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Maihar Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE: यूपी से सटी मैहर सीट किसी एक की कभी नहीं रही, 14 चुनाव में से 8 बार कांग्रेस, 3 बार बीजेपी जीती

LIVE Maihar, Madhya Pradesh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates: मैहर सीट का नाम आता है तो दो बातों के लिए इसे जाना जाता है। पहला मैहर वाली माता और दूसरा यह सिटिंग एमएलए नारायण त्रिपाठी के कारण चर्चा में रहती है। हैट्र्रिक के साथ कांग्रेस ने इस सीट को अपना बनाया तो वह सिलसिला अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। बस फर्क इतना है कि इस विधानसभा के लोग जमकर प्रयोग करते हैं।

Number of voters in Maihar
मैहर विधानसभा का रिजल्ट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 26, 2023, 2:42 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 6:40 AM IST

Maihar Assembly Seatमैहर विधानसभा सीट पर किसी एक राजनीतिक दल या व्यक्ति, या जाति का एकाधिकार नहीं रहा है. इस विधानसभा के लोगों ने अब तक हुए कुल 14 चुनाव में ठाकुर, ओबीसी और ब्राम्हण सभी को बराबर का मौका दिया. फर्क इतना है कि इस सीट को चर्चा में सिटिंग एमएलए नारायण त्रिपाठी के कारण अधिक जाना जाता है. कुछ दिन पहले तक मैहर क्षेत्र सतना जिले का हिस्सा हुआ करता था. यदि पुराने जिले के हिसाब से देखें तो सतना जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है तो शेष 3 सीटों पर कांग्रेस की पकड़ है. यहां से कांग्रेस के धर्मेश घई, बसपा से बिरेंद्र प्रसाद कुशवाह, आप ने बैजनाथ कुशवाह, और श्रीकांत चतुर्वेदी ने बीजेपी को टिकट दिया है. इनके अलावा नई पार्टी विंध्य जनता पार्टी बनाकर नारायण त्रिपाठी ने अपनी उम्मीदवारी इसी सीट से ठोकी है.

Number of voters in Maihar
मैहर में मतदाताओं की संख्या

मैहर में 2 लाख से ज्यादा वोटर्स: 2018 के विधानसभा चुनाव में मैहर सीट से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे. मुकाबला त्रिकोणीय हुआ और जीत बीजेपी के नारायण त्रिपाठी को मिली. उन्हें इस चुनाव में 54,877 वोट मिले तो कांग्रेस के श्रीकांत चतुर्वेदी को 51,893 वोट मिले. लेकिन बड़ी बात यह है कि इसी सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को भी 33,397 वोट मिले और नुकसान कांग्रेस का हो गया. पिछले चुनाव में इस सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 2,33,498 थी. इसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,22,408 और महिला वोटर्स की संख्या 1,11,082 थी.

नारायण त्रिपाठी का भाजपा को श्राप: यदि सभी चुनाव का परिणाम देखें तो बीजेपी का पलड़ा कमजोर नजर आता है. पहली बार बीजेपी 2008 में जीती और बीजेपी के मोतीलाल तिवारी विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के नारायण त्रिपाठी के खाते में जीत आई. 2018 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए और टिकट लेकर विधायक बने. लेकिन उनकी हरकतों से नाराज संगठन ने सिंधिया के करीब श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दे दिया. इसके विराध में नारायण त्रिपाठी ने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन दिखाया. मजेदार बात यह है कि ब्राम्हण हितों की बात करने वाले त्रिपाठी सपा के मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं. वे भाजपा विधायक रहने के बाद भी भाजपा और सीएम शिवराज सिंह चौहान को लगातार घेरते रहे हैं. यह उनकी आदत बन गई. दल बदलना भी उनके लिए बहुत छोटा मामला रह गया. उनका एक बयान खूब चर्चा में आया कि ''मैं भाजपा को श्राप देता हूं कि वह अब जा रही है तो कभी नहीं आएगी.''

Number of voters in Maihar
मैहर विधानसभा का रिजल्ट

कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे त्रिपाठी: बता दें कि 2003 में चुनाव जीतने के बाद नारायण त्रिपाठी समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. 2008 का चुनाव वे सपा के टिकट से लड़े, लेकिन हार गए. इसके बाद 2009 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. 2013 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते. विधायक बनने के बाद 2 साल बाद ही उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली और 2016 के उपचुनाव में वे भाजपा के टिकट से मैहर से चुनाव जीत गए. 2018 का विधानसभा चुनाव भी बीजेपी के टिकट पर जीते.

मैहर विधानसभा की सामाजिक-आर्थिक स्थिति: मैहर विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी ने वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दिया गया है. कारण है कि मैहर सीट पर ब्राह्मणों के वोटर्स का खासा दबदबा माना जाता है. इसके अलावा यहां पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोटर्स भी अच्छी खासी संख्या में हैं.

