सीहोर। भोपाल रोड पर ग्राम पिपलिया मीरा के पास पनीर फैक्ट्री के कर्मचारी सोमवार सुबह 10 बजे सड़क पर उतर आए. कर्मचारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए चक्काजाम कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं. उनका आरोप था कि प्रशासन ने उन्हें बेराजगार कर दिया है. (Sehore cheese factory workers protest)
पनीर फैक्ट्री की लाइट प्रशासन ने काटी
कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते पनीर फैक्ट्री की लाइट काट दी, जिससे वहां उत्पादन बंद हो गया है. हम लोग बेरोजगार हो गए हैं. हमारी कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है, मजबूरन हमें चक्काजाम करना पड़ा. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने पनीर फैक्ट्री के कर्मचारियों को समझाइश दी.
किसानों के शिकायत पर प्रशासन की कार्रवाई
लंबे समय से फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल खेतों में जा रहा है. इसे लेकर किसानों ने पहले स्थानीय स्तर पर तहसील, फिर कलेक्ट्रेट में शिकायत की. कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस संबंध में एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फिर एनजीटी में शिकायत की. इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दल ने फैक्ट्री का जायजा लिया, जिस दौरान कई अनियमितताएं मिलीं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर के निर्देश पर 25 फरवरी को बिजली कंपनी ने पनीर फैक्ट्री की बिजली सप्लाई बंद कर दी, जिससे फैक्ट्री बंद हो गई है.