सतना। टिकरा गांव में स्कूल भवन नहीं होने की खबर को ईटीवी भारत ने 17 जुलाई को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिला मुख्यालय से महज 45 किलोमीटर दूर बसे गांव को आजादी के बाद से अब तक स्कूल के लिए भवन तक नसीब नहीं हुआ. जिसके चलते यहां का स्कूल गांव के बाहर एक बरगद के पेड़ के नीचे संचालित होता है. कई पीढ़ियों की तालीम का गवाह ये बरगद का पेड़ है, जिसके नीचे आजादी के बाद से अब तक स्कूल संचालित हो रहा है.
ईटीवी भारत ने टिकरा गांव में स्कूल भवन के मुद्दे को प्रशासन की चौखट तक पहुंचाने का काम किया. जिसके बाद इस खबर पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा अधिकारी बीएस देशलहरा ने गांव में जल्द ही स्कूल भवन बनाए जाने का आश्वसन ईटीवी भारत को दिया है. आश्वासन के बाद इस बात की उम्मीद जगी है कि जल्द ही टिकरा में स्कूल भवन का निर्माण हो जाएगा, लेकिन जिला शिक्षाधिकारी का बयान शासन के ढीले रवैये की पोल भी खोल रहा है. उनका कहना था कि स्कूल भवन के लिए सांसद निधि से सालों पहले स्कूल भवन के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन स्कूल भवन अब तक नहीं बन पाया.
भले ही आजादी के बाद टिकरा में स्कूल भवन नहीं बन पाया, लेकिन अब जल्द ही टिकरा के लोगों की उम्मीद पूरी होने वाली है. ईटीवी भारत की बदहाल शिक्षा अभियान का हर दिन असर हो रहा है. जिससे उम्मीद है कि प्रदेश की शिक्षा की बदहाली भी जल्द दूर हो जाएगी.