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UPSC परीक्षा की टॉपर बनी सतना की दिव्यांग बेटी, IES में आई नंबर वन - UPSC Topper of Madhya Pradesh

जिले की एक ऐसी बेटी ने अपने हौसलों की उड़ान भरी जो दिव्यांग है, बेटी का नाम श्रेया राय है. श्रेया बचपन से ही बोल और सुन नहीं सकती है, लेकिन आज श्रेया ने अपने सपने को सच कर दिखाया है. श्रेया यूपीएससी एग्जाम की हियरिंग की तैयारी की, जिसमें श्रेया ने Indian Engineering Services (IES) की हियरिंग कैटेगरी में ऑल इंडिया रैंकिंग में नंबर वन आकर सबको हैरत में डाल दिया है. श्रेया देशभर में ऑल ओवर 60वीं रैंकिंग है.

UPSC Topper Shreya
UPSC टॉपर श्रेया
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Published : Jun 15, 2021, 8:20 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 10:54 PM IST

सतना। 'कहते हैं मन में अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो, तो सपने अक्सर साकार होता है'. ऐसे ही कहानी है सतना की एक दिव्यांग बेटी की. सतना जिले के सिविल लाइन क्षेत्र के प्रभात विहार कॉलोनी निवासी संजय राय की बेटी 25 वर्षीय श्रेया राय मध्यम वर्गीय परिवार में पली है. श्रेया UPSC (Union Public Service Commission) एग्जाम हियरिंग कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉपर बनी है. श्रेया ने यूपीएससी के Indian Engineering Services (IES) में हियरिंग कैटेगरी में ऑल इंडिया रैंकिंग नंबर वन लाकर सभी को हैरत में डाल दिया है. श्रेया की देशभर में ऑल ओवर 60वीं रैंकिंग है.

UPSC परीक्षा की टॉपर बनी सतना की दिव्यांग बेटी,
  • श्रेया दो बार दे चुकी है UPSC की परीक्षा

श्रेया जन्म से ही दिव्यांग है, जो ना सुन पाती है और ना बोल पाती है. श्रेया ने प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा एक निजी विद्यालय से पूर्ण की हैं. उसके बाद श्रेया ने इंदौर के गोविंद राम सेकसरिया इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (Govindram Seksaria Institute of Technology) से BE इलेक्ट्रिकल से शिक्षा प्राप्त की. ग्रेजुएशन के दौरान ही वर्ष 2019 में श्रेया ने UPSC का पहला चांस लिया और इस चांस मे वह थोड़ा पीछे रह गई. लेकिन श्रेया ने हार नहीं मानी, और फिर एक कोशिश वर्ष 2020 में की जिसका रिजल्ट 12 अप्रैल 2021 को आया. जिसके बाद श्रेया वर्ष 2020 की टॉपर रही.

  • होठों की भाषा पढ़ती है श्रेया

इस कामयाबी को पाने के लिए श्रेया 3 वर्षों से लगातार UPSC के IES एग्जाम की तैयारी कर रही थी. इससे पहले श्रेया का सिलेक्शन कोल इंडिया, न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन और पावर ग्रिड में भी हो चुका है, लेकिन श्रेया की मंजिल यह नहीं थी. श्रेया ने मेहनत और लगन से अपने सपने को साकार किया है. नेचर और क्लासिकल डांसिंग (Nature and classical dancing) के विविध विषयों पर चित्रकारी का श्रेया को खास शौक है. श्रेया लिप्स राइटिंग के जरिए बातों को समझती हैं, यहां तक कि श्रेया टीवी सीरियल और मूवी को देखकर समझ जाती है.

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  • श्रेया के साथ स्कूल जाती थी मां

इस बारे में जब श्रेया के माता-पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि श्रेया को बचपन से ही यह प्रॉब्लम थी. 3 वर्ष बाद श्रेया के माता-पिता ने इसके मेडिकल जांच कराई, तो यह सामने आया कि श्रेया ना तो बोल सकती है और ना ही सुन सकती है. श्रेया के माता पिता हार नहीं मानी, श्रेया के पिता का नाम संजय राय और माता का नाम अंशु राय है. उसके माता-पिता ने बताया कि इसे विद्यालय में जब दाखिला दिलाया गया तो यह सामान्य बच्चों के साथ शामिल नहीं हो पाती थी. ऐसे में उनकी मां अंशु राय श्रेया के साथ 3 से 4 घंटे विद्यालय में अपना पूरा समय देती थी. निजी विद्यालय में उसकी मां के कार्यों को देख कर उन्हें उसे निजी विद्यालय में पढ़ाने का मौका दे दिया, और श्रेया की मां उसी के विद्यालय में एक शिक्षिका के रूप में अपनी सेवाएं देने लगी.

