड़ी मुश्किल से आए और भर्ती करने के लिए 10 हजार रुपये की मांग करने लगे. (Sehore Civil Hospital) (sehore civil hospital delay in treatment)
डॉक्टर की लापरवाही: याकूब ने गरीब होने के कारण 5 हजार रिश्वत देने की बात कही थी. इस पर डॉक्टर नाराज हो कर चले गए. गर्भवती महिला 12 से 4 बजे तक बरामदे में दर्द से कराहती रही. किसी को रहम नहीं आया. बमुश्किल नर्स के बुलाने पर डॉक्टर आए तो हंगामा करते हुए जमकर बवाल काटा. निजी अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए भेज दिया. सोनोग्राफी कराने के बाद डॉक्टर ने कहा कि शिशु की पेट में ही मौत हो गई और उन्होंने सीहोर रेफर कर दिया.
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जिंदगी और मौत से संघर्ष: ताज्जुब की बात तो यह है कि, डॉक्टर ने जिसे गंभीर बताया था. उस महिला की डिलीवरी सीहोर ले जाते समय कोठरी में आसानी से हो गई, लेकिन तब तक शिशु की मौत हो चुकी थी. गर्भवती जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रही है. याकूब खा ने डॉक्टर की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की है. मामले में बीएमओ डॉ सुरेश माहोर का कहना है कि, चिकित्सक को नोटिस दिया गया है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.(Sehore Civil Hospital) (sehore civil hospital delay in treatment)