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Satna Accident News: खेलते वक्त खुले गोबर गैस के टैंक में गिरा 4 साल का मासूम, मौत

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Published : Apr 6, 2023, 3:03 PM IST

Updated : Apr 6, 2023, 3:17 PM IST

सतना में एक दर्दनाक हादसे में 4 साल के बच्चे की जान चली गई. मासूम खेलते वक्त खुले गोबर गैस प्लांट के टैंक में गिर गया था. जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं परिजनों ने हंगामा करते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

child died after falling gas tank in satna
सतना गोबर गैस के टैंक में गिरने से बच्चे की मौत
टैंक में गिरकर 4 साल के मासूम की मौत

सतना। शहर के बिरला सीमेंट के गोबर टैंक में गिरकर 4 वर्ष के मासूम बच्चे की मौत हो गई. मृतक देवांश गर्ग पिता संदीप गर्ग खुटहा जैतवारा का मूल निवासी था. उसके पिता बिड़ला डेरी फार्म में नौकरी करते हैं. अपनी पत्नी वंदना और दो बच्चों के साथ दूध डेरी कैम्पस में ही रहते हैं. बुधवार की रात देवांश कैम्पस में ही खेल रहा था. इस दौरान वह खुले गोबर गैस प्लांट में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई. मौत के बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचे और लापरवाही का आरोप लगाया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. हालकि दबाव में आये फैक्ट्री प्रबंधन ने लोगों की मांगों को मानना उचित समझा और समझौता किया.

गोबर गैस के प्लांट के टैंक में मिला शव: जानकारी के अनुसार, सतना जिले के जाने माने बिरला सीमेंट प्लांट के दुग्ध सहकारी समिति के जैविक खाद्य में काम करने वाले संदीप गर्ग के घर में बुधवार की रात कोहराम मच गया. उनका 4 वर्ष का पुत्र गोबर से भरे टैंक में गिरने से मौत के आगोश में चला गया. बताया जा रहा है कि देवांश शाम को लापता हो गया था. तलाश करने पर गोबर गैस प्लांट में तैरती चप्पल मिली और तब उसकी तलाश गोबर गैस के प्लांट के टैंक में की गई. कुछ देर बाद देवांश को उस टैंक से बरामद किया गया, और उसे आनन-फानन में बिरला अस्पताल ले जाया गया, जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिस टैंक में देवांश मिला वहां न तो बिजली की व्यवस्था थी न ही टैंक को कवर किया गया था, ऐसे में आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया.

Also Read: हादसों से जुड़ी इन खबरों पर भी डालें एक नजर

परिजनों ने की कार्रवाई की मांग: इंदौर में बावड़ी की घटना के बाद 2 दिन पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खुले कुएं बोर और बवड़ियों को लेकर सख्त निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसे खुले स्थान चिन्हित करके उनको सुरक्षित किया जाए, बावजूद इसके बिरला प्रबंधन ने अपनी तानाशाही बरकरार रखी. परिजनों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है. घटना होने के बाद बिरला प्रबंधन ने आनन-फानन में नई जाली मंगाकर टैंक नुमा कुएं को ढकना शुरू कर दिया. जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश दी. आखिरकार फैक्ट्री प्रबंधन बैकफुट में आया और मृतक के परिजनों को 30 हजार रुपए दाह संस्कार के लिए दिए. इसके अलावा 3 लाख रुपए मुआवजा, एक व्यक्ति को अस्थाई नौकरी, दूसरे बच्चे की 12 वीं तक कि पढ़ाई का खर्च उठाने का लिखित अश्वासन दिया.

टैंक में गिरकर 4 साल के मासूम की मौत

सतना। शहर के बिरला सीमेंट के गोबर टैंक में गिरकर 4 वर्ष के मासूम बच्चे की मौत हो गई. मृतक देवांश गर्ग पिता संदीप गर्ग खुटहा जैतवारा का मूल निवासी था. उसके पिता बिड़ला डेरी फार्म में नौकरी करते हैं. अपनी पत्नी वंदना और दो बच्चों के साथ दूध डेरी कैम्पस में ही रहते हैं. बुधवार की रात देवांश कैम्पस में ही खेल रहा था. इस दौरान वह खुले गोबर गैस प्लांट में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई. मौत के बाद बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंचे और लापरवाही का आरोप लगाया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. हालकि दबाव में आये फैक्ट्री प्रबंधन ने लोगों की मांगों को मानना उचित समझा और समझौता किया.

गोबर गैस के प्लांट के टैंक में मिला शव: जानकारी के अनुसार, सतना जिले के जाने माने बिरला सीमेंट प्लांट के दुग्ध सहकारी समिति के जैविक खाद्य में काम करने वाले संदीप गर्ग के घर में बुधवार की रात कोहराम मच गया. उनका 4 वर्ष का पुत्र गोबर से भरे टैंक में गिरने से मौत के आगोश में चला गया. बताया जा रहा है कि देवांश शाम को लापता हो गया था. तलाश करने पर गोबर गैस प्लांट में तैरती चप्पल मिली और तब उसकी तलाश गोबर गैस के प्लांट के टैंक में की गई. कुछ देर बाद देवांश को उस टैंक से बरामद किया गया, और उसे आनन-फानन में बिरला अस्पताल ले जाया गया, जहा डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिस टैंक में देवांश मिला वहां न तो बिजली की व्यवस्था थी न ही टैंक को कवर किया गया था, ऐसे में आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया.

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परिजनों ने की कार्रवाई की मांग: इंदौर में बावड़ी की घटना के बाद 2 दिन पहले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खुले कुएं बोर और बवड़ियों को लेकर सख्त निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसे खुले स्थान चिन्हित करके उनको सुरक्षित किया जाए, बावजूद इसके बिरला प्रबंधन ने अपनी तानाशाही बरकरार रखी. परिजनों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है. घटना होने के बाद बिरला प्रबंधन ने आनन-फानन में नई जाली मंगाकर टैंक नुमा कुएं को ढकना शुरू कर दिया. जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश दी. आखिरकार फैक्ट्री प्रबंधन बैकफुट में आया और मृतक के परिजनों को 30 हजार रुपए दाह संस्कार के लिए दिए. इसके अलावा 3 लाख रुपए मुआवजा, एक व्यक्ति को अस्थाई नौकरी, दूसरे बच्चे की 12 वीं तक कि पढ़ाई का खर्च उठाने का लिखित अश्वासन दिया.

Last Updated : Apr 6, 2023, 3:17 PM IST
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