सीहोर। कर्जमाफी अब किसानों की मुसीबत का सबब बनते जा रही है. किसान सहकारी बैंकों में डिफाल्टर हो गए है. जिस कारण से किसानों को सोसायटी से यूरिया नहीं मिल पा रहा और ना ही कर्जमाफी सहित सरकार की ओर से मिलने वाली अन्य सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रह है.
किसानों का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि दस दिन में सभी किसानों का कर्जामाफ कर देंगे. जिसकी वजह से किसानों ने 2 लाख तक का कर्जा जमा नहीं किया और बाकि का कर्ज बैंक में जमा नहीं किया था. जिस कारण किसान अब डिफॉल्ट की श्रेणी में आ गए है. डिफॉल्ट होने के बाद किसानों को सोसायटी से यूरिया सोसायटी से हमें खाद नहीं मिल रहा और बाजार से हम खाद लेने की स्थिति में नहीं है. क्योकि जो खाद सोसायटी में 267 रुपये का है. वह मार्केट में 350 रुपये में खरीदना पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि सोयाबीन की भावंतर राशि, गेहूं का बोनस और इस साल अतिवृष्टि के कारण खराब हुई फसल की ना राहत राशि मिली और ना ही अभी तक बीमा के पैसे आए है. ऐसे में हमपर सोसायटी का कर्ज दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. मामले में सहकारी बैंक अधिकारी का कहना है कि नसरुल्लागंज तहसील की सहकारी बैंक में कुल 30 हजार 454 किसान है, जिसमें से 15 हजार 985 किसान डिफाल्ट हो गए हैं.