सतना। सतना जिले के मैहर एसडीएम धर्मेंद्र मिश्रा व माँ शारदा देवी मंदिर प्रबंधन के प्रशासक के विरुद्ध राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने 25 हजार रुपये का जुर्माने का नोटिस जारी किया है. दरअसल मैहर एसडीएम व मंदिर प्रशासक धर्मेंद्र मिश्रा से अपीलार्थी आनंद कुमार श्रीवास्तव द्वारा मां शारदा देवी मंदिर प्रबंधन में कर्मचारियों के बारे में Rti के तहत जानकारी मांगी गई थी. मैहर एसडीएम ने व मंदिर प्रशासक ने इसे सूचना का अधिकार अधिनियम से बाहर बताते हुए जानकारी देने से मना कर दिया था. यह भी कहा ता कि देवी की मूर्ति को अवयस्क माना गया है. कलेक्टर उसके संरक्षक होते है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि शासन इसके नियंत्रक हैं.
मां शारदा देवी मंदिर अधिनियम 2002 के अधीन : राज्य सूचना आयुक्त ने SDM के आदेश को अवैध बताते हुए स्पष्ट किया कि मां शारदा देवी मंदिर अधिनियम 2002 के अधीन होने से मंदिर प्रबंध समिति आरटीआई एक्ट के दायरे में आती है. श्री सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश के महाकाल मंदिर एवं खजराना गणेश मंदिर की जानकारी भी आरटीआई एक्ट के तहत दी जाती रही है. सूचना आयुक्त ने इस बात पर नाराजगी जताई की एसडीएम मंदिर प्रबंध समिति को एक निजी संपत्ति के रूप में संचालित कर रहे हैं जबकि प्रशासक के रूप में एसडीएम का दायित्व शासन प्रशासन के हितों को सर्वोपरि रखते हुए प्रबंध समिति के कार्यों में विधि सम्मत पारदर्शी व्यवस्था बनाए रखने की है.
मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी मोहित बुंदस के खिलाफ पत्नी ने दर्ज कराया दहेज प्रताड़ना का केस
सूचना आयुक्त ने ये कहा : सूचना आयुक्त ने यह भी साफ किया कि मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था होने के चलते इसे किसी एक निजी संस्था या व्यक्ति विशेष की निजी संस्था के रूप में नहीं देखा जा सकता है. मंदिर में स्थापित सभी देवी-देवताओं पर सभी श्रद्धालुओं का समान अधिकार है और जो विषय आमजन की आस्था का हो, वहां भ्रष्टाचार या नियमों की अवहेलना करते हुए गैरकानूनी कार्यो की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए. ऐसी स्थिति में मंदिर के संचालन से संबंधित जानकारी व्यापक लोकहित में पारदर्शी तरीके से जनता के सामने रखनी चाहिए ताकि मंदिर प्रबंध समिति की कार्यप्रणाली पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार निरोधी बन सके. (25 thousand rupees fined on Maihar SDM) (Maihar SDM not gave information)