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भोलेनाथ का अनोखा मंदिर, जहां खुद प्रकृति साल भर करती है महादेव का अभिषेक

सीहोर की रेहटी तहसील में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा मंदिर स्थापित है, जहां साल भर प्रकृति खुद भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करती है.

Tapkeshwar Mahadev Temple
टपकेश्वर महादेव मंदिर
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Published : Jul 14, 2020, 11:15 AM IST

सीहोर। जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर और प्रदेश की राजधानी भोपाल से महज 80 किलोमीटर दूर बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भोलेनाथ का अभिषेक अपने आप गुफा से टपकते पानी से होता है. यही वजह है कि इस मंदिर को टपकेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है.

टपकेश्वर महादेव मंदिर

रेहटी तहसील में स्थित भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में साल के बारहों महीने प्रकृति ही अभिषेक करती है. यहां आने वाले नकटीतलाई गांव से करीब 6 किलोमीटर दूर विध्यांचल पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित है. टपकेश्वर महादेव मंदिर जाने के लिए भक्तों को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर जाना पड़ता है.

Tapkeshwar Mahadev Temple
प्रकृति करती है अभिषेक

बुधनी-संदलपुर सेन्ट्रल हाइवे नंबर 22 के सलकनपुर से कुछ दूरी पर दुर्गम पहाड़ी पर एक चैतन्य महादेव की गुफा है, इसी गुफा में ये मंदिर स्थित है. यहां आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यहां भयंकर गर्मी के दिनों में भी पहाड़ों से पानी रिसता रहता है और हमेशा इस पानी से ही नित्य-निरंतर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक होता रहता है.

Tapkeshwar Mahadev Temple
तय करना होता है दुर्गम रास्ता

ये भी पढे़ं- नरसिंहपुर में विराजे हैं मोटे महादेव, जहां हर साल बढ़ती है शिवलिंग

टपकते हुए पानी से भगवान का अभिषेक होने के कारण इस मंदिर में स्थापित महादेव का नाम टपकेश्वर महादेव पड़ गया. इस मंदिर में पानी रिसने का स्त्रोत क्या है, ये तो आज तक एक राज है. वहीं चट्टानों से बनी इस गुफा की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां विशेष पूजा-अर्चना यूं तो पूरे साल चलती रहती है, लेकिन श्रावण माह में इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है.

सीहोर। जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर और प्रदेश की राजधानी भोपाल से महज 80 किलोमीटर दूर बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भोलेनाथ का अभिषेक अपने आप गुफा से टपकते पानी से होता है. यही वजह है कि इस मंदिर को टपकेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है.

टपकेश्वर महादेव मंदिर

रेहटी तहसील में स्थित भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में साल के बारहों महीने प्रकृति ही अभिषेक करती है. यहां आने वाले नकटीतलाई गांव से करीब 6 किलोमीटर दूर विध्यांचल पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित है. टपकेश्वर महादेव मंदिर जाने के लिए भक्तों को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर जाना पड़ता है.

Tapkeshwar Mahadev Temple
प्रकृति करती है अभिषेक

बुधनी-संदलपुर सेन्ट्रल हाइवे नंबर 22 के सलकनपुर से कुछ दूरी पर दुर्गम पहाड़ी पर एक चैतन्य महादेव की गुफा है, इसी गुफा में ये मंदिर स्थित है. यहां आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यहां भयंकर गर्मी के दिनों में भी पहाड़ों से पानी रिसता रहता है और हमेशा इस पानी से ही नित्य-निरंतर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक होता रहता है.

Tapkeshwar Mahadev Temple
तय करना होता है दुर्गम रास्ता

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टपकते हुए पानी से भगवान का अभिषेक होने के कारण इस मंदिर में स्थापित महादेव का नाम टपकेश्वर महादेव पड़ गया. इस मंदिर में पानी रिसने का स्त्रोत क्या है, ये तो आज तक एक राज है. वहीं चट्टानों से बनी इस गुफा की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां विशेष पूजा-अर्चना यूं तो पूरे साल चलती रहती है, लेकिन श्रावण माह में इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है.

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