सतना। एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं की बगावत लगातार सामने आ रही है. हम बात कर रहे हैं, सतना जिले की सात विधानसभा सीटों की. जहां पर सात में से चार विधानसभा सीटों में पार्टी के कद्दावर नेताओं के बगावती सुर सामने आए हैं. जिनमें मुख्य रूप से नागौद और रैगांव विधानसभा शामिल है. इस बगावत के डैमेज कंट्रोल को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बागी नेताओं को मनाने के लिए सतना पहुंचे थे. जहां उन्होंने बागी नेताओं से गुफ्तगू कर उन्हें मनाया.
4 विधानसभा क्षेत्र के नेता हुए बागी: मध्य प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी एवं कांग्रेस के अलावा अलग-अलग पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में टिकट वितरण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में क्षेत्रीय दिग्गज नेताओं की उथल-पुथल मची हुई है. हम बात कर रहे हैं, सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी की जहां सतना जिले की सात विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों की घोषणा की जा चुकी है. जिसके बाद विधानसभा क्षेत्र में दावेदारी करने वाले पार्टी के क्षेत्रीय दिग्गज नेताओं के अंदर नाराजगी और बगावत खुलकर सामने आने लगी है. वहीं जिले की 7 विधानसभा में से 4 विधानसभा में बड़े नेता बागी हो चुके हैं.
कैलाश विजयवर्गीय ने बागी नेताओं से की मुलाकात: बागी नेताओं में मुख्य रूप से नागौद विधानसभा क्षेत्र में लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेंद्र प्रताप सिंह इस मर्तबा नागौद विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे. गगनेंद्र सिंह नागौद विधानसभा क्षेत्र से दो बार अलग-अलग दल से विधायक रह चुके पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह के बेटे हैं. इस बार फिर बीजेपी ने एक बार फिर निवर्तमान विधायक नागेंद्र सिंह को टिकट दे दी है. टिकट की घोषणा होने के बाद गगनेंद्र प्रताप सिंह के समर्थकों ने भाजपा कार्यालय में अपना विरोध प्रदर्शन किया था. उसके बाद दूसरे दिन शहर के पतेरी में एक निजी पैलेस में शक्ति प्रदर्शन दिखाते हुए समर्थकों की रायसुमरी की थी. फिर सतना एयरपोर्ट पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से गगनेंद्र सिंह ने मुलाकात की. जहां विजयवर्गीय गगनेंद्र सिंह को पेड़ के किनारे ले जाकर गुफ्तगू भी की, लेकिन गगनेंद्र नहीं माने और उन्होंने उनसे मिलने के बाद दोपहर में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर अपना निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया. हालांकि कैलाश विजयवर्गीय के मनाने पर गगनेंद्र प्रताप सिंह ने अपना पर्चा वापस लेने की बात खुले मंच से कह दी है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना नामांकन अभी तक वापस नहीं लिया है.
नेताओं ने सर्वे रिपोर्ट दिखाने की कही बात: इस बारे में गगनेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हमने नामांकन दाखिल किया है, ये प्रजातंत्र है, हमने प्रजातांत्रिक व्यवस्था में नमांकन दाखिल किया है, लेकिन पार्टी के जो फैसले हुए हैं. उससे मन आहत हैं, मैंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से निवेदन किया है की अगर सर्वे हुआ है तो मुझे दिखा दे. पार्टी ने नागौद विधानसभा क्षेत्र से ऐसे कार्यकर्ता को टिकट दिया है, जो पहले से चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रहे थे. मैंने इन्हीं मुद्दों को लेकर आज नामांकन दाखिल किया है. हां कैलाश विजयवर्गीय हमारे वरिष्ठ नेता हैं, मुझसे मुलाकात हुई है और उनसे हमने अपनी पीड़ा व्यक्त की है, क्योंकि अगर सर्वे रिपोर्ट में मेरा नाम नहीं है तो ठीक है, लेकिन अभी तक तो पार्टी में जो संवादहीनता की जो स्थति है, ऐसे कभी नहीं थी, क्योंकि पार्टी में मैं भी इतने दिनों से कार्य कर रहा हूं.
पुष्पराज बागरी को विजयवर्गीय ने मनाया: इसके साथ ही रैगांव विधानसभा क्षेत्र जहां पूर्व मंत्री एवं विधायक स्वर्गीय जुगल किशोर बागरी के बड़े बेटे पुष्पराज बागरी ने सोशल मीडिया में बीजेपी के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया था. बता दें की पुष्पराज बागरी पिता के निधन के बाद टिकट की दावेदारी कर रहे थे. इसके पूर्व में उपचुनाव में पुष्पराज बागरी को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट से दरकिनार किया था, तो वहीं अब फिर 2023 के चुनाव में दरकिनार कर दिया गया, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के मानने पर पुष्पराज बागरी वापस बीजेपी में बने हुए हैं.
इस बारे में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा की "गगनेंद्र सिंह और पुष्पराज बागरी दोनों हमारे छोटे भाई हैं. हम अधिकार पूर्वक उनसे कह सकते हैं की चुनाव नहीं लड़ेंगे और दोनों पार्टी का काम करेंगे. अगर टिकट की बात तो यह पार्टी का निर्णय है, पार्टी के निर्णय में मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.
बहरहाल, सतना विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के दिग्गज नेता रत्नाकर चतुर्वेदी (शिवा) ने भाजपा छोड़ दी. तो वहीं चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से सुभाष शर्मा (डोली) ने भाजपा छोड़ दी, दोनों युवा नेताओं ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया और सतना से शिवा तो चित्रकूट से डोली शर्मा बसपा के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर चुके हैं.