सतना। देश भर में शासन और प्रशासन के रवैये के कारण किसान और व्यापारी तो कई दिनों से हड़ताल पर बैठे है. इस रवैये से अब बस संचालक भी नाराज हो गए है. एक ओर जहां सरकार लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर सीधी में हुए भीषण बस हादसे के बाद प्रशासन लगातार बसों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. डीजल के बढ़ते दाम और प्रशासन की कार्रवाई से नाराज बस संचालकों ने एक दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है. शहर में बसें न चलने से यात्री परेशान हो रहे है.
- वर्षों से संचालित बसों पर हो रही कार्रवाई
दरअसल सीधी में हुए बस हादसे के बाद परिवहन विभाग को बसों पर कार्रवाई कर रहा है. विभाग उन बसों पर भी कार्रवाई कर जो वर्षों से परिवहन विभाग की नजर में फीट थी. विभाग की तानाशाही रवैये की वजह से सतना जिले में बसों के पहिए थम चुके हैं. बस संचालक अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं ऑटो संचालक भी इस हड़ताल का फायदा उठाते हुए बस स्टैंड के अंदर नजर आ रहे हैं. सतना से सीधी, सिंगरौली और रीवा सहित 17 जिलों में बसों का संचालन होता है. जो हड़ताल के कारण बधित हो गया है. बस संचालकों ने यह चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती अभी तो हम एक दिवसीय सांकेतिक धरना दे रहे हैं, आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.
MP: बस ऑपरेटर्स की प्रस्तावित हड़ताल स्थगित
- बस संचालकों की तीन सूत्रीय मांग
- संचालकों का कहना है कि 2018 के बाद बसों का किराया नहीं बढ़ा है, किराया बढ़ाया जाए.
- पेट्रोल डीजल की बढ़ोतरी की वजह से इसे जीएसटी में शामिल किया जाए.
- सीधी बस हादसे के कारण बसों पर की जा रही मनमानी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए