सीहोर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने महंत नरेंद्र गिरी खुदकुशी मामले में कहा कि जो सुसाइड नोट में बातें लिखी हुई हैं, वह चिंतनीय है कि किस प्रकार मठ-मंदिरों में मिलने वाले दान के पैसों को दुरुपयोग होता है, किस तरह से संपत्ति बेचने-खरीदने में भ्रष्टाचार होता है, यह सब चिंता का विषय है, इसमें जिस प्रकार की तस्वीरें आनंद गिरी के सामने आई हैं, उससे लगता है कि वह संत नहीं बल्कि स्टार बनना चाहता था.
उन्होंने कहा कि आखिर वो व्यक्ति साधु बनता है, जो हर चीज का त्याग करता है, त्याग से ही हमारा धर्म आगे बढ़ता है और त्याग से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है, उसे तो लग्जरी गाड़ियों में घूमना पसंद था, ऑस्ट्रेलिया गया तो वहां महिलाओं ने शिकायत की, यहां तक कि उसने अपने ही गुरू का लड़कियों के साथ फर्जी वीडियो बनाकर ब्यालैकमेल किया. क्या यही हिंदुत्व है, आज के आधुनिक धर्म को लेकर हम चिंतित हैं कि किस तरह धर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है, राम मंदिर के लिए जो जमीन खरीदी गई, उसमें भ्रष्टाचार किया गया, खुद नरेंद्र गिरी ने ही आरोप लगाया था कि जो चढ़ावे का पैसा आता था, उसमें से वह निकाल लेता था, यह सब जो हो रहा है, यह धर्म के लिए अच्छा नहीं है.
वहीं उन्होंने उमा भारती के पत्र लिखकर भाषा शैली में सुधार करने की सलाह पर आभार जताते हुए कहा कि उनका धन्यवाद, जिन्होंने सच को स्वीकार किया. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के ब्यूरोक्रेसी वाले बयान को लेकर कहा कि यदि उन्हें अब समझ आ रहा है कि वल्लभ भवन के अंदर रंगीनियां लगती हैं और बाहर के हालात कुछ और हैं, इस पर तंज कसते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जनाब यह बात 14 साल में नहीं समझ पाए तो आपको कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.
Bureaucracy पर फिर बरसे Shivraj: सचिवालय में रंगीन तस्वीर दिखाते हैं, जमीन पर खुल जाती है पोल
दिग्विजय सिंह सीहोर में किसानों के समर्थन में आयोजित कांग्रेस के प्रदर्शन में भाग लेने पहुंचे थे, जहां उन्होंने ये बातें कही थी. सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघम्बरी में महंत नरेंद्र गिरी का शव अतिथि गृह में फंदे से लटका मिला था. कमरे से पुलिस को 13 पन्नों का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें आत्महत्या के लिए विवश करने के जिम्मेदारों में आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी का नाम लिखा था. सबसे पहले आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया था. दूसरे आरोपी पुजारी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को भी सोमवार रात ही हिरासत में ले लिया था. सुसाइड नोट में सिलसिलेवार तरीके से प्रताड़ना का जिक्र किया गया है, साथ ही आत्महत्या के लिए जिम्मेदार इन तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की थी.