Number of voters in Maihar
पिछले तीन चुनावों का रिजल्ट

Also Read:

मैहर विधानसभा का चुनाव में कब कौन जीता:

1. 1957 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए और कांग्रेस ने गोपाल शरण सिंह को तो वहीं उनके सामने अखिल भारतीय राम राज्य परिषद यानी आरआरपी पार्टी ने रामफल नामक कैंडीडेट को टिकट दिया. यह चुनाव कांग्रेस के गोपाल शरण सिंह ने 4903 से जीत लिया.
2. 1962 में दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने फिर से गोपाल शरण सिंह को और आरआरपी ने रामाधार नामक प्रत्याशी को टिकट दिया. यह चुनाव भी कांग्रेस के गोपाल शरण सिंह ने 5589 वोट से जीत लिया.
3. 1967 में कांग्रेस की तरफ से फिर गोपाल शरण सिंह को टिकट दिया गया और इस बार सामने भारतीय जनसंघ की तरफ से जीआर सिंह नामक प्रत्याशी मैदान में थे. यह चुनाव एक बार फिर गोपाल शरण सिंह ने 4169 वोट से जीतकर हैट्रिक बनाई.
4. 1972 के विधानसभा चुनाव में मैहर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलकर लालजी पटेल को उम्मीदवार बनाया और वे 2884 वोटों से चुनाव जीत गए. दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी नारायण सिंह, जिन्हें कुल 14759 वोट मिले.
5. 1977 के विधान सभा चुनाव में मैहर से कांग्रेस ने एक बार फिर लालजी पटेल को तो पहली बार चुनाव लड़ रही जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में दूसरा नंबर हासिल करने वाले नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया. उम्मीद से विपरीत जनता पार्टी के प्रत्याशी नारायण सिंह ने 14,480 वोटों से जीत दर्ज की, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार लालजी पटेल 11556 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे,
6. 1980 के विधान सभा चुनाव में मैहर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (i) ने विजय नारायण को उम्मीदवार बनाया तो पहली बार जनता पार्टी से भारतीय जनता पार्टी बनी भाजपा ने गयाराम सिंह को टिकट दिया. इस चुनाव में कांग्रेस के विजय नारायण जीते और वे इस सीट से विधायक बने. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गयाराम सिंह को 632 वोटों से हरा दिया.
7. 1985 में मैहर विधान सभा से कांग्रेस ने विजय नारायण को दोबारा प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे निर्दलीय उम्मीदवार लालजी पटेल से 7013 वोटों से यह चुनाव हार गए. लालजी पटेल को 30392 वोट और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार विजय नारायण को 23379 वोट मिले.
8. 1990 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से जनता दल के उम्मीदवार नारायण सिंह जीते और विधायक बने. इन्हें कुल 33587 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार लाल जी कुल 17847 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 15740 वोटों से हार गए.
9. 1993 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद पटेल जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 19985 वोट मिले. वहीं कुल 17656 वोटों लेकर निर्दलीय प्रत्याशी विजय नारायण राय दूसरे स्थान पर रहे और वे 2329 वोटों से हार गए.
10. 1998 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने वृन्दावन बडगैंया को उम्मीदवार बनाया और वे जीते व विधायक बने. उन्हें कुल 21793 वोट मिले. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मोतीलाल तिवारी 20623 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 1170 वोटों से चुनाव हार गए.
11. 2003 में मैहर विधान सभा क्षेत्र सीट से पहली बार नारायण त्रिपाठी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे और जीतकर विधायक बने, उन्हें कुल 39934 वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर 26748 वोटों के साथ बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार वीरेंद्र कुशवाह रहे और वे 13186 वोटों से हार गए. यह पहला चुनाव था, इस सीट पर जब प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टी सेकंड से भी नीचे चली गई थी.
12. 2008 में मैहर विधान सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोती लाल तिवारी जीते और विधायक बने. इन्हें कुल 34385 वोट मिले और इनके सामने थे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद पटेल. जिन्हें कुल 20079 वोट मिले और ये दूसरे स्थान पर रहे. इस तरह तिवारी यह चुनाव 14,306 वोटों से जीत गए.
13. 2013 के मैहर विधान सभा चुनाव में इस सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 48306 वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश प्रसाद को कुल 41,331 वोटों से संतोष करना और पड़ा और वे 6975 वोटों से चुनाव हार गए.
14. एक उपचुनाव 2016 में दो साल बाद नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली और इसके बाद उन्होंने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया. वे 2016 में बीजेपी के टिकट से उपचुनाव लड़े और जीते.
15. 2018 के विधान सभा चुनाव में मैहर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने नारायण त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया और वे जीते व विधायक बने. उन्हें कुल 54877 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीकांत चतुर्वेदी कुल 51,893 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 2984 वोटों से यह चुनाव हार गए.

