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एक माह से एक्स-रे की फिल्म खत्म, मरीजों को हो रही परेशानी

सतना जिला अस्पताल में एक्स-रे की फिल्म 1 माह से खत्म हो गई है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Mar 19, 2021, 2:03 PM IST

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एक्स-रे की फिल्म खत्म

सतना। नेशनल क्वालिटी एक्वारेंस स्टैंडर्ड (NQAS) कैटेगरी के जिला अस्पताल में विगत 1 महीने से एक्स-रे की फिल्म खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रबंधन मौन बैठा हुआ है.

जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं, वह निराश होकर वापस लौट रहे

जिला अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े दावें तो किए जा रहे हैं, लेकिन इन दावों की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. अस्पताल में एक्स-रे मशीन की फिल्म खत्म होने से मरीजों और उनके परिजनों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूरदराज के मरीज यहां पर आते हैं, लेकिन 1 महीने से एक्स-रे की फिल्म खत्म होने से मरीजों को एंड्राइड फोन लाने के लिए कहा जाता है. जिनके पास एंड्रॉयड फोन है, तो उन्हें फोटो खींचकर रिपोर्ट दे दी जाती है, लेकिन दूरदराज से आए गरीब तबके के लोग जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है, वह निराश होकर वापस लौट जाते हैं. उनके लिए जिंदगी मौत का कारण बनता है.

मरीजों का कहना है कि हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब रिपोर्ट लेने जाते हैं, तो कहते हैं कि एंड्राइड फोन लाओ, लेकिन हम गरीब लोग हैं, कहां से फोन लाएं.

दरअसल, कंप्यूटर से मोबाइल में खींची गई फोटो में क्लीयरटी नहीं रहती है. ऐसे में एक्स-रे रिपोर्ट के नाम पर जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा खानापूर्ति कर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.

एक्स-रे की फिल्म खत्म


मोबाइल के जरिए दी जा रही एक्स-रे रिपोर्ट
इस मामले पर नैदानिक केंद्र के एक्स-रे टेक्निशियन से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि 9 फरवरी से एक्स-रे मशीन की फिल्म खत्म हो चुकी है, जिसके लिए एंड्राइड मोबाइल का सहारा लिया जा रहा है. अब ऐसे में एक्स-रे लैब के अंदर मौजूद अधिकारी और कर्मचारियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार तो मरीज आक्रोशित भी होते हैं, लेकिन उन्हें इसे भी झेलना पड़ता है. उनका वर्क लोड भी ज्यादा हो रहा है. इसके लिए कई बार उच्चाधिकारी को भी बोला गया है. अभी तक यहां पर एक्स-रे रिपोर्ट की फिल्म नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में मोबाइल के जरिए एक्स-रे रिपोर्ट दी जा रही है.


जिला अस्पताल प्रशासक ने क्या कहा ?
इस मामले को लेकर जिला अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह से जब बात की गई, तो वह भी अपना राग अलापने लगे. उनका कहना है कि अस्पताल में एक्स-रे की फिल्म देने वाले का ठेका समाप्त हो चुका है, जिसकी वजह से यह हालात बने हुए हैं. नए रेट में ठेका फाइनल न होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन को मोबाइल का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन्हें यह नहीं पता कि अब तक समस्या का निदान हो सकेगा.

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक्स-रे जैसी माइनर चेक करने वाली मशीनों की रिपोर्ट को कंप्यूटर से फोटो खींचकर मरीजों को दिया जा रहा है, जबकि कंप्यूटर द्वारा खींची गई फोटो क्लीयरटी गुणवत्ता विहीन होती है. वहीं जिन गरीब मरीज के परिजनों के पास स्मार्टफोन नहीं है, तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सतना। नेशनल क्वालिटी एक्वारेंस स्टैंडर्ड (NQAS) कैटेगरी के जिला अस्पताल में विगत 1 महीने से एक्स-रे की फिल्म खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रबंधन मौन बैठा हुआ है.

जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं, वह निराश होकर वापस लौट रहे

जिला अस्पताल में सुविधाओं के नाम पर बड़े-बड़े दावें तो किए जा रहे हैं, लेकिन इन दावों की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही हैं. अस्पताल में एक्स-रे मशीन की फिल्म खत्म होने से मरीजों और उनके परिजनों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूरदराज के मरीज यहां पर आते हैं, लेकिन 1 महीने से एक्स-रे की फिल्म खत्म होने से मरीजों को एंड्राइड फोन लाने के लिए कहा जाता है. जिनके पास एंड्रॉयड फोन है, तो उन्हें फोटो खींचकर रिपोर्ट दे दी जाती है, लेकिन दूरदराज से आए गरीब तबके के लोग जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं है, वह निराश होकर वापस लौट जाते हैं. उनके लिए जिंदगी मौत का कारण बनता है.

मरीजों का कहना है कि हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब रिपोर्ट लेने जाते हैं, तो कहते हैं कि एंड्राइड फोन लाओ, लेकिन हम गरीब लोग हैं, कहां से फोन लाएं.

दरअसल, कंप्यूटर से मोबाइल में खींची गई फोटो में क्लीयरटी नहीं रहती है. ऐसे में एक्स-रे रिपोर्ट के नाम पर जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा खानापूर्ति कर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.

एक्स-रे की फिल्म खत्म


मोबाइल के जरिए दी जा रही एक्स-रे रिपोर्ट
इस मामले पर नैदानिक केंद्र के एक्स-रे टेक्निशियन से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि 9 फरवरी से एक्स-रे मशीन की फिल्म खत्म हो चुकी है, जिसके लिए एंड्राइड मोबाइल का सहारा लिया जा रहा है. अब ऐसे में एक्स-रे लैब के अंदर मौजूद अधिकारी और कर्मचारियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कई बार तो मरीज आक्रोशित भी होते हैं, लेकिन उन्हें इसे भी झेलना पड़ता है. उनका वर्क लोड भी ज्यादा हो रहा है. इसके लिए कई बार उच्चाधिकारी को भी बोला गया है. अभी तक यहां पर एक्स-रे रिपोर्ट की फिल्म नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में मोबाइल के जरिए एक्स-रे रिपोर्ट दी जा रही है.


जिला अस्पताल प्रशासक ने क्या कहा ?
इस मामले को लेकर जिला अस्पताल प्रशासक इकबाल सिंह से जब बात की गई, तो वह भी अपना राग अलापने लगे. उनका कहना है कि अस्पताल में एक्स-रे की फिल्म देने वाले का ठेका समाप्त हो चुका है, जिसकी वजह से यह हालात बने हुए हैं. नए रेट में ठेका फाइनल न होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन को मोबाइल का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन्हें यह नहीं पता कि अब तक समस्या का निदान हो सकेगा.

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि एक्स-रे जैसी माइनर चेक करने वाली मशीनों की रिपोर्ट को कंप्यूटर से फोटो खींचकर मरीजों को दिया जा रहा है, जबकि कंप्यूटर द्वारा खींची गई फोटो क्लीयरटी गुणवत्ता विहीन होती है. वहीं जिन गरीब मरीज के परिजनों के पास स्मार्टफोन नहीं है, तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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