सीहोर। तीन तलाक के खिलाफ कठोर कानून बनने के बाद भी इस तरह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिले के आष्टा में तीन तलाक का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. तीन तलाक पीड़िता ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर इंसाफ की गुहार लगाई है.
ससुर पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता का आरोप है कि उसके पति ने तीन बार तलाक बोलकर उसे छोड़ दिया. उसके साथ बदसलूखी की. गालियां दीं. उसका ससुर गलत तरीके से प्राइवेट पार्ट को छूता था, अश्लील हरकतें करता था. पति का परिवार दहेज की मांग भी करता था. जब मांग पूरी नहीं हुई तो तलाक दे दिया.
'पुलिस ने भी नहीं की मदद'
बता दें पीड़िता की शादी दानिश के साथ हुई थी. शादी के कुछ दिन बाद ही ससुराल वाले उसके साथ गलत व्यवहार करने लगे. इस दौरान महिला ने अपने पति के साथ बैठकर सभी समस्याओं को ठीक करने की कोशिश की पर उसकी एक न सुनी गई. परेशान होकर जब वो पुलिस के पास पहुंची, तो तो उसे वहां से भी भगा दिया गया. आखिर में परेशान होकर उसे डिप्टी कलेक्टर विष्णु प्रसाद यादव से इंसाफ की गुहार लगानी पड़ी.
'बच्ची को पसंद नहीं करता पति'
पीड़िता ने बताया कि उसकी 2 महीने की एक बच्ची भी है. ससुर झाड़-फूंक करने के बहाने अश्लील हरकत करता है. पीड़िता का कहना है कि उसका पति बेटी को भी पसंद नहीं करता है.
एसपी ने दिए जांच के आदेश
पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसके साथ कई बार मारपीट भी की गई है. एसपी एसएस चौहान का कहना है कि मामले की से जांच की जा रही है. इस संबंध में आष्टा पुलिस को आदेशित कर दिया गया है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर एक्शन लिया जाएगा.
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कानूनी प्रावधान
- महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है.
- मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा.
- तीन तलाक देने पर पत्नी खुद या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे.
- पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है.
- एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है.
- मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही पति को जमानत मिलेगी.
- मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे.
- तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा.
- तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखावाली मां के पास रहेगी.
- इस कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है. पत्नी चाहे तो इसके लिए पहल कर सकती है. लेकिन मजिस्ट्रेट की भूमिका भी महत्वपूर्ण है.