Maihar Assembly Seatमैहर विधानसभा सीट पर किसी एक राजनीतिक दल या व्यक्ति, या जाति का एकाधिकार नहीं रहा है. इस विधानसभा के लोगों ने अब तक हुए कुल 14 चुनाव में ठाकुर, ओबीसी और ब्राम्हण सभी को बराबर का मौका दिया. फर्क इतना है कि इस सीट को चर्चा में सिटिंग एमएलए नारायण त्रिपाठी के कारण अधिक जाना जाता है. कुछ दिन पहले तक मैहर क्षेत्र सतना जिले का हिस्सा हुआ करता था. यदि पुराने जिले के हिसाब से देखें तो सतना जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं. इसमें से 4 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है तो शेष 3 सीटों पर कांग्रेस की पकड़ है. यहां से कांग्रेस के धर्मेश घई, बसपा से बिरेंद्र प्रसाद कुशवाह, आप ने बैजनाथ कुशवाह, और श्रीकांत चतुर्वेदी ने बीजेपी को टिकट दिया है. इनके अलावा नई पार्टी विंध्य जनता पार्टी बनाकर नारायण त्रिपाठी ने अपनी उम्मीदवारी इसी सीट से ठोकी है.

Number of voters in Maihar
मैहर में मतदाताओं की संख्या

मैहर में 2 लाख से ज्यादा वोटर्स: 2018 के विधानसभा चुनाव में मैहर सीट से कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे. मुकाबला त्रिकोणीय हुआ और जीत बीजेपी के नारायण त्रिपाठी को मिली. उन्हें इस चुनाव में 54,877 वोट मिले तो कांग्रेस के श्रीकांत चतुर्वेदी को 51,893 वोट मिले. लेकिन बड़ी बात यह है कि इसी सीट पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को भी 33,397 वोट मिले और नुकसान कांग्रेस का हो गया. पिछले चुनाव में इस सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 2,33,498 थी. इसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,22,408 और महिला वोटर्स की संख्या 1,11,082 थी.

नारायण त्रिपाठी का भाजपा को श्राप: यदि सभी चुनाव का परिणाम देखें तो बीजेपी का पलड़ा कमजोर नजर आता है. पहली बार बीजेपी 2008 में जीती और बीजेपी के मोतीलाल तिवारी विधायक बने. 2013 में कांग्रेस के नारायण त्रिपाठी के खाते में जीत आई. 2018 में वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए और टिकट लेकर विधायक बने. लेकिन उनकी हरकतों से नाराज संगठन ने सिंधिया के करीब श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दे दिया. इसके विराध में नारायण त्रिपाठी ने एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन दिखाया. मजेदार बात यह है कि ब्राम्हण हितों की बात करने वाले त्रिपाठी सपा के मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक आदर्श मानते हैं. वे भाजपा विधायक रहने के बाद भी भाजपा और सीएम शिवराज सिंह चौहान को लगातार घेरते रहे हैं. यह उनकी आदत बन गई. दल बदलना भी उनके लिए बहुत छोटा मामला रह गया. उनका एक बयान खूब चर्चा में आया कि ''मैं भाजपा को श्राप देता हूं कि वह अब जा रही है तो कभी नहीं आएगी.''

Number of voters in Maihar
मैहर विधानसभा का रिजल्ट

कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे त्रिपाठी: बता दें कि 2003 में चुनाव जीतने के बाद नारायण त्रिपाठी समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. 2008 का चुनाव वे सपा के टिकट से लड़े, लेकिन हार गए. इसके बाद 2009 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए. 2013 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते. विधायक बनने के बाद 2 साल बाद ही उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली और 2016 के उपचुनाव में वे भाजपा के टिकट से मैहर से चुनाव जीत गए. 2018 का विधानसभा चुनाव भी बीजेपी के टिकट पर जीते.

मैहर विधानसभा की सामाजिक-आर्थिक स्थिति: मैहर विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी ने वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दिया गया है. कारण है कि मैहर सीट पर ब्राह्मणों के वोटर्स का खासा दबदबा माना जाता है. इसके अलावा यहां पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोटर्स भी अच्छी खासी संख्या में हैं.

