सीहोर। केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए मंडी एक्ट के विरोध और वेतन भत्ते एवं पेंशन की मांग पूरी नहीं होने पर जिलेभर की कृषि उपज गल्ला मंडियों के अधिकारी कर्मचारी खुलकर सड़क पर उतर आए हैं. मंडी अधिकारियों और कर्मचारियों को मंडी के व्यापारियों और हम्माल तुलावटों ने भी समर्थन दिया.
भोपाल नाका आवासीय मैदान से जिला कलेक्टर कार्यालय तक हाथों में बेनर पोस्टर तख्तियों के साथ नारेबाजी करते हुए विरोध मार्च निकाला. कलेक्ट्रेट पहुंचकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश मंंडी बोर्ड प्रांतीय अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार नरवारिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर रवि वर्मा को दिया.
केंद्र सरकार के निर्णय और लम्बे समय से लंबित मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष मोर्चा मप्र मण्डी बोर्ड संगठन में सम्मिलित एग्रीकल्चर मण्ड बोर्ड, मप्र कर्मचारी कांग्रेस आफिसर्स एम्पलाईज एसोसिएशन मंडी कर्मचारी महासंघ, मप्र अजाक्स शाखा मण्डी बोर्ड प्रांतीय, मण्डी बोर्ड कर्मचारी एकता मंच से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया.
संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्य प्रदेश मंंडी बोर्ड के सदस्य एवं सीहेार मंडी सचिव किशोर माहेशवरी ने कहा की वर्तमान में प्रदेश की 190 मंडियों में आय और आवक शून्य हो गई है, जिसके कारण कर्मचारियों का वेतन भुगतान होने में परेशानी हो रही है.
इन्हीं परेशानियों के चलते मण्डी में कार्यरत पांच कर्मचारियों की वेतन न मिलने एवं भविष्य की चिन्ताओं के कारण मौत हो गई है. लम्बे समय से मंडी कर्मचारियों की वेतन भत्ते एवं पेंशन की मांग लंबित है.
आष्टा मंडी सचिव वीरेंद्र कुमार नरवरिया ने कहा की मांग पूरी नहीं होने से कर्मचारी अपने एवं अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिन्तित एवं निराशाजनक स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं.
सरकार वेतन भत्ते एवं पेंशन की व्यवस्था नहीं करती है तो प्रदेश के 259 मंडियां, 298 उपमंडिया, 13 तकनीकी कार्यालय, 7 आंचलिक कार्यालय एवं मण्डी बोर्ड मुख्यालय के अधिकारी कर्मचारी शुक्रवार 2 अक्टूबर से भूख हडताल करेंगे. अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करते हुए आगामी दिनों में आमरण अनशन करने के लिए कर्मचारी विवश होकर आमरण अनशन करेंंगे.