  • मां ने श्रेया को दी स्पीच थैरेपी की शिक्षा

शुरुआत के दौर में श्रेया को समझाने के लिए माता-पिता ने एक स्पीच थैरेपिस्ट के माध्यम से उसे 1 साल शिक्षा दिलाई, ताकि श्रेया को वह समझ सके. श्रेया के मां की माने तो उन्होंने सबसे पहले अपनी बेटी श्रेया को ही सब कुछ माना. उसकी शिक्षा के बीच पारिवारिक परिस्थितियों के साथ भी काफी दिक्कतों का सामना माता-पिता को करना पड़ा, लेकिन श्रेया के माता-पिता ने कभी अपनी बेटी को किसी से कम नहीं माना. आज बेटी ने माता-पिता का सर फक्र से ऊंचा कर दिया है. बेटी की इस कामयाबी पर माता-पिता की खुशियों का ठिकाना नहीं है.

  • दोस्तों और परिवार से मदद मांगकर शिक्षा पूरी की

महज 25 वर्ष की उम्र में श्रेया ने ना केवल UPSC (Union Public Service Commission) की प्रतिष्ठा पूर्णकर ऑल इंडिया इंजीनियर सर्विसेज (IES) की परीक्षा में 60 वी रैंक हासिल की, बल्कि अखिल भारतीय स्तर पर श्रेया को हियरिंग कैटेगरी में इंडिया टॉप करने का श्रेय भी मिला. श्रेया के पिता संजय राय शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का काम करते हैं. इस बीच उन्हें कई बार नुकसान का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उसके पिता ने अपने दोस्तों और परिवार से मदद लेकर बेटी की पढ़ाई में आंच नहीं आने दी.

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  • छोटे भाई और बहन को पढ़ाती है श्रेया

श्रेया 25 वर्ष की उम्र में एक अच्छी टीचर की भूमिका निभाती हैं, जो अपने छोटे भाई बहन को पढ़ाने में उनकी हेल्प करती है. श्रेया गणीत के सवालों को बड़े आसानी से हल कर लेती हैं. श्रेया की छोटी बहन कांची राय और छोटा भाई शिवांश राय दोनों अपनी बड़ी बहन से गणीत के सवालों की शिक्षा लेते हैं. श्रेया बड़े आसानी से अपने दोनों छोटे भाई-बहन को लिखकर पूरे सवाल को समझा देती हैं. श्रेया के दोनों छोटे भाई बहन अपनी बड़ी बहन की प्रेरणा से बहुत ज्यादा प्रेरित हैं.

सतना। 'कहते हैं मन में अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो, तो सपने अक्सर साकार होता है'. ऐसे ही कहानी है सतना की एक दिव्यांग बेटी की. सतना जिले के सिविल लाइन क्षेत्र के प्रभात विहार कॉलोनी निवासी संजय राय की बेटी 25 वर्षीय श्रेया राय मध्यम वर्गीय परिवार में पली है. श्रेया UPSC (Union Public Service Commission) एग्जाम हियरिंग कैटेगरी में ऑल इंडिया टॉपर बनी है. श्रेया ने यूपीएससी के Indian Engineering Services (IES) में हियरिंग कैटेगरी में ऑल इंडिया रैंकिंग नंबर वन लाकर सभी को हैरत में डाल दिया है. श्रेया की देशभर में ऑल ओवर 60वीं रैंकिंग है.

UPSC परीक्षा की टॉपर बनी सतना की दिव्यांग बेटी,
  • श्रेया दो बार दे चुकी है UPSC की परीक्षा

श्रेया जन्म से ही दिव्यांग है, जो ना सुन पाती है और ना बोल पाती है. श्रेया ने प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा एक निजी विद्यालय से पूर्ण की हैं. उसके बाद श्रेया ने इंदौर के गोविंद राम सेकसरिया इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (Govindram Seksaria Institute of Technology) से BE इलेक्ट्रिकल से शिक्षा प्राप्त की. ग्रेजुएशन के दौरान ही वर्ष 2019 में श्रेया ने UPSC का पहला चांस लिया और इस चांस मे वह थोड़ा पीछे रह गई. लेकिन श्रेया ने हार नहीं मानी, और फिर एक कोशिश वर्ष 2020 में की जिसका रिजल्ट 12 अप्रैल 2021 को आया. जिसके बाद श्रेया वर्ष 2020 की टॉपर रही.

