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सतना में शहीद धीरेंद्र के गांव तक प्रशासन ने रातों-रात तैयार की कच्ची सड़क - धीरेंद्र त्रिपाठी

धीरेंद्र त्रिपाठी के शहीद होने की जानकारी जब प्रशासन के मिली, तो वे उनके परिजनों से मिलने गांव पहुंचे, जहां पता चला कि, शहीद के गांव तक जाने के लिए सड़क ही नहीं, लिहाजा रातों-रात डस्ट डालकर कच्ची सड़क तैयार की गई.

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शहीद के गांव तक रातों रात बवाई गई कच्ची सड़क
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Published : Oct 6, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Oct 6, 2020, 5:21 PM IST

सतना। सतना कलेक्टर और एसपी सहित अधिकारी देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद धीरेंद्र के गांव पहुंचे. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि, शहीद के गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं था. प्रशासन ने रातों-रात डस्ट डलवाकर कच्ची सड़क बनवाई.

शहीद के गांव तक रातों रात बवाई गई कच्ची सड़क

शहीद धीरेंद्र अपने घर का इकलौता वारिस थे. धीरेंद्र का एक तीन साल का बेटा है. खास बात ये है कि, जवान के शहीद होने के बाद प्रशासन को उस गांव की बदहाली नजर आयी. दरअसल, बीते दिन पुलवामा आतंकी हमले में धीरेंद्र शहीद हो गए, वहीं जानकारी मिलने के बाद जब कलेक्टर-एसपी शहीद के गांव जाने कि लिए निकले तो पाया कि वहां तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है. लिहाजा रातों-रात डस्ट डालकर कच्ची सड़क तैयारी की गई. वहीं बिजली की बदहाल व्यवस्था में भी सुधार किया जा रहा है.

शहीद का अंतिम संस्कार उसकी निजी भूमि में किया जाएगा. गांव में बने शमशान घाट तक जाने के लिए भी मार्ग नहीं है. यही वजह है कि, शहीद की निजी भूमि पर उसका दाह संस्कार किया जाएगा. शहीद का पार्थिव शरीर आज लखनऊ से सड़क मार्ग से शहीद के गांव पड़िया देर रात तक पहुंचेगा. बुधवार को दोपहर 12 बजे तक शहीद धीरेंद्र त्रिपाठी का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया जाएगा.

सतना। सतना कलेक्टर और एसपी सहित अधिकारी देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद धीरेंद्र के गांव पहुंचे. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि, शहीद के गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं था. प्रशासन ने रातों-रात डस्ट डलवाकर कच्ची सड़क बनवाई.

शहीद के गांव तक रातों रात बवाई गई कच्ची सड़क

शहीद धीरेंद्र अपने घर का इकलौता वारिस थे. धीरेंद्र का एक तीन साल का बेटा है. खास बात ये है कि, जवान के शहीद होने के बाद प्रशासन को उस गांव की बदहाली नजर आयी. दरअसल, बीते दिन पुलवामा आतंकी हमले में धीरेंद्र शहीद हो गए, वहीं जानकारी मिलने के बाद जब कलेक्टर-एसपी शहीद के गांव जाने कि लिए निकले तो पाया कि वहां तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है. लिहाजा रातों-रात डस्ट डालकर कच्ची सड़क तैयारी की गई. वहीं बिजली की बदहाल व्यवस्था में भी सुधार किया जा रहा है.

शहीद का अंतिम संस्कार उसकी निजी भूमि में किया जाएगा. गांव में बने शमशान घाट तक जाने के लिए भी मार्ग नहीं है. यही वजह है कि, शहीद की निजी भूमि पर उसका दाह संस्कार किया जाएगा. शहीद का पार्थिव शरीर आज लखनऊ से सड़क मार्ग से शहीद के गांव पड़िया देर रात तक पहुंचेगा. बुधवार को दोपहर 12 बजे तक शहीद धीरेंद्र त्रिपाठी का राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया जाएगा.

Last Updated : Oct 6, 2020, 5:21 PM IST
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