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लोकायुक्त ने की बड़ी कार्रवाई, डायरेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने आईटीआई के डायरेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. आरोप है कि डायरेक्टर ने अपने ऑफिस में काम करने वाली कम्प्यूटर ऑपरेटर से वेतन आहरण का चेक देने के लिए रिश्वत की मांग की थी.

कार्रवाई करती लोकायुक्त टीम
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Published : Mar 2, 2019, 6:04 AM IST

सीहोर। जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने आईटीआई के डायरेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. आरोप है कि डायरेक्टर ने अपने ऑफिस में काम करने वाली कम्प्यूटर ऑपरेटर से वेतन आहरण का चेक देने के लिए रिश्वत की मांग की थी.


जानकारी के अनुसार नसरुल्लागंज में आईटीआई के डायरेक्टर गणेश प्रसाद प्रजापति ने अपने ही ऑफिस में काम करने वाली कम्प्यूटर ऑपरेटर से वेतन आहरण का चेक देने के मामले में 2500 रुपये के रिश्वत की मांग की थी, इसकी शिकायत पीड़िता ने 23 फरवरी को भोपाल लोकायुक्त से की थी. जिसके बाद टीम ने शुक्रवार को योजना बनाकर डायरेक्टर को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया.


बताया जा रहा है कि पीड़िता से ये पैसे वेतन आहरण का चेक देने के मामले में लिए जा रहे थे. पीड़िता की नियुक्ति 11 महीने के कॉन्ट्रेक्ट पर इन्स्ट्यूट मैंनेजमेंट कमेटी द्वारा की गई थी. मासिक वेतन 10500 रुपये था जिसमें से हर महीने 2500 रुपये प्रजापति ले लेता था जिससे परेशान होकर पीड़िता ने इसकी शिकायत भोपाल लोकायुक्त से की और टीम ने शुक्रवार को योजना बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया.

सीहोर। जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है. टीम ने आईटीआई के डायरेक्टर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है. आरोप है कि डायरेक्टर ने अपने ऑफिस में काम करने वाली कम्प्यूटर ऑपरेटर से वेतन आहरण का चेक देने के लिए रिश्वत की मांग की थी.


जानकारी के अनुसार नसरुल्लागंज में आईटीआई के डायरेक्टर गणेश प्रसाद प्रजापति ने अपने ही ऑफिस में काम करने वाली कम्प्यूटर ऑपरेटर से वेतन आहरण का चेक देने के मामले में 2500 रुपये के रिश्वत की मांग की थी, इसकी शिकायत पीड़िता ने 23 फरवरी को भोपाल लोकायुक्त से की थी. जिसके बाद टीम ने शुक्रवार को योजना बनाकर डायरेक्टर को रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया.


बताया जा रहा है कि पीड़िता से ये पैसे वेतन आहरण का चेक देने के मामले में लिए जा रहे थे. पीड़िता की नियुक्ति 11 महीने के कॉन्ट्रेक्ट पर इन्स्ट्यूट मैंनेजमेंट कमेटी द्वारा की गई थी. मासिक वेतन 10500 रुपये था जिसमें से हर महीने 2500 रुपये प्रजापति ले लेता था जिससे परेशान होकर पीड़िता ने इसकी शिकायत भोपाल लोकायुक्त से की और टीम ने शुक्रवार को योजना बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया.

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