सतना। पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिला. कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई. वहीं विंध्य क्षेत्र के सतना में भी मंगलवार को जमकर बदरा बरसे. यहां आंधी तूफान के साथ तेज बारिश हुई है. इस दौरान खरीदी केंद्रों में खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया. खरीदी केंद्र में कई जगह पानी भी भर गया था. कई खरीदी केंद्रों में तो बाढ़ जैसा नजारा देखने को मिला.
हजारों क्विंटल गेहूं भीगा
बेमौसम बरसात से खरीदी केंद्रों में खुले में रखा लाखों रुपए का गेहूं भीग गया है. कई जगह गेहूं से लोड किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में पानी भर गया है. दरअसल कई केंद्रों की मैपिंग न होने के कारण गेहूं खरीदी केंद्रों से उठाव नहीं हो पाया था. ऐसे में उन केंद्रों पर ज्यादा नुकसान माना जा रहा है. किसानों का आरोप है कि इन दिनों ज्यादातर नुकसान अमरपाटन क्षेत्र में हुआ है. क्योंकि यहां जल्दबाजी में केन्द्र बनाए गए हैं.
बारिश ने खोली जिम्मेदारों की पोल
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी खरीदी केंद्रों में आए दिन लापरवाही देखने को मिल रही है. हालांकि जिम्मेदारी अधिकारी तो व्यवस्थाएं दुरुस्त होने का ही दावा करते हैं. लेकिन महज आधे घंटे की बारिश ने ही खरीदी केंद्र में व्यवस्थाओं की पोल खोल दी. यहां जमीन में रखी हजारों क्विंटल गेंहू भीग गया. वहीं अमरपाटन तहसील के ग्राम शाहपुर में स्थित बनाए गए खरीदी केंद्र में तो बाढ़ जैसे हालात दिखे. गेहूं की बोरियां पानी से भरी हुईं थीं. वहीं बताया जा रहा है कि करीह 12 से अधिक खरीदी केंद्रों में रखा गेहूं खराब हो गया है.
जबलपुर: तीसरे दिन तेज बारिश के साथ जमकर हुई ओलावृष्टि
अन्य जिलों में भी बारिश से नुकसान
- बेगमगंज में बारिश और ओलावृष्टि
पश्चिमी विक्षोभ का असर प्रदेश के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है. रायसेन जिले के बेगमगंज में भी इसका असर देखा गया. इस दौरान तेज बारिश के साथ चने से बड़े आकार के ओले गिरे. ओलावृष्टि में किसानों का खासा नुकसान हो गया. फसलें चौपट हो गईं. वहीं गेहूं खरीदी केंद्र में रखा जारों क्विंटल गेहूं भी भीग गया. यह गेहूं खरीदी केंद्र में खुले आसमान के नीचे रखा हुआ था. बारिश के कारण उपार्जन केंद्रों में चल रही खरीदी भी बंद करनी पड़ी. इस दौरान किसानों में काफी अफरा-तफरी भी मच गई थी.
- छिंदवाड़ा में नाली में बहा गेहूं
अमरवाड़ा के सेवा सहकारी समिति गोगरी में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी चल रही थी. लेकिन बारदाना की कमी और परिवहन नहीं होने के कारण सोसाइटी के सामने खुले आसमान के नीचे गेहूं का भंडारण हो गया. तभी अचानक से तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हुई, जिसकी वजह से किसानों का गेहूं भीग गया. इतना ही नहीं बारिश में गेहूं नाली में तक बह गया. जिस वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से नुकसान की भरपाई किए जाने की मांग की है. एक किसान ने तो आत्महत्या तक करने की चेतावनी दी.
- विदिशा में 5 हजार क्विंटल गेहूं बर्बाद
विदिशा के कई ग्रामीण इलाकों में भी तेज बारिश और ओलावृष्टि देखी गई. इस दौरान हैदरगढ़ क्षेत्र में लगातार आधा घंटे से अधिक आंवले से भी बड़े आकार के ओले गिरते रहे. जिससे चारों ओर रोड सफेद चादर से ढक गया. लोगों के छप्पर टूट फूट गए, तो वहीं मकानों पर चढ़ी लोहे की चादर उड़ गई. हैदरगढ़ क्षेत्र के धामनोद, खिरिया, जागीर, रमपुरा, झारपोनिया गांव प्रभावित हुए. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से क्षेत्र में बनी सोसायटियों में खुले आसमान में रखा गेहूं भी भीग गया. बारिश में करीब 5 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया है.