Number of voters in Maihar
पिछले तीन चुनावों का रिजल्ट

Also Read:

मैहर विधानसभा का चुनाव में कब कौन जीता:

1. 1957 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए और कांग्रेस ने गोपाल शरण सिंह को तो वहीं उनके सामने अखिल भारतीय राम राज्य परिषद यानी आरआरपी पार्टी ने रामफल नामक कैंडीडेट को टिकट दिया. यह चुनाव कांग्रेस के गोपाल शरण सिंह ने 4903 से जीत लिया.
2. 1962 में दूसरे चुनाव में कांग्रेस ने फिर से गोपाल शरण सिंह को और आरआरपी ने रामाधार नामक प्रत्याशी को टिकट दिया. यह चुनाव भी कांग्रेस के गोपाल शरण सिंह ने 5589 वोट से जीत लिया.
3. 1967 में कांग्रेस की तरफ से फिर गोपाल शरण सिंह को टिकट दिया गया और इस बार सामने भारतीय जनसंघ की तरफ से जीआर सिंह नामक प्रत्याशी मैदान में थे. यह चुनाव एक बार फिर गोपाल शरण सिंह ने 4169 वोट से जीतकर हैट्रिक बनाई.
4. 1972 के विधानसभा चुनाव में मैहर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उम्मीदवार बदलकर लालजी पटेल को उम्मीदवार बनाया और वे 2884 वोटों से चुनाव जीत गए. दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी नारायण सिंह, जिन्हें कुल 14759 वोट मिले.
5. 1977 के विधान सभा चुनाव में मैहर से कांग्रेस ने एक बार फिर लालजी पटेल को तो पहली बार चुनाव लड़ रही जनता पार्टी ने पिछले चुनाव में दूसरा नंबर हासिल करने वाले नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया. उम्मीद से विपरीत जनता पार्टी के प्रत्याशी नारायण सिंह ने 14,480 वोटों से जीत दर्ज की, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार लालजी पटेल 11556 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे,
6. 1980 के विधान सभा चुनाव में मैहर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (i) ने विजय नारायण को उम्मीदवार बनाया तो पहली बार जनता पार्टी से भारतीय जनता पार्टी बनी भाजपा ने गयाराम सिंह को टिकट दिया. इस चुनाव में कांग्रेस के विजय नारायण जीते और वे इस सीट से विधायक बने. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गयाराम सिंह को 632 वोटों से हरा दिया.
7. 1985 में मैहर विधान सभा से कांग्रेस ने विजय नारायण को दोबारा प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे निर्दलीय उम्मीदवार लालजी पटेल से 7013 वोटों से यह चुनाव हार गए. लालजी पटेल को 30392 वोट और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार विजय नारायण को 23379 वोट मिले.
8. 1990 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से जनता दल के उम्मीदवार नारायण सिंह जीते और विधायक बने. इन्हें कुल 33587 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार लाल जी कुल 17847 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 15740 वोटों से हार गए.
9. 1993 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद पटेल जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 19985 वोट मिले. वहीं कुल 17656 वोटों लेकर निर्दलीय प्रत्याशी विजय नारायण राय दूसरे स्थान पर रहे और वे 2329 वोटों से हार गए.
10. 1998 में मैहर विधान सभा क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने वृन्दावन बडगैंया को उम्मीदवार बनाया और वे जीते व विधायक बने. उन्हें कुल 21793 वोट मिले. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मोतीलाल तिवारी 20623 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 1170 वोटों से चुनाव हार गए.
11. 2003 में मैहर विधान सभा क्षेत्र सीट से पहली बार नारायण त्रिपाठी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतरे और जीतकर विधायक बने, उन्हें कुल 39934 वोट मिले. जबकि दूसरे नंबर पर 26748 वोटों के साथ बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार वीरेंद्र कुशवाह रहे और वे 13186 वोटों से हार गए. यह पहला चुनाव था, इस सीट पर जब प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टी सेकंड से भी नीचे चली गई थी.
12. 2008 में मैहर विधान सभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मोती लाल तिवारी जीते और विधायक बने. इन्हें कुल 34385 वोट मिले और इनके सामने थे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार मथुरा प्रसाद पटेल. जिन्हें कुल 20079 वोट मिले और ये दूसरे स्थान पर रहे. इस तरह तिवारी यह चुनाव 14,306 वोटों से जीत गए.
13. 2013 के मैहर विधान सभा चुनाव में इस सीट से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी जीते और विधायक बने. उन्हें कुल 48306 वोट मिले. जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश प्रसाद को कुल 41,331 वोटों से संतोष करना और पड़ा और वे 6975 वोटों से चुनाव हार गए.
14. एक उपचुनाव 2016 में दो साल बाद नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली और इसके बाद उन्होंने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया. वे 2016 में बीजेपी के टिकट से उपचुनाव लड़े और जीते.
15. 2018 के विधान सभा चुनाव में मैहर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने नारायण त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया और वे जीते व विधायक बने. उन्हें कुल 54877 वोट मिले. वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीकांत चतुर्वेदी कुल 51,893 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और वे 2984 वोटों से यह चुनाव हार गए.

Last Updated : Dec 3, 2023, 6:40 AM IST
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