सीहोर। अपनी कई मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. इनका कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी. मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका कल्याण समिति संघ जिला इकाई सीहोर ने टाउन हॉल के बाहर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की. संघ की जिलाध्यक्ष रेणु शर्मा ने बताया कि मप्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रत्येक गांव व वार्ड में सरकार की प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रही हैं. समूचे प्रशासन को प्रत्येक विषय पर जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा ही दी जाती है. इसके बाद भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता.
हमारा मानदेय बहुत कम है : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार की सभी योजनाओं को लागू कराने में और संचालित करने में आंगनबाड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, लेकिन इस काम के एवज में दिये जा रहे मानदेय की राशि अत्यधिक कम है. शासन से अपनी मांगों के निराकरण की मांग को लेकर प्रदेश स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी हैं. इस मौके पर जिलाध्यक्ष रेणु शर्मा, सचिव नन्दा कुशवाहा, परियोजना अध्यक्ष सफिया बानो सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका मौजूद रहीं.
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मांगों का निराकरण जल्द हो : अपनी 11 सूत्रीय मांगों के लिए अनिश्चकालीन हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायकाओं द्वारा शीघ्र ही मांगों का निराकरण करने की मांग की गई है. प्रदेश के कई जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायकाएं पिछले 15 दिनों से हड़ताल पर बैठी हैं और अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जताते हुए प्रदर्शन कर रही हैं. अभी तक सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. इनकी मांगें मांगों में प्रमुख रूप है कि उन्हें शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए और उन्हीं की तरह वेतनमान दिया जाए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शिक्षा विभाग में शामिल किया जाए. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को बराबरी का दर्जा दिया जाए. रिटायरमेंट होने पर कार्यकर्ता व सहायिका को पेंशन दी जाए. (Anganwadi workers on indefinite strike)