  • होठों की भाषा पढ़ती है श्रेया

इस कामयाबी को पाने के लिए श्रेया 3 वर्षों से लगातार UPSC के IES एग्जाम की तैयारी कर रही थी. इससे पहले श्रेया का सिलेक्शन कोल इंडिया, न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन और पावर ग्रिड में भी हो चुका है, लेकिन श्रेया की मंजिल यह नहीं थी. श्रेया ने मेहनत और लगन से अपने सपने को साकार किया है. नेचर और क्लासिकल डांसिंग (Nature and classical dancing) के विविध विषयों पर चित्रकारी का श्रेया को खास शौक है. श्रेया लिप्स राइटिंग के जरिए बातों को समझती हैं, यहां तक कि श्रेया टीवी सीरियल और मूवी को देखकर समझ जाती है.

बाइक से 225 किलोमीटर सफर तय कर यूपीएससी परीक्षा देने भोपाल पहुंचा छात्र

  • श्रेया के साथ स्कूल जाती थी मां

इस बारे में जब श्रेया के माता-पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि श्रेया को बचपन से ही यह प्रॉब्लम थी. 3 वर्ष बाद श्रेया के माता-पिता ने इसके मेडिकल जांच कराई, तो यह सामने आया कि श्रेया ना तो बोल सकती है और ना ही सुन सकती है. श्रेया के माता पिता हार नहीं मानी, श्रेया के पिता का नाम संजय राय और माता का नाम अंशु राय है. उसके माता-पिता ने बताया कि इसे विद्यालय में जब दाखिला दिलाया गया तो यह सामान्य बच्चों के साथ शामिल नहीं हो पाती थी. ऐसे में उनकी मां अंशु राय श्रेया के साथ 3 से 4 घंटे विद्यालय में अपना पूरा समय देती थी. निजी विद्यालय में उसकी मां के कार्यों को देख कर उन्हें उसे निजी विद्यालय में पढ़ाने का मौका दे दिया, और श्रेया की मां उसी के विद्यालय में एक शिक्षिका के रूप में अपनी सेवाएं देने लगी.

  • मां ने श्रेया को दी स्पीच थैरेपी की शिक्षा

शुरुआत के दौर में श्रेया को समझाने के लिए माता-पिता ने एक स्पीच थैरेपिस्ट के माध्यम से उसे 1 साल शिक्षा दिलाई, ताकि श्रेया को वह समझ सके. श्रेया के मां की माने तो उन्होंने सबसे पहले अपनी बेटी श्रेया को ही सब कुछ माना. उसकी शिक्षा के बीच पारिवारिक परिस्थितियों के साथ भी काफी दिक्कतों का सामना माता-पिता को करना पड़ा, लेकिन श्रेया के माता-पिता ने कभी अपनी बेटी को किसी से कम नहीं माना. आज बेटी ने माता-पिता का सर फक्र से ऊंचा कर दिया है. बेटी की इस कामयाबी पर माता-पिता की खुशियों का ठिकाना नहीं है.

  • दोस्तों और परिवार से मदद मांगकर शिक्षा पूरी की

महज 25 वर्ष की उम्र में श्रेया ने ना केवल UPSC (Union Public Service Commission) की प्रतिष्ठा पूर्णकर ऑल इंडिया इंजीनियर सर्विसेज (IES) की परीक्षा में 60 वी रैंक हासिल की, बल्कि अखिल भारतीय स्तर पर श्रेया को हियरिंग कैटेगरी में इंडिया टॉप करने का श्रेय भी मिला. श्रेया के पिता संजय राय शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का काम करते हैं. इस बीच उन्हें कई बार नुकसान का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उसके पिता ने अपने दोस्तों और परिवार से मदद लेकर बेटी की पढ़ाई में आंच नहीं आने दी.

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  • छोटे भाई और बहन को पढ़ाती है श्रेया

श्रेया 25 वर्ष की उम्र में एक अच्छी टीचर की भूमिका निभाती हैं, जो अपने छोटे भाई बहन को पढ़ाने में उनकी हेल्प करती है. श्रेया गणीत के सवालों को बड़े आसानी से हल कर लेती हैं. श्रेया की छोटी बहन कांची राय और छोटा भाई शिवांश राय दोनों अपनी बड़ी बहन से गणीत के सवालों की शिक्षा लेते हैं. श्रेया बड़े आसानी से अपने दोनों छोटे भाई-बहन को लिखकर पूरे सवाल को समझा देती हैं. श्रेया के दोनों छोटे भाई बहन अपनी बड़ी बहन की प्रेरणा से बहुत ज्यादा प्रेरित हैं.

Last Updated : Jun 15, 2021, 10:54 PM IST
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