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बरसात में हुए बेघर, आदिवासियों की झोपड़ी पर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर, उजाड़ा गरीबों का आशियाना

अमरपाटन में आदिवासी परिवार का आशियाना गिरा दिया गया. जिसके बाद पूरा परिवार पेड़ के नीचे गुजर-बसर करने को मजबूर है. पीड़ित परिवार ने राज्यमंत्री को कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया है.

hut of a tribal family removed during encroachment
बरसात में उजाड़ा गरीब का आशियाना
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Published : Jul 24, 2021, 4:47 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 5:58 PM IST

सतना। जिले के अमरपाटन में जोरदार बारिश के बीच गरीब का आशियाना उजाड़ दिया गया. दरअसल नगरीय क्षेत्र उमराही में सरकारी जमीन पर रह रहे आदिवासियों के मकान हटाए जा रहे हैं. शनिवार को पिछले 40 साल से रह रहे एक गरीब की झोपड़ी पर बुलडोजर चला दिया गया. जिसके बाद भरी बरसात में पूरा परिवार सड़क पर आ गया. पीड़ित परिवार अब पेड़ के नीचे गुजारा करने को मजबूर हैं. उन्होंने राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल को इसके लिए दोषी ठहराया है.

बरसात में उजाड़ा गरीब का आशियाना

मामला हाई कोर्ट में है पेंडिंग

दरअसल ये जमीन पहले मध्यप्रदेश शासन की थी. इस जमीन पर पच्चीस आदिवासी परिवार रहते हैं. 2012-13 में एक आवेदक विजय पटेल ने जमीन को अपना बताकर आदिवासी परिवारों को हटाने की कोशिश की थी. शुरू में यह मामला स्थानीय कोर्ट में चला और अब हाई कोर्ट में पेंडिंग है. इसके बाद भी विजय पटेल के आवेदन पर नगर पंचायत और राजस्व अमले ने शनिवार को बिना कोई नोटिस दिए गरीब आदिवासी परिवार के आशियाने पर बुलडोजर चला दिया.

कार्रवाई का पीड़ित परिवार ने काफी विरोध भी किया, लेकिन अमले ने एक नहीं सुनी. बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था के आदिवासी परिवार का आशियाना जमींदोज कर दिया गया. हालांकि प्रशासन का दावा है कि इस जमीन पर जो और आवास बने हैं उन्हें नहीं गिराया गया है.

उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ा, घाट किनारे सभी मंदिर डूबे

राज्यमंत्री पर पीड़ित परिवार के आरोप

शासन के नियमानुसार, यदि किसी भी गरीब आदिवासी के आशियाने को हटाया जाता है, तो पहले शासन-प्रशासन द्वारा उसकी वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाती है. लेकिन अमरपाटन में गरीब आदिवासियों के आशियाने पर बिना किसी नोटिस और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बुलडोजर चला दिया गया. पीड़ित गरीब आदिवासी इस मामले पर स्थानीय विधायक एवं राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल को इसका दोषी बता रहे हैं.

सतना। जिले के अमरपाटन में जोरदार बारिश के बीच गरीब का आशियाना उजाड़ दिया गया. दरअसल नगरीय क्षेत्र उमराही में सरकारी जमीन पर रह रहे आदिवासियों के मकान हटाए जा रहे हैं. शनिवार को पिछले 40 साल से रह रहे एक गरीब की झोपड़ी पर बुलडोजर चला दिया गया. जिसके बाद भरी बरसात में पूरा परिवार सड़क पर आ गया. पीड़ित परिवार अब पेड़ के नीचे गुजारा करने को मजबूर हैं. उन्होंने राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल को इसके लिए दोषी ठहराया है.

बरसात में उजाड़ा गरीब का आशियाना

मामला हाई कोर्ट में है पेंडिंग

दरअसल ये जमीन पहले मध्यप्रदेश शासन की थी. इस जमीन पर पच्चीस आदिवासी परिवार रहते हैं. 2012-13 में एक आवेदक विजय पटेल ने जमीन को अपना बताकर आदिवासी परिवारों को हटाने की कोशिश की थी. शुरू में यह मामला स्थानीय कोर्ट में चला और अब हाई कोर्ट में पेंडिंग है. इसके बाद भी विजय पटेल के आवेदन पर नगर पंचायत और राजस्व अमले ने शनिवार को बिना कोई नोटिस दिए गरीब आदिवासी परिवार के आशियाने पर बुलडोजर चला दिया.

कार्रवाई का पीड़ित परिवार ने काफी विरोध भी किया, लेकिन अमले ने एक नहीं सुनी. बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था के आदिवासी परिवार का आशियाना जमींदोज कर दिया गया. हालांकि प्रशासन का दावा है कि इस जमीन पर जो और आवास बने हैं उन्हें नहीं गिराया गया है.

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राज्यमंत्री पर पीड़ित परिवार के आरोप

शासन के नियमानुसार, यदि किसी भी गरीब आदिवासी के आशियाने को हटाया जाता है, तो पहले शासन-प्रशासन द्वारा उसकी वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाती है. लेकिन अमरपाटन में गरीब आदिवासियों के आशियाने पर बिना किसी नोटिस और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बुलडोजर चला दिया गया. पीड़ित गरीब आदिवासी इस मामले पर स्थानीय विधायक एवं राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल को इसका दोषी बता रहे हैं.

Last Updated : Jul 24, 2021, 5:58 PM IST
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