सतना/भोपाल। हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले सतना जिले के मैहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर सुर्खियों पर हैं. उन्होंने बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री के साथ नागपुर में हुई घटना की घोर निंदा की है (Tripathi supported Dhirendra Shastri). कहा कि ''हिन्दू धर्म की आस्था पर आघात और प्रहार बर्दास्त नहीं करेंगे. भूत प्रेतों को कही न कही इंटरनेशनल विज्ञान भी मान्यता देता है, अमेरिका के व्हाइट हाउस में भूत के मौजूदगी के प्रमाण कई बार मीडिया में दिखाए और बताए गए. लोगों की आस्था ही तो सबकुछ है. ऐसी स्थिति में हमारे जो भी साधु, संत, महात्मा, कथावाचक हैं उनका अपमान नहीं होना चाहिए''.
हिन्दू धर्म की आस्था पर प्रहार बर्दास्त नहीं: विधायक नारायण त्रिपाठी ने आगे कहा कि पूर्व में भी पूज्य संत प्रदीप मिश्रा के साथ सीहोर में यही हुआ, भीड़ और व्यवस्था का बहाना बनाकर कथा बन्द करा दी गई, हमारे आराध्य प्रभू श्री राम भी जब आये होंगे उनसे भी सवाल करने वाले कम नहीं थे और किये भी गए, भगवान श्री कृष्ण को चमत्कारी कहा, उन्हें छलिया बताया गया, ये तो अनादिकाल से चलता आ रहा है, हम हिन्दू धर्म की आस्था पर किसी तरह का प्रहार बर्दास्त नही करेंगे.
विधायक त्रिपाठी ने भोपाल में बुलाई महासभा: विधायक त्रिपाठी ने कहा कि ''आगामी रविवार 22 जनवरी को प्रदेश की राजधानी भोपाल के 10 नम्बर स्टाप पर शाम 5 बजे हिन्दुधर्म और तमाम कथा वाचकों के सम्मान में एक वृहद आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें सभी धर्मावलंबी, तमाम कथा वाचक, बागेश्वर धाम के अनुयायियों से मेरी अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में आयोजन में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराए''.साथ ही विधायक त्रिपाठी ने कहा कि ''मेरी तमाम हिंदुस्तानियों से भगवान भोलेनाथ, प्रभू श्री राम पर आस्था रखने वाले लोगों से अपील है कि ऐसे राक्षसी प्रवृत्ति रखने वाले लोगों का सड़कों पर उतरकर मुहतोड़ जबाब देने का कार्य भी करें''.
MP: बागेश्वर सरकार को अब नेता प्रतिपक्ष की खुली चुनौती, बोले- प्रमाणित करें चमत्कारी शक्तियां
पीसी शर्मा बोले-धीरेंद्र शास्त्री का अपमान गलत: इधर कांग्रेस में आपस में ही एक दूसरे के सुर मेल नहीं खा रहे हैं, कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कांग्रेस के दो पूर्व मंत्रियों के विचार अलग अलग हैं. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, बागेश्वर धाम और पंडोखर सरकार के समर्थन में उतरे दिखाई दे रहे हैं. वह कहते हैं कि ''महाराष्ट्र में जिस तरह से बाघीश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का अपमान हुआ है वो गलत है, संत तो सब ग्रंथों का निचोड़ निकालकर बात करता है, संत साधु कथावाचक लोगों का मानसिक तनाव दूर करते हैं, चाहे बाघवेश्वर धाम हो या फिर पंडोखर सरकार ये सभी लोगों के तनाव दूर करते हैं''. नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को लेकर कहा कि साधु संतों को लेकर किसी भी समिति को कंट्रोवर्सी नहीं करना चाहिए, साधु संत हमारी आस्था का केन्द्र हैं.
गोविंद सिंह ने बागेश्वर धाम को बताया पाखंड: वहीं इसके उलट गोविंद सिंह कहते हैं कि ''मैं पाखंड और ढोंग में नहीं पड़ता, सनातन धर्म आस्था का बिंदु है, इस देश में 80 से 90% सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं, बागेश्वर धाम बाबा के ऊपर महाराष्ट्र में आरोप लगे तो बागेश्वर अपना बिस्तर बांध कर रात में क्यों भागे, अगर आपमें सच्चाई है तो आपको प्रमाणिकता के आधार पर भागने का जवाब देना चाहिए और आपने तांत्रिक जैसी प्रथा को प्रचारित कर रखा है उसे प्रमाणित करें''.
हार्ड हिंदुत्व की तरफ बढ़ी कांग्रेस: चुनावी साल में कमलनाथ हिंदुत्व के रंग में रंगे दिखाई देंगे, हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में कांग्रेस का हार्ड हिंदुत्व प्रेम दिखेगा. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरुआत होगी. पीसीसी चीफ कमल नाथ 26 जनवरी से भोपाल के मुगलिया छाप हनुमान मंदिर में माथा टेक कर अभियान की शुरुआत करेंगे. वहीं बीजेपी के नेता लगातार धार्मिक आयोजनों में वोट बैंक को रिझाने बाबाओं का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. भोपाल में ही बीजेपी ने बड़ा आयोजन किया है जिसमे जया किशोरी को कथा के लिए बुलाया गया है.
बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने 22 जनवरी को भोपाल में बागेश्वर धाम सरकार के पक्ष में एक महासभा बुलाई है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर विवाद क्यों बढ़ा: पिछले दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नागपुर में कार्यक्रम था, उनके चमत्कारों को लेकर नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा था कि अगर धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कार मेरे सामने करके दिखाते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा, वे दो दिन पहले ही रामकथा खत्म कर 13 जनवरी के बजाय 11 जनवरी को छतरपुर लौट गए, अब यह मामला गर्माया हुआ है.