सतना। कोविड-19 एक वैश्विक आपदा के रूप में फैल रहा है, जिसकी वजह से देशभर में लॉकडाउन किया गया. लॉकडाउन के बीच सतना जिले में आज से किसानों की उपज की खरीदी शुरू की गई, लेकिन सरकारी क्रय केंद्रों पर भारी अव्यस्था नजर आई. खरीदी केद्रों पर ना तो हैंड वॉश करने की कोई व्यवस्था की गई और ना ही किसानों के लिए पीने का पानी ही उपलब्ध करवाया गया.
सतना शहर के शेरगंज में बनाए गए उपार्जन केंद्र पर ईटीवी भारत की टीम ने पहुंच कर रियलिटी चेक किया, जिसमें प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई हैं.जहां पूरा देश कोविड-19 की इस लड़ाई में जूझ रहा है, तो वहीं मध्यप्रदेश के सतना जिले में बनाए गए गेहूं उपार्जन केंद्र में सैनिटाइजर, हैंड वॉश, मास्क की कोई व्यवस्था नहीं दिखी. जिसके चलते किसानों को खासी दिक्कत हो रही है.
किसानों का कहना है कि, कोरोना जैसी महामारी फैलने के बावजूद हम अन्न लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. लेकिन अगर ऐसी व्यवस्था रही तो हम कहां जाएंगे.
वहीं अगर सतना शहरी क्षेत्र की बात करें तो 10 क्रय केंद्र बनाए गए हैं, इन सभी केंद्रों में किसानों के लिए पूरी व्यवस्थाएं किए जाने को लेकर पहले ही जिला प्रशासन द्वारा बैठक की जा चुकी है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर के अंदर बनाए गए गेहूं उपार्जन केंद्र में जिला प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई हैं.
बता दें कि, सतना जिले में करीब 110 गेहूं उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें करीब 77 हजार किसानों ने जिलेभर में पंजीयन कराया है, सोशल डिस्टेंस को लेकर प्रतिदिन 6 किसानों को ही एक केंद्र में बुलाने की शर्त रखी गई है. कोविड-19 के चलते किसानों की परेशानियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं, लेकिन सतना शहर में बनाए गए गेहूं उपार्जन केंद्र में ना तो मौके पर कोई भी स्वास्थ्य कर्मी मौजूद है ना ही वहां पर किसानों के लिए कोई व्यवस्था.